- सर्विस मैनेजर का कहना बसों में हंड्रेड परसेंट सुरक्षा के इंतजाम

- दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने की रियलिटी चेक तो खुली पोल

BAREILLY:

परिवहन निगम की बसों से सफर करने का मतलब जान जोखिम में डालना। बस में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं, जबकि, 4 जून को हाईवे पर हुए बस हादसे में 25 लोगों के मारे जाने के बाद शासन और मुख्यालय ने तमाम दिशा-निर्देश जारी किए थे। ताकि, यात्रियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हो सके, लेकिन हादसे के 4 महीने बाद भी परिवहन निगम एक भी नियम शर्तो को पूरा नहीं कर सका है। हालांकि रीजनल वर्कशॉप के एसएम आरबीएल शर्मा का कहना है कि बसों में हंड्रेड परसेंट काम पूरे हो चुके हैं। जब दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने बसों का रियलिटी चेक मंडे को किया तो एसएम की बातों में कितनी सच्चाई है इस बात की पोल खुल गई

नहीं हटे लोहे के ऐंगल

परिवहन आयुक्त ने घटना के बाद बसों की खिड़की से लोहे के ऐंगल हटाने को कहा था। ताकि, हादसे के दौरान यात्री आसानी से बाहर निकल अपनी जान बचा सके। अभी तक लोहे के ऐंगल बसों से नहीं हटे। वहीं इमरजेंसी गेट के सामने भी सीट लगी हुई मिली।

फायर एक्सटिंग्यूशर भी गायब

किसी भी बस में फायर एक्सटिंग्यूशर होना आवश्यक होता है, परिवहन निगम की अधिकतर बसों में अभी तक फायर एक्सटिंग्यूशर नहीं लगे हैं, हालांकि, बसों में फायर एक्सटिंग्यूशर के सिलिंडर रखने के लिए स्टैंड जरूर बने हैं।

परिवार बॉक्स में टूल्स

सफर के दौरान किसी भी प्रकार की शिकायत करने के लिए बसों में कंप्लेंट बॉक्स लगा हुआ है, लेकिन उसमें टूल्स रखे हुए हैं। यही नही, सफर के दौरान किसी यात्रियों को चोट लग जाए तो फिर इलाज मिलना मुश्किल है। बसों में फ‌र्स्ट एड बॉक्स की सुविधा उपलब्ध नहीं है।

हथौड़ा भी नहीं लगा

4 जून को बस में आग लगने से यात्री खिड़की का कांच तोड़ बाहर नहीं निकल पाने के कारण अधिकांश यात्रियों की मौत हो गई थी। घटना से सबक लेते हुए मुख्यालय ने प्रदेश की बसों में हथौड़ा रखने की बात कही थी। ताकि, मुसीबत के वक्त पैसेंजर्स हथौड़े की मदद से कांच तोड़ अपनी जान बचा सके, लेकिन बसों में आज तक हथौड़े नहीं रखे जा सके।

हंड्रेड परसेंट बसों में काम पूरा हो चुका है। ऐसी कोई बस नहीं है, जिनमें फायर एक्सटिंग्यूशर और फ‌र्स्ट एड बॉक्स न लगे हो।

आरबीएल शर्मा, एसएम, रीजनल वर्कशॉप, परिवहन निगम