सुबह से शाम तक बंद रहेगी सरकारी प्राइवेट हॉस्पिटल की ओपीडी

सिर्फ आपात कालीन सेवाएं रहेंगी बहाल, डॉक्टर एनएमसी बिल के खिलाफ

नेशनल मेडिकल कमीशन के विरोध में डॉक्टर्स लामबंद हो गये हैं। आईएमए के प्रस्ताव पर मंगलवार को डॉक्टर ने सुबह से शाम तक सेवाएं ठप रखने का फैसला लिया है। इसमें सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर्स के साथ ही प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टर्स शामिल रहेंगे। इससे मंगलवार को स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतर जाने की संभावना है। मंगलवार से ही माघ मेले की शुरुआत हो रही है। इसमें भी बड़ी संख्या में सरकारी डॉक्टर्स की तैनाती है। इनके स्ट्राइक करने पर बात ज्यादा बिगड़ सकती है।

सुबह छह से शाम छह बजे तक

आईएमए के नेशनल वाइस प्रेसीडेंट डॉ। अशोक अग्रवाल ने बताया कि डॉक्टरों की शीर्ष संस्था आइएमए ने सरकार द्वारा संसद में पेश नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) बिल के खिलाफ हड़ताल का आह्वान किया है। स्ट्राइक 12 घंटे की होगी। मंगलवार को सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टर्स नियमित सेवाएं बंद रखकर मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया का स्थान लेने वाले प्रस्तावित आयोग का विरोध करें।

डॉक्टर्स को आपत्ति

नेशनल मेडिकल कमीशन बोर्ड में 20 प्रतिशत निर्वाचित एवं 80 फीसदी नामित सदस्य होंगे। इससे किसी भी संस्था का स्वतंत्र रूप से काम करना असंभव हो जाएगा।

एमबीबीएस के फाइनल एग्जाम के बाद दुबारा, नेक्स्ट परीक्षा नहीं होनी चाहिए। बेहतर होगा सभी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की अंतिम वर्ष की परीक्षा बोर्ड की परीक्षाओं की तरह एक साथ करायी जाय। ऐसी प्रक्रिया 10वीं और 12वीं की परीक्षा में सीबीएसई बोर्ड पहले से अमल कर रहा है

आयुष को क्रैश कोर्स के बाद एलोपैथिक प्रैक्टिस की इजाजत के बारे में प्रस्ताव एक आत्मघाती कदम है। इससे चिकित्सा की गुणवत्ता हमेशा के लिए खत्म हो जाने का खतरा है जबकि एमबीबीएस डॉक्टर अंतिम वर्ष की परीक्षा के बाद नेक्स्ट देकर ही डॉक्टर बन पायेंगे

केन्द्र सरकार ने प्रस्तावित कानून में सीधे निर्देश देने का अधिकार दिया है, जो स्वायत्त संस्था के गठन का औचित्य खत्म कर देगा

प्राइवेट कॉलेज मैनेजमेंट को 60 फीसदी सीटें देने गरीब छात्र चिकित्सा शिक्षा से वंचित हो जाएंगे

ओपीडी बंद और आपातकालीन सेवाएं बहाल रहेंगी। संसद में पेश किए गए नेशनल मेडिकल कमीशन के प्रस्तावों से आईएमए सहमत नहीं है। इसीलिए यह फैसला लिया गया है। स्ट्राइक सुबह से शाम तक 12 घंटे प्रभावी रहेगी।

डॉ। अशोक अग्रवाल

नेशनल वाइस प्रेसीडेंट, आईएमए

सरकार कारपोरेटाइजेशन को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है। यदि संस्था में कोई दोष है तो उसे दूर करें, सुधारने का प्रयास करें। उसे खत्म कर देना कहां से सही माना जा सकता है।

डॉ। अनिल शुक्ला

अध्यक्ष, इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन