- मोबाइल फोन के गुर सीख कर होंगे लैस

- थानेदार, दरोगा और कांस्टेबल चलाएंगे मैंसेजर

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : गोरखपुर पुलिस भले ही पूरी तरह इंटरनेट से न जुड़ सकी, लेकिन पुलिस को स्मार्ट बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। पुलिसवालों की अंगुलियां अब स्मार्टफोन के कीबोर्ड पर खटपट करेंगी। एसएसपी ने इसका खाका तैयार किया है। जल्द ही पुलिस कर्मचारी स्मार्टफोन के जरिए अफसरों से मामले शेयर करेंगे। एसएसपी ने कहा कि पुलिस को स्मार्ट बनाने की कोशिश की जा रही है। मोबाइल टेक्नोलॉजी का यूज काफी फायदेमंद साबित होगा।

स्मार्टफोन से मौका-ए-वारदात की दे रहे जानकारी

गोरखपुर पुलिस में ज्यादातर पुलिस कर्मचारी स्मार्टफोन यूज कर रहे हैं। इसके थ्रू वे सोशल साइट्स के साथ ही विभिन्न प्रकार के मैसेंजर्स भी यूज कर रहे हैं। पुलिस कर्मचारियों के बीच व्हाट्सएप फेमस है। पुलिसवाले अपने एरिया में होने वाली घटनाओं के संबंध में ताजा जानकारी मैंसेजर से अफसरों को दे रहे हैं। इसका फायदा पुलिस को इस तरह मिला है कि ऑडियो, वीडियो के जरिए हालात पर अफसर बराबर नजर रख रहे हैं। इसके फायदे को देखते हुए इसको अनिवार्य रूप से लागू किए जाने पर विचार किया जा रहा है।

सभी थानेदारों के मोबाइल नंबर्स होंगे ऑनलाइन

कंप्यूटर की सुविधा से थानों को लैस करने की तैयारी चल रही है। ऑनलाइन एफआईआर की योजना में ज्यादातर जगहों पर कंप्यूटर भेज दिए गए हैं। ऐसे में मोबाइल के सहारे ऑनलाइन होने की कोशिश शुरू की गई है। एसएसपी, एसपी सिटी, एसपी ग्रामीण, सीओ और सभी थानेदारों के मोबाइल नंबर्स मैसेंजर के माध्यम से ऑनलाइन होंगे। सीयूजी नंबर्स के ऑनलाइन होने पर पब्लिक भी अपनी प्रॉब्लम शेयर कर सकेगी। जरूरत पड़ने पर अफसर इसके माध्यम से गाइडलाइन भी जारी कर सकेंगे।

स्मार्ट फोन की टेक्नोलॉजी काफी मददगार है। मैसेंजर्स की उपयोगिता को देखते हुए इसका इस्तेमाल उपयोगी साबित हो सकता है। इसके तहत सभी थानेदारों, सीओ, एसपी को ऑनलाइन करने की योजना है।

रामकृष्ण भारद्वाज, एसएसपी