बीजेपी करेगी अध्यादेश पर मीटिंग

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भूमि अधिग्रहण विधेयक की प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए आठ सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. संसदीय कार्य राज्यमंत्री राजीव प्रताप रूडी ने बताया, 'बीजेपी समेत एनडीए के सांसदों की बैठक होगी और इसमें इस बात पर चर्चा की जाएगी कि भूमि अधिग्रहण विधेयक को और प्रभावी कैसे बनाया जा सकता है जिससे किसानों और गरीबों को अधिक फायदा मिले. इस बारे में मंगलवार शाम सांसदों और संबंधित विभागों के मंत्रियों के बीच चर्चा होगी.'

विधेयक पेश होते ही विरोध शुरु

संसद के बजट सत्र के पहले दिन केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी बीरेन्द्र सिंह ने भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकार और पारदर्शिता का अधिकार संशोधन विधेयक 2015 पेश किया. यह देखते ही पूरा विपक्ष अपनी सीट पर खड़े होकर प्रदर्शन करने लगा. कांग्रेस, सपा, टीएमसी, आरजेडी और आप सांसद अध्यक्ष की सीट पर पहुंचकर विधेयक पेश किए जाने का विरोध करने लगे.

सरकार ने कहा चर्चा को तैयार

विपक्ष के बढ़ते विरोध को देखते हुए संसदीय कार्यमंत्री एम वेंकैया नायडू ने विपक्ष को समझाते हुए कहा कि सरकार किसानों के हित में बात करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. लेकिन विपक्ष की तरफ से कांग्रेसी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस विधेयक को किसान और गरीब-विरोधी बताया. खड़गे ने कहा कि सरकार को यह बिल सर्वदलीय बैठक के बाद लाना चाहिए था. ऐसा होने पर कुछ अलग बात होती.

टीएमसी ने बिल को बताया किसान विरोधी

तृणमूल कांग्रेस ने स्वागत राय ने बिल को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि इस बिल से देशभर के किसानों की हालत खराब हो जाएगी और पूरे देश के किसान इस बिल का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस बिल के पास होने से देश का एक बड़ा तबका प्रभावित होगा. वहीं बीजेपी समर्थक स्वाभिमानी शतकरी संगठन के राजू शेट्टी ने भी बिल का विरोध किया. सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने बताया कि पूरा विपक्ष इस बिल के खिलाफ है और इसके पास होने से गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.

बहुमत को डिक्टेट नहीं कर सकता विपक्ष

संसदीय कार्यमंत्री एम वेंकैया नायडू ने विपक्ष के विरोध पर बोलते हुए का कि अल्पमत बहुमत को डिक्टेट नहीं कर सकता है. उन्हानें कहा कि कानून में संशोधन की मांग 32 राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों ने उठाई थी. इस मांग के पीछे प्रोजेक्ट्स का धीमी स्पीड से पूरा होना बताया गया था. इसके साथ ही उन्होंने किसानों के हित में बात करने की बात को दोहराया.

मोदी ने कहा बचाव की जरुरत नहीं

विपक्ष के विरोध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी सांसदों से कहा कि विधेयक को लेकर बचाव की मुद्रा में आने की जरुरत नहीं है. बल्कि बीजेपी सांसदों को विपक्ष द्वारा पैदा किए गए मिथक की हवा निकालनी चाहिए. उन्होंने कहा, ' भूमि अधिग्र्रहण अध्यादेश को लेकर बचाव की मुद्रा में आने की जरूरत नहीं है. हम जो कानून ला रहे हैं, वह किसानों और गरीबों के हित में है. इस मुद्दे पर बनाए गए 'मिथ' की हवा निकालनी चाहिए.'

जेटली ने कहा राज्यसभा में चर्चा बेमानी

कांग्रसी मंत्री आनंद शर्मा और अन्य दलों के नेताओं ने राज्यसभा में सरकार पर जमकर हमला बोला. लेकिन केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि यह बिल लोकसभा में पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध है. इसलिए राज्यसभा में इस मुद्दे पर चर्चा करना बेमानी है. उन्होंने कहा, 'अध्यादेश के जरिए सरकार ने किसानों को उन 13 क्षेत्रों में भी भूमि अधिग्रहण के लिए चार गुना मुआवजे का प्रावधान किया है, जिन्हें यूपीए सरकार ने अलग रखा था.'

विपक्ष को फिर से बिल पढ़ने का सुझाव

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि वह विपक्ष के नेताओं को सुझाव देना चाहते हैं कि वे अध्यादेश को एक बार फिर से पढ़ें क्योंकि इन प्रावधानों से ग्रामीण क्षेत्रों में ढांचागत विकास होगा. उन्होंने कहा, 'ग्रामीण आधारभूत ढांचा, गरीबों के लिए आवास योजना और औद्योगिक कॉरिडोर सहित पांच मकसदों के लिए भूमि अधिग्रहण करने के मामले में सामाजिक प्रभाव सर्वेक्षण के प्रावधान को हटाने से ग्रामीण क्षेत्र को लाभ मिलेगा.'  इसके बाद जेटली ने बोला, 'वह इस मुद्धे पर सभी दलों से मिले सुझावों को संबद्ध मंत्री को बता देंगे. इसके बाद सदन में कामकाज शुरू हो सकी.

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