1250 कारतूस के साथ गिरफ्तार नक्सलियों को कारतूस आपूर्ति करने वाले गिरोह के दो सदस्य गए जेल

-कारतूस तस्करी गिरोह में शामिल हैं जीआरपी और आरपीएफ जवान के साथ नेता भी

-पूछताछ में तस्करों ने किया बड़ा खुलासा

VARANASI

जीआरपी ने कैंट रेलवे स्टेशन से क्ख्भ्0 अत्याधुनिक कारतूस के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया था। इनसे पूछताछ में चौकाने वाले तथ्य सामने आये हैं। कारतूस तस्करों का कहना है कि इस खेप को बिहार और झारखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भेजा जाना था। बरामद प्रतिबंधित भ्.भ्म् बोर के कारतूस का प्रयोग एसएलआर और इंसास रायफलों में किया जाता है। नक्सलियों के हाथ में पहुंचने से पहले इनका पकड़ा जाना सुरक्षा बलों के लिए बड़ी सफलता है। कारतूस तस्करी के नेटवर्क में खाकी वर्दीधारी और बड़े नेता भी शामिल हैं।

भेजे गए जेल

जीआरपी एसपी कविंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि गिरफ्तार कारतूस तस्कर राजनयन कुमार व राजा बाबू बिहार, नालंदा के ग्राम पुआरी थाना हरनौत के निवासी हैं। शुक्रवार को दोनों को जेल भेज दिया गया। नक्सलियों को कारतूस आपूर्ति करने की जानकारी से पुलिस चौकन्ना है। नक्सलियों से गठजोड़ को गंभीरता से खंगाला जा रहा है। पुलिस के अधिकारियों को कहा गया है कि वे चौकसी रखें। पुलिस टीमों को संभावित ठिकानों के लिए रवाना कर दिया गया है। गिरोह सरगना सहित असलहों व कारतूस की आपूर्ति करने वाले रैकेट की खोजबीन के लिए जीआरपी के तेज तर्रार अधिकारियों को लगाया गया है।

सबके होगी पूछताछ

जीआरपी एसपी ने बताया कि गिरफ्तार तस्करों ने उनके सहयोगी कुछ रेलवे सुरक्षा बल, जीआरपी के कर्मियों व नेताओं के नाम का खुलासा किया। गिरफ्तारी के बाद दोनों को छुड़ाने के लिए जीआरपी व सीआरपीएफ जवान सक्रिय भी रहे। अब जिनके भी नाम आ रहे हैं उनसे विवेचना के दौरान पूछताछ होगी। इस कड़ी में पटना में तैनात सीआरपीएफ के आर्मोरर को भी चिह्नित किया गया है।

तस्करी का मेन रूट कैंट स्टेशन

एक ही सप्ताह में कैंट स्टेशन से पुलिस को मिली दो सफलताओं ने साबित कर दिया है कि यह अपराधियों के लिए प्रमुख रास्ता बन गया है। बीते सप्ताह ही सुरक्षा बलों ने कैंट से दो किलो हेरोइन और प्रतिबंधित एसिड बरामद किया था। उससे खुलासा हुआ था कि पश्चिम बंगाल से हेरोइन लाकर बनारस से पूरे पूर्वाचल में सप्लाई की जा रही है। अब कारतूस की बरामदगी ने इसे पुख्ता कर दिया है।