गुरिल्ला वॉर

रविवार को फूलपुर में पुलिस और पब्लिक के बीच दिन भर गुरिल्ला वॉर चलता रहा, स्थिति इस कदर बिगड़ी कि खुद डीएम और एसएसपी को जैकेट और हेलमेट पहनकर रोड पर उतरना पड़ा। इस चक्कर में हाइवे पर घंटों चक्का जाम हुआ और वाराणसी से लखनऊ जाने वाले लोग झेल गये। असल में हुआ ये कि शनिवार को एक किशोर के अपहरण के बाद परिजनों ने आरोपी के घर पर धावा बोल दिया, इसके बाद स्थिति बिगड़ गई। पूरी न्यूज अंदर के पेज पर।

- फूलपुर में किशोर के अपहरण के बाद परिजनों ने आरोपी के घर पर बोला धावा, फूंक डाली बाइक, घर में खड़ी सफारी गाड़ी में तोड़फोड़ के बाद जमकर हुआ उत्पात

- चार घंटे तक वाराणसी जौनपुर मार्ग पर ठप रहा आवागमन, पुलिस के पहुंचते ही गर्माया मामला

- पूरा का पूरा सगुनहां और सिसवां गांव टूट पड़ा पुलिस पर, घंटों हुआ पथराव आगजनी

- पुलिस ने दर्जन भर राउंड की हवाई फायरिंग, आंसू गैस के गोले संग पानी की बौछार के बाद चले डंडे

- कई पुलिसकर्मियों समेत एडीएम प्रशासन का चालक घायल

1ड्डह्मड्डठ्ठड्डह्यद्ब@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ : रविवार की सुबह लगभग 11 बजे बड़ागांव-फूलपुर थाना क्षेत्र के सगुनहा व सिसवां गांव के बीच वाराणसी-लखनऊ मार्ग पर चार घंटे तक पुलिस और ग्रामीणों के बीच गुरिल्ला वार छिड़ा रहा। मामला शुरू हुआ एक किशोर के अपहरण के बाद आरोपियों के घर पर ग्रामीणों की ओर से हमले के बाद। अपहरण से भड़के ग्रामीणों ने आरोपी के घर धावा बोला जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस को देखते ही ग्रामीणों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और ग्रामीण आरोपी को छोड़कर पुलिस टीम पर टूट पड़े। आगजनी, पथराव, आंसू गैस के गोले, हवाई फायरिंग, पानी की बौछार संग उपद्रवियों की धर-पकड़ के लिए बस्ती में पुलिस ने घुसकर घंटों छापेमारी की। इसके बाद दो दर्जन से ज्यादा उपद्रवी पुलिस के हत्थे चढ़े। इस उपद्रव में तीन पुलिस वालों समेत, दो मीडियाकर्मी और एडीएम प्रशासन को कार से उतारने के बाद कार लेकर वहां से जा रहा उनका चालक घायल है।

पहले आग फिर उत्पात

आरोप है कि सगुनहां गांव स्थित ननिहाल में रह रहे 13 साल के कन्हैया का अपहरण सिसवां गांव के रहने वाले सूर्यबली के रिश्तेदार राहुल ने अपने दो अन्य साथियों संग मिलकर शनिवार को कर लिया था। रविवार की सुबह 11 बजे घर पहुंचे कन्हैया ने बताया कि उसे अगवा कर ट्रेन से अमेठी ले जाया गया था जहां से वह किसी तरह से खुद को छुड़ाकर भाग आया। इसी कथित अपहरण को लेकर किशोर के मामा बबलू सोनकर और अन्य ग्रामीण सिसवां में आरोपी के घर पहुंच गए। यहां पहुंचने के बाद बबलू और उसके साथियों ने यहां हंगामा शुरू कर दिया। जिसके बाद घर पर मौजूद महिलाओं और पुरुषों ने विरोध किया तो उन पर टूट पड़े। इसके बाद पहले से मौजूद पेट्रोल की दो बोतलों को बबलू ने निकाला और वहां खड़ी एक बाइक पर पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया।

पुलिस ने रोका तो किया जाम

इस बीच घर में मचे उपद्रव की सूचना सूर्यबली ने पुलिस को दी। जिसके बाद मौके पर सिपाहियों ने हंगामा कर रहे लोगों को सूर्यबली के घर से बाहर निकाला। जिसके बाद उपद्रवियों ने ग्रामीणों संग मिलकर लखनऊ-वाराणसी मार्ग पर चक्काजाम शुरू कर दिया गया। चक्काजाम की सूचना पर पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई लेकिन ग्रामीणों की संख्या अधिक थी जिसे देखते हुए वज्र वाहन व वाटर कैनन मंगाया गया। चक्काजाम कर रहे ग्रामीण बार-बार आरोपी के घर धावा बोलने पर अमादा थे। यह देखते हुए पुलिस ने वाटर कैनन से बौछार कर भीड़ हटाते हुए आरोपी परिवार के सभी सदस्यों को वाहन में बिठाकर निकालने की कोशिश की। जिसे देखते ही प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण भड़क गए और वहां मौजूद पुलिस और प्रशासन की गाडि़यों और पुलिसकर्मियों पर चौतरफा पथराव शुरू कर दिया। तब तक मौके पर एडीएम प्रशासन पहुंच चुके थे। पथराव में फायर ब्रिगेड के तीन सिपाही देवधरन राम, हरेंद्र राय व अजीत कुमार सहित एडीएम प्रशासन एके अवस्थी का चालक विजय कुमार मिश्रा गंभीर रूप से घायल हो गया।

महिलाओं ने भी काटा बबाल

पुलिस टीम पर हमला बोलने वालों में पुरुषों के साथ गांव की महिलाएं भी शामिल रही। ग्रामीणों ने लगभग एक घंटे तक पुलिस टीम पर जमकर पत्थर चलाये। जिसके कारण पुलिस बैकफुट पर दिखी। बाद में पुलिस टीम जब गांव में घुसने लगी तो ग्रामीणों ने पुलिस पर पत्थर बरसाते हुए हाथों में मशाल जलाकर पुलिस को दूर रहने की चेतावनी दी। जिसके बाद हंगामा बढ़ने की सूचना पर डीएम प्रांजल यादव व एसएसपी जोगेन्द्र कुमार भारी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। साथ में पचास से अधिक महिला सुरक्षाकर्मी भी थीं। डीएम ने लाउडस्पीकर से उपद्रव कर रहे ग्रामीणों को चेतावनी दी। इस बीच फोर्स एकजुट हुई और सगुनहा के सोनकर बस्ती में जबरदस्त छापेमारी करते हुए एक-एक कर घरों से बच्चे-बूढ़े, महिलाओं और जवानों को निकालना शुरू किया। जिसके बाद पूरा मामला लगभग चार बजे नॉर्मल हुआ।

रौनक हत्याकांड रहा मेन वजह

इस पूरे मामले की मेन वजह रहा दो माह पहले हुआ रौनक हत्याकांड। सगुनहां के बीडीसी पुत्र मासूम रौनक को अगवा कर 18 जून को उसकी निर्ममता से हत्या कर दी गई थी और लाश को तेजाब से जलाया गया था। जिसके बाद परिजनों ने पड़ोस के ही सूर्याबली के बेटों अरुण, पवन और विमल मिश्रा पर रौनक की हत्या और अपहरण का आरोप लगाया था। जिसके बाद पुलिस ने पवन और अरुण को अरेस्ट कर लिया जबकि विमल फरार है। गुस्साये परिजनों ने कुछ दिन पहले कचहरी में पेशी पर आये दोनों आरोपियों पर हमला भी बोला था। परिजनों का आरोप है कि सूर्यबली और उसका परिवार इस मामले में केस कमजोर करने का दबाव बना रहा है और इसे न मानने पर ही शनिवार को बबलू के भांजे कन्हैया का अपहरण किया गया। जिसके बाद पूरा उत्पात शुरू हुआ। वहीं आरोपी परिवार का कहना है रोज रोज मिल रही धमकी के कारण वह लोग घर पर सीसी कैमरे लगा रहे थे। जिसकी जानकारी होने के बाद बबलू ने साथियों संग हमला बोल दिया।

पुलिस ने मचाया जमकर तांडव

ग्रामीणों के उपद्रवों के बाद उपद्रवियों की धर-पकड़ के नाम पर पुलिस ने सगुनहां और सिसवां गांव में घुसकर जमकर उत्पात मचाया। महिलाओं के बाल पकड़कर निकाले गए तो किशोरों पर भी लाठी बरसाई गई। घरेलू सामान तोड़ने फोड़ने के साथ फोर्स ने घरों में से फल और खाने पीने के सामान तक निकाल लिए और खाते पीते रहे। एसएसपी के अनुसार छापेमारी कर करीब दो दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया है। डीएम ने बताया कि सिसवां में एक प्लाटून पीएसी के साथ ही एक सीओ व चार एसओज को हालात सामान्य होने तक कैंप करने के आदेश दिए गए हैं। करीब चार बजे एंबुलेंस व कार आदि का संचालन वाराणसी-लखनऊ मार्ग पर शुरू कराया गया। यातायात पूरी तरह से सामान्य होने में पांच बज गए।

एडीएम की कार जा गिरी खाई में

इस पूरी घटना में पुलिस और प्रशासन दोनों के कर्मियों को नुकसान हुआ है। पथराव के दौरान तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। वहीं एडीएम प्रशासन एके अवस्थी की सरकारी कार रोड साइड नाले में जा गिरी। घटना की वजह बना ग्रामीणों की ओर से चल रहा पथराव। पत्थर एडीएम प्रशासन को छोड़कर जा रही उनकी कार के फ्रंट शीशे पर लगा और शीशा टूटने के बाद पत्थर कार चालक विजय को लग गया। जिसके बाद कार चालक कार लेकर नाले में जा गिरा।

दो दर्जन से ज्यादा के खिलाफ केस

देर रात तक पुलिस इस प्रकरण में आरोपियों की धड़ पकड़ में जुटी रही। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी विनोद, बबलू समेत पुलिस फोर्स पर हमला करने वाले ग्रामीणों में से दो दर्जन से ज्यादा लोगों को हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए गए लोगों में दर्जनों महिलाएं भी शामिल हैं। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कई अलग-अलग धाराओं में एफआईआर दर्ज की है।

पिछली घटना को वजह मान रही है पुलिस

भले ही बबलू के घर पर भांजे कन्हैया के अपहरण के बाद पूरे उग्र होने की बात कह रहे हो लेकिन पुलिस इस मामले को गलत बताते हुए रौनक की हत्या को ही पूरी घटना कही वजह बता रही है। एसएसपी जोगेन्द्र कुमार के मुताबिक इस पूरे प्रकरण के पीछे रौनक अपहरण और उसकी हत्या है। इसी का बदला लेने के लिए बबलू ने प्री प्लैंड वे में काम किया और पेट्रोल लेकर आरोपी विमल के घर पहुंचा और उसकी गाड़ी में आग लगाने के बाद तोड़ फोड़ शुरू कर दी।

झेल गई पब्लिक

पुलिस और पब्लिक के बीच हुए इस गुरिल्ला वार के कारण सबसे ज्यादा परेशान जौनपुर और लखनऊ जाने और उस ओर बनारस आने वाले पैसेंजर्स को उठानी पड़ी। चार घंटे तक चले उत्पात के कारण दोनों छोर से रास्ता बंद कर दिया गया था। जिस वजह से रोडवेज बसों और कारों की लंबी कतार लग गई।