GORAKHPUR: दैनिक जागरण आई नेक्स्ट प्रजेंट्स नाईसिल गर्मी लगी क्या कार्यक्रम में गुरुवार को भी सिटी की पब्लिक ने खुलकर अपनी बात कही। हरिओमनगर स्थित प्राइम क्लासेज, विजय चौक गैस गोदाम गली स्थित एसएस एकेडमी, सिनेमा रोड स्थित टिनी टॉट्स प्ले वे में ग‌र्ल्स, ब्वॉयज से लेकर उनके पैरेंट्स व टीचर्स ने अपनी सिटी के बारे में अपना नजरिया रखा। अधिकतर ने माना कि सिटी में ट्रैफिक सिस्टम भगवान भरोसे है। यह सुधर जाए तो काफी हद तक बात बन जाए।

प्राइम क्लासेज, हरिओम नगर

दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट टीम गुरुवार को हरिओम नगर स्थित प्राइम क्लासेज में पहुंची। पहले से ही स्टूडेंट्स-टीचर्स की टीम डिबेट के लिए तैयार थी। बिना लाग-लपेट के ट्रैफिक प्रॉब्लम पर खुलकर बहस की और अपना नजरिया सामने रखा। सबका कहना था कि सिटी में यह सबसे बड़ी प्रॉब्लम है। इसके चलते पॉल्यूशन बढ़ रहा है, जिसका असर स्वास्थ्य पर पड़ता है। जाम में फंसे होने के कारण टाइम लॉस होता है वहीं पेट्रोल के रूप में पॉकेट की भी चपत लगती है। अभी तो मौसम कुछ ठीक है तो चल जाता है लेकिन गर्मी आते ही जाम में फंसने पर बुरा हाल हो जाएगा। सिटी में कोई जगह नहीं, जो जाम का शिकार न हो। मेन चौराहा काली मंदिर, मोहद्दीपुर, हरिओम तिराहे से अंबेडकर चौक, कचहरी, बैंक रोड, सिनेमा रोड पर तो हमेशा ही जाम लगता है। ऑफिस जाने वाले लोग हों, स्कूल जाने वाले स्टूडेंट्स या फिर मार्केट जाने वाली महिलाएं, जाम से हर कोई देर से पहुंचता है।

एसएस एकेडमी, गैस गोदाम गली, विजय चौक

एसएस एकेडमी में 20 से 25 की संख्या में स्टूडेंट व टीचर्स ने चर्चा में पार्टिसिपेट किया। सबने माना कि चौक-चौराहों पर अफसर जाम की समस्या से निजात दिलाने का दावा करते हैं, तरह-तरह की सख्ती करने की बात करते हैं लेकिन कोई लाभ नहीं दिखता। जिन चौराहों पर पुलिस तैनात रहती है, वहां भी रूल फॉलो नहीं किया जाता। आज भी राहगीर जाम की तकलीफ और मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। मुख्य चौराहों से निकलने वाले वन वे रास्तों पर भी किसी प्रकार का रोक-टोक नहीं है। शहर में पार्किंग तक की व्यवस्था ठीक नहीं है। गोल घर, सिनेमा रोड, सिटी मॉल आदि स्थानों पर तो अक्सर ही जाम से दो-चार होना पड़ता है। हालांकि लोग भी कम नहीं हैं, वे पार्किंग प्लेस वाले जगहों पर गाड़ी न खड़ी कर, मेन रोड के किनारे ही खड़ी कर देते हैं। पब्लिक को खुद ही ट्रैफिक रूल फॉलो करने चाहिए लेकिन यदि वह नहीं कर रही तो पुलिस को भी चाहिए कि वह रूल फॉलो कराए ताकि अन्य लोगों को इससे दिक्कत न हो। यदि कोई नियम तोड़ता है तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाना चाहिए। सबसे जरूरी है कि रोड किनारे के एन्क्रोचमेंट हटाए जाएं। एन्क्रोचमेंट हटा दिया जाए और

टिनी टॉट्स प्ले वे, सिनेमा रोड

टिनी टॉट्स प्ले वे में 20 से 30 महिलाएं, टीचर्स व अन्य लोग चर्चा में शामिल हुए। चर्चा में यह बात सामने आई कि सिटी में ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के लिए जिम्मेदार कोशिश तो करते हैं लेकिन उसमें निरंतरता नहीं रहती। कुछ दिन टाइट रहने के बाद अधिकारी लूज हो जाते हैं। कुछ दिन बाद ही व्यवस्था पुराने ढर्रे पर आ जाती है। यदि रूल बने और उसका लगातार फॉलो किया जाता रहे तो ट्रैफिक की प्रॉब्लम जल्द ही दूर हो जाएगी। मेन रोड के बीच में जहां डिवाइडर बनाए गए हैं, वहां जाम की समस्या कम होती है। यदि एक तरफ जाम लगता भी है तो दूसरी तरफ वाहन चलते रहते हैं लेकिन सिटी के अधिकतर रोड्स पर डिवाइडर नहीं हैं। इससे ओवरटेक करते हुए बाइक व कार वाले दूसरी लेन को भी जाम कर देते हैं। वहीं जाम की असल वजह मेन मार्केट्स में फ्री पार्किंग का नहीं होना है। टै्रफिक पुलिस ने शहर में जाने वाले कुछ ही रास्तों को वन-वे किया लेकिन सुधार नहीं है। जब तक हम अपने में बदलाव नहीं लाएंगे, तब तक व्यवस्था को सुधारा नहीं जा सकता है। जाम की सबसे बड़ी समस्या अतिक्रमण है। वहीं रोड किनारे कूड़ा भी पड़ा रहता है, जिससे रोड का वह हिस्सा अतिक्रमित हो जाता है और बचे हिस्से पर ही वाहन चलने के कारण रोड जाम हो जाता है। रोड से आवारा पशुओं को भी हटाया जाना चाहिए।

