- टीबी के खात्मे के लिए सरकार का बड़ा फैसला, बेहतर खानपान के लिए टीबी मरीजों को हर महीने मिलेंगे 500 रुपए

- जिले में 14 हजार टीबी के मरीजों को मिलेगा फायदा, डीबीटी के तहत अगले वित्तीय वर्ष से मिलेगी आर्थिक मदद

- टीबी कार्यक्रम के तहत रजिस्टर होने के दौरान ही पेशेंट को खाता संख्या और आधार कार्ड की भी देनी होगी जानकारी

KANPUR: टयूबरक्लोसिस के पूरी तरह से खात्मे के लिए सरकार ने कमर कस ली है। जिसके तहत टीबी की दवाओं को खाने से लगातार शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों को कम करने के लिए उन्हें बेहतर खानपान मिले यह भी सुनिश्चित किया जाएगा। इसी के तहत अब टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत रजिस्टर्ड हर मरीज को हर महीने 500 रुपए की मदद मिलेगी। यह योजना अगले वित्तीय वर्ष से शुरू होगी। जिसमें कानपुर के 14 हजार से ज्यादा टीबी के मरीजों को फायदा होगा।

जिससे इलाज न छोड़ें

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षयरोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत टीबी के मरीजों के वास्तविक आंकड़े जुटाने के प्रयास शुरू हुए हैं। आरएनटीसीपी की ओर से ऐसे मरीजों को लेकर भी चर्चा की गई जोकि टीबी का इलाज कराने के दौरान दवाओं के साइड इफेक्ट्स से कमजोर हो गए। इस दौरान उनकी रोजी रोटी पर संकट आया तो उन्होंने इलाज छोड़ दिया और कम पर चले गए। आरएनटीसीपी की ओर से ऐसे मरीजों को हर महीने कुछ धनराशि देने का प्रस्ताव मंत्रालय को दिया गया। जिसे मंत्रालय ने मान भी लिया है। वित्तीय वर्ष 2018-19 की शुरुआत से ही हर महीने डॉट सेंटर में रजिस्टर्ड मरीज के खाते में डायरेक्ट बेनिफीशियरी ट्रांसफर के तहत 500 रुपए की दिए जाएंगे।

प्राइवेट इलाज कराने वाले मरीजों को भी फायदा

जिले में क्षयरोग कार्यक्रम के तहत उन मरीजों को भी चिन्हित किया जाएगा जोकि प्राइवेट डॉक्टर्स से टीबी का इलाज करा रहे हैं। डीटीओ डॉ.जीके मिश्रा ने बताया कि टीबी के मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर्स को अब उनके यहां आने वाले मरीजों में टीबी डायग्नोस होने पर नजदीकी डॉट सेंटर में सूचना देनी होगी। जिससे उन्हें भी इस स्कीम से जोड़ा जा सके।

खाता नंबर और आधार कार्ड जरूरी

मरीज में टीबी की पुष्टि होने के बाद उसे क्षयरोग कार्यक्रम के तहत मुफ्त इलाज के लिए जिस समय रजिस्टर किया जाएगा। उसी समय मरीज को अपने खाते और आधार कार्ड की जानकारी देनी होगी। जिसे आरएनटीसीपी के पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाएगा। खाते से लिंक होने के बाद से मरीजों को हर महीने 500 रुपए की राशि डीबीटी के तहत मिलेगी।

टीबी मरीजों की संख्या-

डॉट सेंटर में रजिस्टर पेशेंट- 8500

प्राइवेट इलाज करा रहे पेशेंट-5300

डॉट एमडीआर पेशेंट-423

डॉट एक्सडीआर पेशेंट-28

वर्जन-

अगले वित्तीय वर्ष से यह स्कीम शुरू होगी। मरीजों की डिटेल पूरी की जा रही है। मरीजों को स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से सीधे खाते में मदद मिलेगी। जिससे वह इलाज को बीच में न छोड़ें।

-डॉ। जीके मिश्रा, जिला क्षयरोग अधिकारी