-पीसीआई की टीम ने पत्रकार हत्या मामले में चतरा जाकर की जांच

-बुधवार को मुख्यमंत्री से मिलेंगे तीनों सदस्य

रांची : चतरा के एक निजी खबरिया चैनल के पत्रकार अखिलेश प्रताप उर्फ इंद्रदेव यादव की हत्या को देखते हुए प्रेस काउंसिल आफ इंडिया ने राज्य सरकार से पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। पत्रकार की हत्या मामले की जांच के लिए अधिकृत पीसीआइ की तीन सदस्यीय टीम ने मंगलवार को सूचना भवन में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि सरकार को ऐसे मामले में फौरन कार्रवाई व पीडि़त परिवारों के लिए पुनर्वास, मुआवजा, नौकरी आदि की व्यवस्था करनी चाहिए।

नहीं किया खुलासा

टीम के सदस्य प्रभात कुमार दास, राजीव रंजन नाग तथा संदीप शंकर ने सोमवार को चतरा जाकर पड़ताल की थी। उन्होंने वहां के स्थानीय लोगों, पत्रकारों के अलावा डीसी और एसपी से अलग-अलग बात की। टीम के सदस्यों ने इस जानकारी को शेयर करते हुए कहा कि जांच में यह साबित हो चुका है कि यादव एक पत्रकार थे। उन्होंने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर कहा कि कई महत्वपूर्ण बिंदुओं का अभी खुलासा नहीं किया जा रहा है।

10 जून को रिपोर्ट

टीम 10 जून से पहले अपनी रिपोर्ट काउंसिल को सौंपेगी। टीम बुधवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास से मिलकर इस तरह की घटना से बचाव के लिए एहतियाती कदम उठाने तथा पीडि़त परिवार को मुआवजा व नौकरी देने की मांग करेगी। हत्याकांड की अबतक की जांच से संतुष्ट पीसीआइ की टीम ने यह भी कहा कि मुख्य शूटर की पंद्रह दिनों में भी गिरफ्तारी नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है।

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नौकरी और मुआवजे की मांग

पीसीआई सदस्यों ने कहा कि वे मुख्यमंत्री से मुख्य शूटर की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग करेंगे। साथ ही दुमका में भी एक पत्रकार की हत्या के मामले में उनके आश्रितों को मुआवजा और नौकरी देने तथा पीसीआइ द्वारा पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर की गई अनुशंसाएं लागू करने की मांग करेंगे। टीम ने कहा, पीडि़त परिवार को पांच लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा सरकार को शुरू में ही कर देनी चाहिए थी। यह मुआवजा राशि अभी तक पीडि़त परिवार को नहीं मिली है। अलबत्ता डीसी ने पत्रकार की पत्नी को शिक्षक की नौकरी व बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित करने की पहल करने का आश्वासन दिया है।

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