- कई जिलों से संपर्क टूटने से बैठने लगा सिटी का मार्केट

- होलसेल से लेकर रिटेल मार्केट तक में पसरा सन्नाटा

- आम दिनों की तुलना में 70 से 80 प्रतिशत कम हो रहा कारोबार

GORAKHPUR: बाढ़ का कहर अब मार्केट पर भी साफ दिखने लगा है। जिले के कई हिस्सों के बाढ़ग्रस्त होने से शहर का मार्केट मंदा होता जा रहा है। होलसेल से लेकर रिटेल तक व्यापारी मार्केट में पसरे सन्नाटे से परेशान हैं। हाल ये कि रोजना होने वाली बिक्री अब हफ्ते भर में भी नहीं हो पा रही है। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट टीम ने मंगलवार को शहर के प्रमुख होलसेल से लेकर फुटकर मार्केट का जायजा लिया। परेशान व्यापारियों ने बताया कि बीते एक हफ्ते में मार्केट करीब 80 प्रतिशत बैठ गया है।

होलसेल मार्केट पर अधिक असर

बाढ़ का सबसे अधिक असर होलसेल मार्केट पर दिख रहा है। आसपास के सभी प्रमुख जिलों से लेकर नेपाल तक का रास्ता बंद है। ऐसे में वहां के व्यापारी ना तो माल लेने यहां आ सकते हैं और ना ही यहां से माल जा सकता है। फुटकर मार्केट की बात की जाए तो शहरी इलाका भी बाढ़ से घिरा हुआ है। साथ ही लगन और त्योहार का सीजन भी नहीं है। इससे फुटकर बाजारों में भी पूरी तरह सन्नाटा पसरा हुआ है।

गल्ला मंडी हो गई ठंडी

वैसे तो साहबगंज और गल्ला मंडी मंगलवार को बंद ही रहता है। लेकिन बाढ़ के चलते इसकी हालत और बुरी है। हर तरफ पानी होने के चलते रास्ते बंद हैं। इससे आसपास के एरियाज में होने वाला व्यापार पूरी तरह ठप हो गया है। जिन मंडियों में सुबह से लेकर देर रात तक पैर रखने की जगह नहीं होती, वहां इन दिनों व्यापारी बैठे ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं। किराना व्यापारियों के मुताबिक इन दिनों करीब 80 प्रतिशत मार्केट गिर गया है।

कपड़ा मार्केट भी फीका

कपड़ा मार्केट भी बहुत अच्छी स्थिति में नहीं है। व्यापारियों के मुताबिक जुलाई-अगस्त के महीने में मार्केट थोड़ा फीका रहता है। लेकिन होलसेल मार्केट पर इसका कोई खास असर नहीं पड़ता। वजह, इन्हीं दो महीनों में व्यापारी माल स्टॉक कर अक्टूबर से शुरू होने वाले त्योहारों और लगन की तैयारी करते हैं। इस बार बाढ़ की वजह से होलसेल से लेकर कपड़ों का फुटकर मार्केट सब बैठ गया है।

दवा बाजार भी बदहाल

कुछ ऐसी ही स्थिति भालोटिया स्थित दवा बाजार की भी है। बाढ़ के चलते रास्ते बंद हो जाने से दवा बाजार का कारोबार भी गिरकर आधा हो गया है। व्यापारियों के मुताबिक यहां से नेपाल से लेकर बिहार तक दवा का कारोबार होता है। लेकिन इन दिनों बाढ़ की वजह से दवा जैसी जरूरी चीज का कारोबार भी ठप हो गया है।

इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स के कस्टमर नहीं

इलेक्ट्रॉनिक बाजारों में भी असर साफ दिख रहा है। इलेक्ट्रॉनिक मार्केट शाही मार्केट से लेकर रेती रोड तक सन्नाटा पसरा हुआ है। फुटकर दुकानों की बिक्री तो दूर कई दुकानों पर एक सामान बिकना तक मुश्किल होता जा रहा है। व्यापारियों का मानना है कि होलसेल में जहां 70 से 80 फीसद तक की गिरावट आई है, वहीं फुटकर का भी कारोबार आधा से कम हो गया है।

शहर में कम हुई आमद

आम दिनों में आस-पास के जिलों और ग्रामीण इलाकों से गोरखपुर शहर में करीब दो से ढाई लाख लोग आते हैं। लेकिन बाढ़ के बाद से यह औसत गिरकर एक लाख तक आ गया है। यह भी कोई बड़ी खरीदारी करने नहीं आ रहे हैं।

बाढ़ में ऐसे गिरा बाजार

बाजार आम दिनों में रोजाना ब्रिकी वर्तमान बिजनेस

दवा 3 से 4 करोड़ 1 से 1.5 करोड़

किराना 2.5 से 3 करोड़ 1 करोड़

इलेक्ट्रॉनिक 8 से 10 करोड़ 2 से 3 करोड़

कपड़ा 2 से 3 करोड़ 1 करोड़

नोट - मार्केट में बिक्री का रिकॉर्ड अनुमानित है।

कोट्स

बाढ़ की वजह से कारोबार लगातार गिरता जा रहा है। आसपास के एरियाज के कस्टमर बिलकुल नहीं आ रहे हैं। रास्ता बंद होने की वजह से माल भी नहीं भेजा जा सकता। चारों ओर पानी होने से कर्मचारी भी समय से पूर्व दुकान छोड़ दे रहे हैं।

- मनीष चांदवासिया, अध्यक्ष, चेंबर ऑफ ट्रेडर्स

दवा का कारोबार बिहार से लेकर नेपाल तक फैला हुआ है। रास्ते बंद होने से व्यापार में आधे से अधिक की गिरावट आ गई है। फुटकर कारोबार पर तो असर है ही लेकिन इसका सबसे अधिक असर होलसेल मार्केट पर पड़ा है।

- योगेंद्र दुबे, अध्यक्ष, दवा समिति (थोक)

बाढ़ का असर मार्केट पर पूरी तरह पड़ा है। पहले जहां कस्टमर्स की दुकानों पर लाइन लगी होती थी, अब व्यापारी बैठे कस्टमर का इंतजार कर रहे हैं। करीब 80 प्रतिशत बाजार गिरा है।

- अश्विनी कुमार, होलसेल इलेक्ट्रॉनिक व्यापारी

शहर से अधिक आसपास के एरियाज से कस्टमर आते थे, लेकिन बाढ़ की वजह से कोई शहर में आ ही नहीं पा रहा। इससे कपड़ों की मार्केट का काफी बुरा हाल है।

- जुबैर अहमद, कपड़ा व्यापारी