एफएमसीजी कंपनियों पर टेढ़ी नजर
अभी तक एफएमसीजी कंपनियों ने रिटेलर्स को जीएसटी की घटी दरें लागू करने को नहीं कहा है। इससे जीएसटी की कम कीमतों का लाभ ग्राहकों को नहीं मिल पा रहा है। सरकार ऐसी कंपनियों को आगाह कर चुकी हैं कि घटी दरों का लाभ 15 नवंबर से लागू हो चुका है। कंपनियों को इसका फायदा ग्राहकों को उसी दिन से देना चाहिए था। ऐस नहीं करने वाली कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
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नहीं चलेगा पुराने स्टॉक का बहाना, इनपुट टैक्स क्रेडिट में करें दावा
सरकार का कहना है कि पुराने स्टॉक का बहाना बेफिजूल है। कंपनियों को 15 नवंबर से ही ग्राहकों को घटी दरों का लाभ देना चाहिए था। इसमें जो भी नाकाम रहा है उन कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। रही बात पुराने स्टॉक की तो कंपनियां या रिटेलर सरकार से इनपुट टैक्स क्रेडिट में टैक्स में आने वाले अंतर का दावा कर सकती हैं। यही सही तरीका है जो सभी को मालूम है। दुकानदार ग्राहकों को भ्रम में न डालें और ग्राहकों को घटी दरों का लाभ दें।
GST डिफाल्टरों पर नकेल कसेगी एंटी प्राफिटियरिंग अथॉरिटी
इन वस्तुओं पर 10 प्रतिशत तक कम हो गई जीएसटी दरें
गत सप्ताह जीएसटी काउंसिल ने 178 वस्तुओं पर जीएसटी की दरें 28 प्रतिशत के स्लैब से घटा कर 18 प्रतिशत के स्लैब में ला दिया था। इसके बावजूद खुदरा दुकानदार ग्राहकों को घटी दरों का लाभ देने में आना-कानी कर रहे हैं। कभी वे पुराने स्टॉक का बहाना बनाते हैं तो कभी साफ मुकर जाते हैं कि इस वस्तु पर जीएसटी की पुरानी दर ही लागू है।
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नहीं मिला लाभ तो यहां करें शिकायत होगी कार्रवाई
यदि दुकानदार ने आपको घटी दरों पर जीएसटी का लाभ नहीं दिया है तो तुरंत नीचे दी गई मेल आईडी पर शिकायत करें। साथ में अपने बिल की स्कैन कॉपी या मोबाइल से फोटो क्लिक करके मेल में अटैच कर दें। हो सके तो एक बार दुकानदार से बातचीत जरूर करें और उसका पक्ष जानने की कोशिश करें। जाहिर तौर पर वह कोई बहाना बनाएगा उसका आप मेल में जिक्र जरूर करें। इससे सिर्फ आपको ही नहीं और ग्राहकों को भी फायदा मिलेगा।
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ग्राहकों को नहीं दिया फायदा तो होगी कार्रवाई
घटी दरों पर जीएसटी का फायदा कोई कंपनी ग्राहकों को नहीं देती है तो जीएसटी एंटी प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करेगी। इसके तहत वह कंपनी का पंजीकरण रद कर सकती है। वह कंपनी के खिलाफ पेनाल्टी भी लगा सकती है।
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