स्टूडेंट्स ने हल्ला बोला तो बरसीं लाठियां
स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा (पीटी) का रिजल्ट आने के बाद पटना में स्टूडेंट्स का हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को बीएसएससी पीटी रिजल्ट को रद्द करने की डिमांड को लेकर कई जगहों पर प्रदर्शन किया गया। पटना यूनिवर्सिटी गेट से आइसा के बैनर तले छात्र विरोध मार्च करते हुए सीएम से मिलने निकले थे। कारगिल चौक से  आगे बढऩे पर जेपी गोलंबर के पास पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच नोक-झोंक भी हुई। इस दौरान पुलिस ने मामूली लाठीचार्ज भी किया। काफी देर बात छात्रों के दल को वार्ता के लिए आइसा के राज्य सह सचिव मुख्तार के नेतृत्व में सीएम सचिवालय पहुंचे। यहां ओएसडी राकेश कुमार ने छात्रों की समस्या को सीएम तक पहुंचाने व समय मिलते ही बातचीत कराने का भरोसा दिलाया। छात्रों ने ओएसडी को मांग पत्र सौंपा। इस दौरान आइसा के राज्य उपाध्यक्ष तारिक अनवर, राज्य कार्यकारिणी सदस्य आकाश कश्यप, परवेज, बाबू साहब शामिल थे. 

कई संगठनों ने अलग-अलग
प्रदर्शन किया परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए छात्रों की ओर से कई जगहों पर प्रदर्शन किया गया। इस दौरान कई जगहों पर कुछ संगठनों के बैनर तले तो कहीं स्वतंत्र रूप से छात्रों ने प्रदर्शन किया. 

पुलिस-स्टूडेंट्स के बीच नोक-झोंक
फॉर्म भरने की अनुमति पाने के लिए पटना वीमेंस कॉलेज की सैकड़ों छात्राएं शुक्रवार को सीएम आवास पहुंच गई। एआईएसएफ के नेतृत्व में छात्रों ने सीएम आवास एरिया में लगे निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया तो दूसरी ओर पटना पुलिस ने भी बिना महिला सुरक्षा के छात्राओं को रोकने का असफल प्रयास किया। सीएम आवास एरिया में ज्यों ही छात्राएं आगे बढ़ रही थीं, इसी दौरान कुछ पुरुष सुरक्षा बलों के बल प्रयोग का छात्राओं ने विरोध किया। इससे पहले कि महिला सुरक्षा बल मौके पर पहुंचती छात्राएं सीएम आवास तक पहुंच गई और धरने पर बैठ गईं। जिला कंट्रोल रूम के पदाधिकारियों के मनाने के बाद छात्राओं को सीएम सचिवालय ले जाया गया। इस दौरान छात्राओं को राजभवन का अधिकार क्षेत्र बताते हुए राजभवन से बात कराई गई। राजभवन की ओर से मामले में वीसी को निर्देशित कर हल निकालने की बात कही गई. 

फॉर्म विवाद 
पटना वीमेंस कॉलेज की 391 छात्राओं को 75 परसेंट से कम उपस्थित का आधार बताफॉर्म भरने से वंचित कर दिया है। ये छात्राएं बैचलर के विभिन्न कोर्स से हैं। छात्राओं का आरोप है कि शिक्षक पर छेड़खानी के आरोप के बाद हुए हंगामे के दौरान छात्राओं के रूख से नाराज होकर कठोर फैसला लिया गया है.

मांग पत्र 
परसेंटाइल के आधार पर जारी परीक्षाफल को रद्द किया जाए.
परीक्षा में हिस्सा लेने वाले उम्मीदवारों का 10 परसेंट रिजल्ट दिया जाए.
16 एवं 23 फरवरी को परीक्षा के दौरान मिली शिकायतों की जांच एवं निष्पादन को सार्वजनिक किया जाïए.
27 मार्च को निर्धारित मुख्य परीक्षा पर तत्काल रोक लगाई जाए
इन बिंदुओं पर धांधली का आरोप 

छात्रों का आरोप है कि परीक्षा से लेकर रिजल्ट के दौरान कई स्तर पर गड़बडी हुई है।  दोनों फेज में पर्चा लीक की खबरें आई, लेकिन बोर्ड ने कोई जांच नहीं कराई। बोर्ड की ओर से परसेंट में रिजल्ट तैयार करने के बजाय परसेंटाइल में रिजल्ट जारी किया गया.

