* शंखनाद से हुआ अस्सी घाट पर स्वागत, बनारसियों ने लगाए हर-हर महादेव के नारे
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तुलसी-कबीर के पद, ब्रज की होली और मयूर नृत्य देखकर गदगद हुए मैक्रों
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घाट पर झंडियां लिए स्कूली बच्चों का हाथ हिलाकर करते रहे अभिनंदन

प्रस्तुतियां देख हुए अभिभूत

फ्रांसीसी मेहमान की मेजबानी के लिए प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र को हफ्तों से संवारा जा रहा था। गंगा दर्शन का कार्यक्रम सबसे खास बनाया जाना था, बना भी। अस्सी घाट पर मोदी-मैक्रों के उतरते ही बटुकों ने स्वास्तिवाचन और शंखनाद से उनका स्वागत किया। बजड़े पर सवार होने के साथ ही जनता का शोर और प्रस्तुतियों का जोर कुछ ऐसा रहा कि मैक्रों अभिभूत हुए बिना नहीं रह सके।

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कुर्सी छोड़ खड़े हुए
बजड़े पर मोदी-मैक्रों और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के बैठने के लिए कुर्सियां लगाई गई थीं। बजड़ा अस्सी घाट से आगे बढ़ा ही था कि मैक्रों कुर्सी छोड़कर खड़े हो गए। मोदी भी उनके साथ आगे बढ़े और बजड़े के किनारे पर खड़े होकर स्कूली बच्चों और घाट पर जुटी जनता से रूबरू हुए और हाथ हिलाकर उनका अभिनंदन करते रहे।

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माला में पिरोई सांस्कृतिक विरासत
तुलसी घाट से लेकर दशाश्वमेध घाट तक तुलसी, कबीर और बनारसी कला की विरासतों को संजोया गया था। हर जगह नंबर के बोर्ड लगाए गए थे। कार्यक्रमों में राजगद्दी की रामलीला, अखाड़ों की कुश्ती, ब्रज की होली, मयूर नृत्य, कबीर के पद, कृष्ण-राधा और गोपियों का रास, आदमकद मुखौटे, बुद्ध और जैन धर्मों की प्रतिकृतियां, बनारस की सधुक्कड़ी परंपरा आदि दिखाया गया। तुलसी घाट पर मृदंग बजा रहे जापान के तेइश्या तनाइको ने भी ध्यान खींचा।

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