- आरटीओ की ओर से प्राइवेट गैराजों को मिलनी थी गाडि़यों की फिटनेस जांच की जिम्मेदारी

- अवैध कमाई बंद होती देख नियम लागू कराने में कर्मचारी बरत रहे कोताही, एक साल बाद भी नहीं हो सका अमल

GORAKHPUR: वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट को लेकर बने नए नियम को आरटीओ के जिम्मेदार जानबूझकर अनदेखा करने में लगे हैं। हाल ये है कि एक साल बाद भी आरटीओ के अलावा प्राइवेट गैराज से भी वाहनों का फिटनेस सर्टिफिकेट जारी होने का नियम लागू नहीं हो सका है। बता दें, वाहन स्वामियों को आसपास मोहल्ले में ही वाहन के फिटनेस जांच की सुविधा मिल जाए, इसे लेकर 2016 में ही ट्रांसपोर्ट कमिश्नर की ओर से आदेश जारी किया गया था। उन्होंने आरटीओ के जिम्मेदारों को इसके लिए प्रचार-प्रसार करने को कहा था ताकि प्राइवेट मैकेनिक आरटीओ से संपर्क कर सकें। लेकिन यहां ऐसा नहीं हो सका।

बिना देखे ही देते हैं सर्टिफिकेट

बता दें, आरटीओ ही तय करता है कि वाहन सड़क पर चलने लायक है कि नहीं। इसके लिए विभाग के कर्मचारी फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करते हैं। लेकिन, यहां इस कार्य में जबरदस्त लापरवाही होती है। यहां के आरटीओ के जिम्मेदार वाहन को देखने की भी जहमत नहीं उठाते और सर्टिफिकेट जारी कर देते हैं। ऐसे में खटारा गाडि़यों के साथ ही धुआं छोड़ती गाडियां भी सड़क पर फर्राटा भरती रहती हैं। हाल ये है कि यहां वाहन फिटनेस का एक भी मानक पूरा नहीं किया जाता। जबकि, नियम के मुताबिक वाहन को सामने चलाकर परख कर ही फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करना होता है। लेकिन हैरानी वाली बात ये है कि आरटीओ के पास ना तो टेस्टिंग किट है और ना ही वाहनों को चलवाने का कोई ट्रैक। बावजूद इसके कर्मचारी अपनी जेब भरकर खटारा गाडि़यों के भी फिटनेस आसानी से जारी कर देते हैं।

प्राइवेट बाबू करते हैं फिटनेस

एक साल पुरानी इस योजना के अब तक लागू ना हो पाने की सबसे बड़ी वजह है इससे आरटीओ कर्मचारियों की अवैध कमाई पर रोक लग जाना। आरटीओ अधिकारियों के मुताबिक मौजूदा समय में गाडि़यों का फिटनेस गीडा स्थित आरटीओ कार्यालय से होता है। लेकिन हैरानी वाली बात है कि इसके लिए आरटीओ का कोई अधिकारी नहीं जाता, बल्कि अधिकारियों के अंडर कार्यरत प्राइवेट बाबू ही बिना जांच किए सर्टिफिकेट जारी कर देते हैं।

सख्त हुए एटीसी, जारी किया आदेश

आरटीओ की इस उदासीनता पर सख्त रुख अपनाते हुए एक बार फिर नई व्यवस्था को लागू कराने के लिए एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर गंगाफल ने आरटीओ अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। उनका कहना है कि इस महत्वाकांक्षी योजना को हर हाल में शुरू कराया जाए। इसके लिए लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर की इस सख्ती के बाद अब आनन-फानन में आरटीओ अधिकारी इसे लेकर सक्रिय हुए हैं। अधिकारियों के मुताबिक इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इच्छुक मैकेनिक आरटीओ ऑफिस से इसकी पूरी जानकारी ले सकते हैं।

वर्जन

प्राइवेट गैराज से फिटनेस जारी करने के लिए तैयारी शुरू हो चुकी है। योजना का प्रचार-प्रसार भी शुरू कर दिया गया है। इच्छुक मैकेनिक विभाग से विस्तृत जानकारी हासिल कर सकते हैं। फिलहाल गाडियों की फिटनेस जांच गीडा स्थित कार्यालय में की जा रही है। गाडि़यों की पूरी जांच करने के बाद ही उन्हें सर्टिफिकेट प्रदान किया जाता है।

- एम अंसारी, आरटीओ