- लखनऊ के ब्राइट लैंड कॉलेज में पहली क्लास के बच्चे पर सीनियर सेक्शन की छात्रा ने किया था हमला

- दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के रियल्टी चेक में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

-खतरे में बच्चे का लोगो

GORAKHPUR: गुरुग्राम स्थित रेयान इंटरनेशनल कॉलेज और लखनऊ के त्रिवेणी नगर स्थित ब्राइट लैंड कॉलेज में हुए दिल दहला देने वाली घटना ने गोरखपुर को भी झकझोर दिया है। गुरुवार सुबह जैसे ही घटना की सूचना लोगों को मिली चर्चा का विषय बन गया। लगातार हो रही ऐसी घटनाओं से सहमे पैरेंट्स ने अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर स्कूल व पुलिस प्रशासन से सवाल करना शुरू कर दिया है। साथ ही अब सुरक्षा की गारंटी मांगने लगे हैं।

फार्मेलिटी के लिए होती है चेकिंग

अभिभावकों के डर को देखते हुए गुरुवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने स्कूलों की सुरक्षा का जायजा लिया। इसमें कई तरह की लापरवाही का खुलासा हुआ। ज्यादातर स्कूलों में मेन गेट पर केवल दिखावे के लिए पैरेंट्स के नाम, पता व पूरा ब्यौरा लिया जाता है। लेकिन स्कूल में प्रवेश करने वाले स्कूली बच्चों के बैग की चेकिंग नहीं होती है। हैरानी की है कि अभी भी गोरखपुर के ज्यादातर स्कूलों के बाथरूम के पास सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए हैं। जबकि, लगाने का आदेश महीनों पहले आ चुका है। आज भी सीबीएसई बोर्ड व बेसिक शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त विद्यालयों में सुरक्षा के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती है। सिटी में करीब 650 से ज्यादा प्राइवेट स्कूल हैं। इनमें से 70 स्कूल सीबीएसई बोर्ड और 17 आईसीएससीई बोर्ड के स्कूल हैं। बाकी के स्कूल बेसिक शिक्षा विभाग से मान्यता लेकर चल रहे हैं। इसके अलावा यूपी बोर्ड के 450 से उपर विद्यालय हैं। वहीं, 3235 परिषदीय ि1वद्यालय हैं।

इन बातों पर स्कूल वालों को देना चाहिए ध्यान

-प्राइमरी, जूनियर और सेकेंड्री क्लास के बच्चों के बैग की होनी चाहिए प्रॉपर चेकिंग

-प्रत्येक बच्चे के बैग की चेकिंग के लिए स्कूलों में बैग स्कैनर लगाया जाना चाहिए

-सेंसेटिव प्वाइंट पर लगे सीसीटीवी कैमरे

-टाइम टू टाइम बच्चों की काउंसलिंग होनी चाहिए।

-जिद्दी और बदमाश बच्चों की सूची बनाकर उनके पैरेंट्स की अलग से होनी चाहिए काउंसलिंग

-काउंसलिंग रिपोर्ट आने के बाद जिद्दी व बदमाश बच्चों पर टीचर्स की विशेष निगरानी होनी चाहिए।

-मेन गेट से लगाए क्लास रूम तक प्रत्येक बच्चे के बैग समेत पूरी तलाशी ली जानी चाहिए

- मोबाइल या फिर गैजेट्स जैसे सामान पर पूरी तरह पतिबंध लगाना चाहिए।

कोट्स

बच्चों की मानसिकता बिगड़ती जा रही है। इसके लिए कहीं न कहीं पैरेंट्स भी गैर जिम्मेदार है। चूंकि बच्चों को पहले की तरह डांटा फटकारा नहीं जा सकता है, अब टीचर्स ही डर कर रहते हैं। ऐसे में बच्चे पूरी तरह से निडर होते जा रहे हैं। अनुशासन बनाना बेहद कठिन हो गया है। जब तक बच्चे टीचर्स व प्रिंसिपल से नहीं डरेंगे तब तक इस तरह की शिकायत आती रहेगी।

