- बच्चों के लिए बनाया जाना था पार्क और मिनी जू

- फॉरेस्ट में स्मृति वन और बनाई जानी था बोटिंग के लिए झील

-प्रोजेक्ट के लिए कुंडा में चयनित की गई थी करीब 100 एकड़ लैंड

 

Meerut : शहर के विकास को लेकर बनाई जा रही तमाम महत्वाकांक्षी योजनाएं एक-एक कर दम तोड़ती जा रही हैं। शहर में ग्रीनरी और वाकिंग प्लाजा को लेकर बनाई गई मार्डन फॉरेस्ट योजना का भी यही हश्र हुआ। एमडीए द्वारा शहर में आईटी पार्क, थीम पार्क व जोनल पार्क के बाद शहर को चार चांद लगाने के लिए तैयार किया गया मेगा प्रोजेक्ट मॉडर्न फॉरेस्ट चारों खाने चित हो गया। इस प्रोजेक्ट की माध्यम से एमडीए द्वारा एक साल पूर्व ग्रीनरी के साथ-साथ शहरवासियों को घूमने के लिए इस प्रोजेक्ट का मसौदा तैयार किया गया था, लेकिन एक साल बाद भी शासन ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया है।

 

100 एकड़ होना था निर्माण

इस मॉर्डन फॉरेस्ट को निर्माण 100 एकड़ में किया जाना था। इसके लिए मेरठ विकास प्राधिकरण ने कुंडा में 100 एकड़ लैंड का चयन भी कर लिया था। वार्ड-11 के कुंडा में मौजूद नगर निगम ने एमडीए को अपनी इस जमीन को देने की सहमति भी जता दी थी। पहले इस जमीन के लिए शताब्दीनगर योजना में जगह तलाशी गई थी, लेकिन उस समय मुआवजे को लेकर किसानों के साथ विवाद के चलते एमडीए ने इस प्रस्ताव को ड्रॉप कर दिया था। इसके बाद कुंडा में इस प्रोजेक्ट का भविष्य तलाशा गया था।

 

पार्क के साथ मिनी जू भी

दरअसल, इस फॉरेस्ट को मॉडर्नाइज्ड तरीके से बसाया जाना था। इसमें बच्चों के लिए एक एम्यूजमेंट पार्क भी डेवलप किए जाने का प्रस्ताव था, जिसमें कई तरह की राइड्स आदि का भी इंतजाम किया जाना था। असल में इस पार्क को पूर्ण रूप से एक पिकनिक स्पॉट की तरह यूज किया जाना था। इसके अलावा एक मिनी जू बनाने और उसमें लोगों का आकर्षण खींचने के लिए जानवर रख जाने को लेकर वन विभाग से बात की जानी थी।

 

वॉकिंग पाथ और बोटिंग

प्राधिकरण ऑफिशियल्स की माने तो इस मॉर्डन फॉरेस्ट में लोगों की सैर के लिए वॉकिंग पाथ का निर्माण किया जाना था। इस पाथ के साथ खूबसूरत फूलों की क्यारियां और उनमें तरह-तरह के फूल उगाने ताकि आने वाली पब्लिक को यहां की खूबसूरती का भी अहसास हो सके। इसके अलावा एक आर्टिफिशियल झील भी बनाई जानी थी, जिसमें बोटिंग का मजा लिया जा सके। एमडीए ने इस फॉरेस्ट को स्मृति पार्क के रूप डेवलप करने का सपना संजोया था। इसके अंतर्गत पब्लिक यहां अपनों के नाम से पौधे लगाने व इनको स्वयं सींचने व देखभाल की जिम्मेदारी देने की बात की गई थी। इसके अलावा इस फॉरेस्ट में लोगों के खाने-पीने के सामान के अलावा कैफेटेरिया की व्यवस्था करने का प्रस्ताव तैयार किया गया था।

 

ये होना था खास

- बच्चों के लिए एम्यूजमेंट पार्क।

- फॉरेस्ट में बनेगा मिनी जू।

- लोगों के घूमने को बनेगा वॉकिंग पाथ।

- झील में ले सकेंगे बोटिंग का मजा।

- पब्लिक को डिवोटिड बनेगा स्मृति पार्क।

- वॉकिंग पाथ के किनारों पर फूलों की क्यारियां।

- लोगों के लिए होगी बैठने की व्यवस्था।

- फॉरेस्ट में होगी कैफेटेरिया की व्यवस्था।

 

 

कुंडा में नगर निगम की काफी लैंड है। प्रोजेक्ट के लिए जमीन ट्रांसफर किया जा सकता है। एमडीए की ओर से इस तरह का कोई प्रस्ताव अभी तक नहीं आया। इस तरह का कोई प्रस्ताव आएगा तो उस पर विचार किया जाएगा।

कुलभूषण वाष्र्णेय, चीफ इंजीनियर नगर निगम

 

मॉर्डन फॉरेस्ट प्रोजेक्ट का प्रस्ताव शासन में विचाराधीन है। कोई भी प्रतिक्रिया आते ही काम शुरू कर दिया जाएगा। शहर के विकास को लेकर अन्य कई योजनाओं पर भी काम चल रहा है।

राजेश यादव, वीसी एमडीए