एक्सक्लुसिव न्यूज

- लेखपाल व अन्य पर आय, जाति व अन्य सर्टिफिकेट देने पर रिश्वत मांगने का आरोप

- सरकारी कार्यप्रणाली को बताया 'भ्रष्ट'। शिकायत की तो सर्टिफिकेट नहीं देने की धमकी

BAREILLY:

सीएम की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना को परवान चढ़ाने में सरकारी कर्मचारी ही बट्टा लगा रहे हैं। डीएम के निर्देश को धता बताते हुए मैन्युअल सर्टिफिकेट जारी करना तो दूर की बात, जो प्रॉपर आवेदन कर रहे हैं उनसे भी सर्टिफिकेट बनाने के लिए घूस मांगी जा रही हैं, जिसकी वजह से 'सीएम का आशीर्वाद' वर-वधुओं को नहीं मिल पा रहा है। शायद यही वजह है कि प्रशासन को जोड़े ढ़ूंढे नहीं मिल रहे हैं। जबकि दूसरी ओर, अन्य सामाजिक संस्थाओं के पास आवेदन के ढेर लगते जा रहे हैं। क्या है पूरा माजरा, पढि़ए

रिश्वतखोरी बन रही बाधा

सीएम की महत्वाकांक्षी योजना को परवान चढ़ाना कोई मुश्किल काम नहीं है, लेकिन इस योजना को रिश्वतखोरी का कीड़ा कुतरने में लगा हुआ है। जगजाहिर है कि 35 हजार रुपए में शादी कराने को राजी हुए जोड़ों की आर्थिक स्थिति बेहद ही दयनीय होगी। इसके बाद भी जो आवेदन हुए हैं उनके डॉक्यूमेंटेशन के दौरान बजाय उनकी मदद करने के सरकारी कर्मचारी रिश्वत मांग रहे हैं। कई ऐसे आवेदकों हैं, जिन्होंने दो हफ्ते पूर्व आवेदन किया, लेकिन अब तक आय और जाति प्रमाण पत्र उन्हें नहीं मिल सका है। आरोप है कि लेखपाल उनसे सर्टिफिकेट देने के लिए करीब 5 सौ रुपए तक की रिश्वत मांग रहे है।

डीएम का निर्देश नहीं माने

हाल ही में कलेक्ट्रेट और विकास भवन में आयोजित हुई मीटिंग में अधिकारियों और कर्मचारियों को ऐसे लोगों की मदद का आदेश दिया गया था। डीएम ने ऑनलाइन सर्वर या अन्य किसी प्रॉब्लम से प्रमाण पत्र नहीं जारी हो पाने की स्थिति उसे तत्काल मैन्युअली जारी करने के निर्देश दिए थे। सीडीओ सत्येंद्र कुमार ने भी सभी अधिकारियों को हर हाल में टारगेट पूरा करने का निर्देश दिया था। कर्मचारियों ने मीटिंग में पूरे सहयोग का वादा किया था लेकिन 'रिश्वतखोरी' की आदत से मजबूर कर्मचारियों ने मीटिंग के बाद आदेश हवा हवाई कर दिया। जो प्रशासनिक तंत्र पर बड़ा सवालिया निशान लगा रहा है?

शिकायत से डर रहे पीडि़त युगल

केस वन - श्यामगंज निवासी युवक ने करीब 14 दिन पहले मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का फार्म भरा। लेकिन अब तक आवेदन जमा नहीं कर सके। आरोप है संबंधित क्षेत्र के लेखपाल ने पहले दो सौ रुपए आय व जाति प्रमाण पत्र के लिए। लेकिन दो सौ रुपए और नहीं देने पर सर्टिफिकेट नहीं दिया।

केस टू - सर्किट हाउस कॉलोनी निवासी युवती के पिता ने कन्यादान के लिए सामूहिक विवाह के तहत आवेदन किया, लेकिन लेखपाल आय और जाति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए रिश्वत मांग रहा है। जबकि पूर्व में उन्होंने करीब सौ रुपए दे दिए हैं, लेकिन तयशुदा रकम नहीं मिल पाने की वजह से सर्टिफिकेट जारी नहीं हुए।

नोट - युवक और युवतियों के फोटो और डिटेल समेत बातचीत दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के पास रिकॉर्ड हैं। डर है कि नाम और फोटो प्रकाशित होने से उनको सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा और वह शादी नहीं हो पाएगी।

संज्ञान में नहीं है, यदि कर्मचारी आय और जाति प्रमाण पत्र जारी करने में या अन्य किसी वेरिफिकेशन में रिश्वत मांग रहे हैं तो ऐसे कर्मचारियों पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। बख्शा नहीं जाएगा।

सत्येंद्र कुमार, सीडीओ