डेविड सिरिल, प्रिंसिपल, सेंट जूड्स स्कूल

स्कूल में जो भी बच्चा शरारत करता है पहले हम उसे समझाते हैं। उसके बाद भी अगर नहीं मानता है तो उसकी काउंसलिंग कराते हैं। काउंसलिंग के बाद सुधार नहीं होता है तो उसे स्कूल से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। इसके अलावा सरप्राइज चेकिंग कराई जाती है। स्कूल में बाइक या फिर किसी भी प्रकार के गैजेट्स लाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। बावजूद इसके अगर सूचना मिलती है तो उसके पैरेंट्स से इस बात की शिकायत की जाती है।

फादर जैयमॉन, लिटिल फ्लावर स्कूल, धर्मपुर

हमारे स्कूल में बच्चों की पूरी काउंसलिंग कराई जाती है। सिक्योरिटी के लिए अलग से पूरा सेटअप है। जो पूरी तरह से बच्चों पर निगरानी रखते हैं। इसके अलावा प्रत्येक क्लास रूम समेत टायलेट के आसपास सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।

जी चंद्रा, डॉयरेक्टर, सेंट पॉल स्कूल

स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाता है। रेयान इंटरनेशनल स्कूल में हुई घटना के बाद से ही हमने बच्चों की काउंसलिंग शुरू करा दी है। सरप्राइज चेकिंग अक्सर कराई जाती है। अगर किसी बच्चे की मनोदशा बदल रही है तो उसके पैरेंट्स से बात की जाती है।

अजय शाही, प्रेसीडेंट, गोरखपुर स्कूल एसोसिएशन

पैरेंट्स

स्कूल में सीनियर बच्चों की प्रापर चेकिंग होनी चाहिए। प्रत्येक बच्चों को इस बात की काउंसलिंग कराई जानी चाहिए कि वे अपने जूनियर्स के साथ कैसे पेश आए। साथ ही स्कूल प्रशासन को प्रापर जूनियर व सीनियर क्लास के बच्चों की काउंसलिंग होनी चाहिए।

राजू लोहारिका, अभिभावक

रेयान और ब्राइटलैंड स्कूल में हुई इस घटना की जानकारी मिलने के बाद से दिल दहल गया है। बच्चा जब स्कूल जाता है और जब तक आ नहीं जाता है, तब तक चिंता बनी रहती है। स्कूल प्रशासन को सुरक्षा को लेकर सख्ती दिखानी होगी। लेकिन बच्चों पर जुर्म नहीं करना चाहिए।

राजेश निभानी, अभिभावक

बेटे ने कुछ दिन पहले मुझे इस बात की जानकारी दी की उसके स्कूल के बाथरूम में सीनियर भईया ने दूसरे स्टूडेंट को बंद कर दिया था। वह काफी देर तक चिल्लाया, लेकिन किसी ने खोला नहीं। उस लड़के ने बाथरूम की खिड़की से दूसरे बाथरूम में कूद कर किसी तरह से अपनी जान बचाई। रेयान इंटरनेशनल व ब्राइट लैंड स्कूल में हुई इस घटना के बाद से दिल दहल गया है। बच्चे की सुरक्षा को लेकर डर सा बना रहता है। स्कूल को शरारती तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी।

अखिलेश सिंह, अभिभावक

आजकल जिस तरह की घटनाएं स्कूलों में हो रही हैं। इससे बहुत डर सा बन गया है। जब तक बच्चा घर नहीं आ जाता है तब तक मैं घर फोन कर पूछती रहती हूं। ब्राइट लैंड व रेयान इंटरनेशनल स्कूल में हुई इस घटना ने स्कूल सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर दिया है।

धर्मेद्र मिश्रा, अभिभावक