-तिवारीपुर पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार कर किया खुलासा

-खाते में पैसा मंगाने के नाम पर मिलता था पांच हजार महीना

-गोरखपुर में दो हजार बैंक खातों पर आईटी व पुलिस की नजर

GORAKHPUR: बेरोजगार और गरीब युवाओं को अपनी जाल में फंसाकर शहर के कई सफेदपोश अपनी ब्लैक मनी को व्हाइट कर रहे हैं। इसके लिए वह मजबूर व जरूरतमंद युवाओं के फर्जी बैंक खाते खुलावाकर उसमें अपनी ब्लैक मनी का ट्रांजेक्शन कर रहे हैं। इसके एवज में बैंक खाता खुलवाने वालों को महीने में पांच से दस हजार रुपए दिया जा रहा है। लेकिन ऐसा करना शहर के पांच युवाओं को बेहद भारी पड़ गया। तिवारीपुर पुलिस ने पांच युवाओं को गिरफ्तार किया है, जो अलग-अलग बैंकों में अपना फर्जी बैंक खाता खोलकर सफेदपोशों के ब्लैक मनी का ट्रांसजेक्शन कर रहे थे। हालांकि इस गैंग का मेन सरगना अभी पुलिस की पकड़ से दूर है।

फर्जी खाता खोलना पड़ा महंगा

सोमवार को खुलासा करते हुए कोतवाली सीओ तारकेश्वर पांडेय ने बताया कि तिवारीपुर पुलिस को मुखबीर के जरिए सूचना मिली कि एक युवक एरिया के कुछ लड़कों के फर्जी बैंक खाते खुलवा रहा है और उसमें होने वाले ट्रांजेक्शन के एवज में उन्हें बैठे बिठाए धन कमाने का ऑफर दे रहा है। इस सूचना को पुख्ता करते हुए तिवारीपुर इंस्पेक्टर संजय कुमार सिंह ने अपने हमराही फोर्स के साथ पहले बहरामपुर रहने वाले एक युवक दिनेश कुमार को हिरासत में लिया। पूछताछ के दौरान उससे पता चला कि सुरेंद्र व संतोष नाम के लड़कों ने उसका बैंक खाता खुलवाया था। इस तरह पुलिस ने एक-एक कड़ी जोड़ते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि इस गैंग का असली सरगना शाहपुर एरिया के शिवपुर सहबाजगंज का रहने वाला शुभम पांडेय उर्फ गोलू है। जो फरार चल रहा है।

पुलिस को सरगना की तलाश

सीओ कोतवाली ने बताया कि पकड़े गए सभी आरोपियों की उम्र 20 से 22 वर्ष के बीच है। इनमें से कोई किसी दुकान पर काम करता है तो कोई बेरोजगार है। वहीं, कोई आरोपी छोटी-मोटी दुकान लगाता है। तारकेश्वर पांडेय ने बताया कि जब इनके बैंक खातों की जांच की गई तो पुलिस के होश ही उड़ गए। इसी साल के नवंबर में खोले गए इन बैंक खातों में अब तक करीब सवा सौ करोड़ रुपए से अधिक का ट्रांजेक्शन हो चुका है। बताया कि इन आरोपियों के एक नहीं, बल्कि कई बैंक खाते एसबीआई मेन ब्रांच से लेकर पीएनबी, केनरा और इंडियन बैंकों में खोले गए हैं। पुलिस ने बैंकों से संपर्क कर सभी बैंक खातों को सीज करा दिया है। वहीं, इन खातों में एटीएम के जरिए ट्रांजेक्शन करने वाले और खातों का संचालन करने वाले का बैंक में लगे सीसीटीवी फुटेज की मदद से पहचान की जा रही है। पुलिस का दावा है कि इसके पीछे एक बड़ा नेक्सेस काम कर रहा है। जिसका जल्द पर्दाफाश कर दिया जाएगा।

40 से 85 लाख तक का ट्रांजेक्शन

इतना ही नहीं सीओ कोतवाली तारकेश्वर पांडेय ने बताया कि जब इन आरोपियों के बैंक खातों की जांच की गई तो खाता खोलते समय लगाए गए सभी डाक्यूमेंट्स भी फर्जी निकले। पैन नंबर की मदद से इनका पता ट्रेस कर इन्हें गिरफ्तार किया गया। वहीं, नवंबर महीने से अब तक अलग-अलग बैंक खातों में 40 से 85 लाख रुपए आए हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की मदद से यह पता लगा रही है कि आखिर इन खातों में इतनी मोटी रकम आ कहां से रही है। वहीं पकड़े गए आरोपियों की पहचान दिनेश कुमार बहरामपुर तिवारीपुर, सुरेंद्र कुमार कोलिया, बेलीपार, संतोष कुमार शर्मा बनोवड़ा, सहजनवा, ऋषि कुमार सूर्यकुंड, तिवारीपुर और विजय कुमार सूरजकुंड, तिवारीपुर के रूप में हुई।

दो हजार बैंक खातों पर आईटी की नजर

वहीं, इस गैंग के खुलासे के साथ ही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट भी पूरी तरह से अलर्ट है। इनकम टैक्स अधिकारियों के मुताबिक गोरखपुर में अब तक करीब दो हजार ऐसे बैंक खातों को चिन्हित किया जा चुका है, जिसमें इधर कुछ दिनों से मोटी रकम यानी कि लाखों में ट्राजेक्शन होने लगा। आईटी इन खातों पर नजर रख रही है। इनकम टैक्स सूत्रों का दावा है कि जीएसटी लागू होने से ब्लैक मनी रखने वाले बिजनेसमैन और सफेदपोश परेशान हैं। उन्हें इसकी भारी कीमत न चुकानी पड़े, इसके लिए ऐसे लोगों ने ऐसे युवाओं को अपने झांसे में लेकर फर्जीवाड़े का नया हथकंडा अख्तियार कर रखा है।