स्टूडेंट्स ने हल्ला बोला तो बरसीं लाठियां

स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा (पीटी) का रिजल्ट आने के बाद पटना में स्टूडेंट्स का हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को बीएसएससी पीटी रिजल्ट को रद्द करने की डिमांड को लेकर कई जगहों पर प्रदर्शन किया गया। पटना यूनिवर्सिटी गेट से आइसा के बैनर तले छात्र विरोध मार्च करते हुए सीएम से मिलने निकले थे। कारगिल चौक से  आगे बढऩे पर जेपी गोलंबर के पास पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच नोक-झोंक भी हुई। इस दौरान पुलिस ने मामूली लाठीचार्ज भी किया। काफी देर बात छात्रों के दल को वार्ता के लिए आइसा के राज्य सह सचिव मुख्तार के नेतृत्व में सीएम सचिवालय पहुंचे। यहां ओएसडी राकेश कुमार ने छात्रों की समस्या को सीएम तक पहुंचाने व समय मिलते ही बातचीत कराने का भरोसा दिलाया। छात्रों ने ओएसडी को मांग पत्र सौंपा। इस दौरान आइसा के राज्य उपाध्यक्ष तारिक अनवर, राज्य कार्यकारिणी सदस्य आकाश कश्यप, परवेज, बाबू साहब शामिल थे. 

 

कई संगठनों ने अलग-अलग

प्रदर्शन किया परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए छात्रों की ओर से कई जगहों पर प्रदर्शन किया गया। इस दौरान कई जगहों पर कुछ संगठनों के बैनर तले तो कहीं स्वतंत्र रूप से छात्रों ने प्रदर्शन किया. 

 

पुलिस-स्टूडेंट्स के बीच नोक-झोंक

फॉर्म भरने की अनुमति पाने के लिए पटना वीमेंस कॉलेज की सैकड़ों छात्राएं शुक्रवार को सीएम आवास पहुंच गई। एआईएसएफ के नेतृत्व में छात्रों ने सीएम आवास एरिया में लगे निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया तो दूसरी ओर पटना पुलिस ने भी बिना महिला सुरक्षा के छात्राओं को रोकने का असफल प्रयास किया। सीएम आवास एरिया में ज्यों ही छात्राएं आगे बढ़ रही थीं, इसी दौरान कुछ पुरुष सुरक्षा बलों के बल प्रयोग का छात्राओं ने विरोध किया। इससे पहले कि महिला सुरक्षा बल मौके पर पहुंचती छात्राएं सीएम आवास तक पहुंच गई और धरने पर बैठ गईं। जिला कंट्रोल रूम के पदाधिकारियों के मनाने के बाद छात्राओं को सीएम सचिवालय ले जाया गया। इस दौरान छात्राओं को राजभवन का अधिकार क्षेत्र बताते हुए राजभवन से बात कराई गई। राजभवन की ओर से मामले में वीसी को निर्देशित कर हल निकालने की बात कही गई. 

 

फॉर्म विवाद 

पटना वीमेंस कॉलेज की 391 छात्राओं को 75 परसेंट से कम उपस्थित का आधार बताफॉर्म भरने से वंचित कर दिया है। ये छात्राएं बैचलर के विभिन्न कोर्स से हैं। छात्राओं का आरोप है कि शिक्षक पर छेड़खानी के आरोप के बाद हुए हंगामे के दौरान छात्राओं के रूख से नाराज होकर कठोर फैसला लिया गया है।

 

मांग पत्र 

परसेंटाइल के आधार पर जारी परीक्षाफल को रद्द किया जाए।

परीक्षा में हिस्सा लेने वाले उम्मीदवारों का 10 परसेंट रिजल्ट दिया जाए।

16 एवं 23 फरवरी को परीक्षा के दौरान मिली शिकायतों की जांच एवं निष्पादन को सार्वजनिक किया जाïए।

27 मार्च को निर्धारित मुख्य परीक्षा पर तत्काल रोक लगाई जाए

इन बिंदुओं पर धांधली का आरोप 

 

छात्रों का आरोप है कि परीक्षा से लेकर रिजल्ट के दौरान कई स्तर पर गड़बडी हुई है।  दोनों फेज में पर्चा लीक की खबरें आई, लेकिन बोर्ड ने कोई जांच नहीं कराई। बोर्ड की ओर से परसेंट में रिजल्ट तैयार करने के बजाय परसेंटाइल में रिजल्ट जारी किया गया।