कोट

हमें खुद में बदलाव लाने की जरूरत है तभी जाकर हम सिस्टम को सुधार पाएंगे। जब तक टै्रफिक के कायदे कानून का पालन नहीं किया जाएगा। तब तक शहर के जाम से निपटा नहीं जा सकता है। हमें सभी को जागरूक करने की जरूरत है। तभी सिस्टम में सुधार आएगा और जाम से निजात मिल पाएगी।

अभिषेक राय, टीचर

पब्लिक को अपनी मेंटलिटी बदलने की जरूरत है। यदि हम सड़क पर चल रहे हैं तो हमें टै्रफिक के नियमों का ध्यान रखना चाहिए। हालांकि इस सोच से सभी काफी दूर है। ऑटो हो या दोपहिया वाहन वाले, ये तो रूल फॉलो करते ही नहीं है। कहीं भी ऑटो वाले आड़ी-तिरछी वाहन खड़ी कर देते हैं तो बाइक वाले कहीं भी थोड़ी सी जगह देखकर उसमें वाहन लेकर चले जाते हैं और रोड जाम हो जाती है। प्रशासन को इसके लिए सख्त होने की जरूरत है।

अजय पांडेय, टीचर

जाम पर किसी का भी लगाम नहीं रह गया है। हर रोज रूल टूटते हैं और ट्रैफिक के नियम बनाए जाते हैं लेकिन फिर भी व्यवस्था पुरानी जैसी है। वहीं डिवाइडर भी नहीं बनाए गए हैं जिसकी वजह से चारपहिया व टू व्हीलर फर्राटा भरते हैं और ज्यादातर एक्सीडेंट होते हैं जिसके चलते कितनों की जान तक चली जाती है। वहीं शहर पर पार्किंग का सिस्टम भी नहीं ठीक है। मेन स्थानों पर डिवाइडर के साथ गाड़ी खड़ी करने के लिए एक प्लाइंट बनाया जाना चाहिए। ट्रैफिक पुलिस को लोगों से नियमों का पालन कराने के लिए सख्ती बरतनी चाहिए। नौका बिहार के पास ज्यादातर एक्सीडेंट होते हैं लेकिन पुलिस नहीं दिखाई देती है। इस प्वाइंट पर उनकी नियमित ड्यूटी लगाए जाए।

कनक हरी अग्रवाल, टीचर

ट्रैफिक को लेकर हमें जागरूक होने की जरूरत है। यदि ट्रैफिक पुलिस वाहन चालकों को रोकने का प्रयास करती है तो वह उसे फॉलो नहीं करते हैं और नियम तोड़ते हैं। पुलिस भी कार्रवाई करने के बजाय, कुछ ले-देकर छोड़ देती है। जिससे उनका मन बढ़ जाता है और वह ट्रैफिक नियम को बार-बार तोड़ते हैं। इस पर प्रशासन और आरटीओ के साथ पुलिस को कठोर कदम उठाने की जरूरत है तभी सिस्टम में सुधार लाया जा सकता है।

अनुजा गुप्ता, हाउस वाइफ

ट्रैफिक का अच्छा रूल बनाया जाए। नियमों का पालन हो, तभी सुधार हो सकता है। अमूमन पब्लिक इन रूल का पालन नहीं करती है। रेड लाइट देखकर भी आगे बढ़ जाती है। शहर में ऑटो की संख्या अधिक होने की वजह से जाम लगता है। इनके स्टॉपेज के लिए किसी बाहरी स्थान का चुनना चाहिए जिससे इनके वाहन वहां खड़े हों। सभी मुख्य स्थानों पर पार्किंग की व्यवस्था हो। पब्लिक नियम से अपने वाहनों को उस स्थान पर खड़ी करे तभी जाकर कुछ हद तक जाम से निजात मिल पाएगा।

आलोक सिंह, टीचर

शहर में अतिक्रमण और पार्किंग व्यवस्था चुस्त दुरुस्त नहीं होने के चलते शहर में जाम की स्थिति बनी रहती है। इसके लिए नगर निगम को जमीन चिन्हित कर पार्किंग बनवाना चाहिए। वहीं पब्लिक को खुद जागरूक होने की जरूरत है। तभी जाकर सिस्टम को सुधारा जा सकता है। वहीं रेड लाइट एरिया में सीसी टीवी कैमरा लगाने की जरूरत है। जिसका पब्लिक में कार्रवाई का भय होगा और वह नियमों का पालन करेगी। रोड एक्सीडेंट में तमाम लोगों की मौत होती है। इसके बाद पुलिस कुछ ही दिन तक जागरूक होती है लेकिन इसके बाद वह अपने पुराने कार्य में लग जाती है। यदि हम कुछ सचेत रहे तो इस समस्या से निजात पा सकते हैं।

जय वर्धन राय, एसआरएस यूपी हेड