सरकार को आश्वासन दिया

कॉल ड्रॉप की समस्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से नाराजगी जताने का असर दिखाई देने लगा है। बुधवार को दूरसंचार विभाग (डॉट) ने टेलीकॉम कंपनियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की चेतावनी दी है। इस समस्या को दूर नहीं करने वाले मोबाइल ऑपरेटरों पर अब जुर्माना भी ठोका जा सकता है। इस पर कंपनियों ने सरकार को आश्वासन दिया है कि अगले 30-45 दिनों के दौरान इस समस्या में काफी सुधार होगा। संचार व सूचना तकनीकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सक्रियता दिखाते हुए कॉल ड्रॉप पर अधिकारियों और सरकारी क्षेत्र की दोनों टेलीकॉम कंपनियों- बीएसएनएल और एमटीएनएल के साथ उच्चस्तरीय बैठक की। इस दौरान उन्होंने दूरसंचार सचिव को प्रसाद ने यह निर्देश दिया कि बार-बार की चेतावनी के बावजूद हालात में सुधार नहीं करने वाली कंपनियों पर जुर्माना लगाया जाए।

पेनाल्टी लगाने का प्रावधान

ऐसे में इस बैठक के बाद दूरसंचार विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मोबाइल ऑपरेटरों को जल्द ही प्रधानमंत्री की चिंताओं से अवगत कराया जाएगा। साथ ही उन्हें यह भी साफ तौर पर बता दिया जाएगा कि अगर देश में कॉल ड्रॉप की समस्या दूर नहीं होती है तो उन पर जुर्माना लगाने का विकल्प सरकार के पास खुला हुआ है।सरकार व कंपनियों के बीच हुए लाइसेंस समझौते में सेवा की गुणवत्ता खराब होने की स्थिति में पेनाल्टी लगाने का प्रावधान है। इस बारे में डॉट के अधिकारियों ने कुछ टेलीकॉम कंपनियों से बात भी की है। कंपनियों ने अगले एक से डेढ़ महीने के बीच स्थिति में बेहतरी का वादा किया है। उनका कहना है कि इतने अंतराल में कंपनियों को इन हालात में सुधार करने का मौका मिलेगा।

अमल में लाने की मंजूरी

इतना ही नहीं इस बैठक के बाद एमटीएनएल और बीएसएनएल को भी टावरों की संख्या बढ़ाने को कहा गया है। इन दोनों कंपनियों ने सरकार के भवनों पर नए टावर लगाने की एक योजना भी तैयार की है। डॉट इस योजना को जल्द ही अमल में लाने की मंजूरी देगा।दूरसंचार विभाग का कहना है कि मोबाइल ऑपरेटरों को यह स्वीकार करना होगा कि कॉल ड्रॉप की समस्या हाल के पांच-छह महीनों में बद से बदतर हुई है। जबकि टावरों को हटाने की घटनाएं तो पहले भी हो रही थी। इसलिए कंपनियों की इस दलील को को स्वीकार नहीं किया जा सकता कि टावरों की संख्या कम होने से ही कॉल ड्रॉप की समस्या सामने आई है। अगर इसके बाद भी कंपनियां अपने हालातों में सुधार नहीं करेंगी तो गंभीर परिणाम उन्हें भुगतने होंगे।

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