- जंक्शन के प्री-पेड टैक्सी बूथ बन पोस्ट पेड बूथ

-रेलवे की अनदेखी से पैसेंजर्स को लग रहा चूना

- इंडियन रेलवे के नियमों की जीआरपी उड़ा रही धज्जियां

GORAKHPUR: एक तरफ रेलवे प्रशासन पब्लिक की सुविधा के लिए नॉर्थ साइड में प्री-पेड टैक्सी बूथ बनाने की प्लानिंग कर रही है, जबकि पहले से मौजूद पूर्वी और पश्चिमी जीआरपी प्री-पेड बूथ पोस्ट-पेड बन चुका है। यात्रियों की ओर से टैक्सी ड्राइवर्स द्वारा मनमाना किराया वसूलने की शिकायत भी लगातार आती रहती है, लेकिन रेलवे के उच्च अधिकारियों की नजर इसपर नहीं जाती। आखिरकार जीआरपी का प्री-पेड बूथ पोस्ट पेड कैसे बन गया। इसकी तहकीकात जब आई नेक्स्ट ने की तो चौंकाने वाला मामला प्रकाश में आया।

रेलवे ऑफिसर्स नहीं लेते सुध

बता दें, यात्रियों की सुविधा के लिए रेल प्रशासन ने जंक्शन के नार्थ साइड में नये टैक्सी प्री-पेड बूथ खोलने की प्लानिंग कर रही है। इसके लिए कवायद भी शुरू हो गई है, लेकिन रेलवे प्रशासन जंक्शन के पूर्वी और पश्चिमी ओर पहले से मौजूद प्री-पेड की सुध नहीं लेती। इस कारण यात्रियों को चूना लग रहा है। जब आई नेक्स्ट रिपोर्टर जीआरपी-प्री पेड बूथ का जायजा लिया तो मौके पर मौजूद टैक्सी मालिकों ने कहा कि जीआरपी का यह प्री-पेड बूथ प्री-पेड नहीं बल्कि पोस्ट पेड है। टैक्सी मालिक अवधेश गुप्ता बताते हैं कि उनकी यूपी भ्फ् 9क्भ्9 नंबर की गाड़ी गोरखपुर से सोनौली रूट पर चलती है, लेकिन कभी भी यात्रियों से पहले भाड़ा जमा कराने के लिए निर्देश प्राप्त नहीं हुआ। प्री-पेड बूथ से क्0 रुपए की पर्ची कटती है, जिस पर किराया लिख दिया जाता है और डेस्टिनेशन पर पहुंचने के बाद यात्रियों से वसूल लिया जाता है। जबकि हकीकत इसके उलट होती है। अक्सर पैसेंजर्स की शिकायत होती है कि गंतव्य पर पहुंचने के बाद टैक्सी ड्राइवर्स मनमाना किराया वसूलते हैं।

सिपाहियों ने जताई असमर्थता

जब रिपोर्टर ने मौके पर मौजूद दो जीआरपी सिपाहियों से इस बाबत जानकारी मांगी तो उन्होंने कुछ भी बताने में असमर्थता जता दी। वहीं वैशाली एक्सप्रेस से उतरे सुधीर अपनी फैमिली को सोनौली ले जाने के लिए जब टैक्सी वालों से बात की तो टैक्सी वालों ने उनसे बैठने को तो कहा, लेकिन किसी ने यह नहीं कहा कि निर्धारित किराया पहले प्री-पेड बूथ पर जमा कर दें।

क्या है नियम

इंडियन रेलवे के नियमानुसार, जंक्शन पर बनाए गए प्री-पेड बूथ पर यात्री पहले किराया जमा करेगा। उसे किराये की रसीद दी जाएगी। रसीद के पीछे उच्च अधिकारियों के नंबर्स मेंशन होगा ताकि टैक्सी में बैठे यात्रियों को समस्या होने पर वे अधिकारियों से शिकायत कर सकें।

जीआरपी-प्री पेड बूथ को लेकर जीआरपी एसपी से बात की जाएगी। प्री-पेड बूथ चूंकि जीआरपी को देखना है, इसलिए जो भी नियम होंगे उसे फॉलो किया जाएगा।

आलोक कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे