- 110 सेटर्स पर हुआ पेपर

- 52 हजार स्टूडेंट्स को होना था शामिल

- 2 पालियों में हुआ एग्जाम

- 2 घंटे का था एग्जाम

- 7:30 सुबह से शाम 4:30 बजे तक चला पेपर

-31 मजिस्ट्रेट को किया गया तैनात

- राजधानी में संडे को 110 सेटर्स पर हुआ पीसीएस प्री एग्जाम

- मैथ के क्वेश्चन सॉल्व करने में भी स्टूडेंट्स का छूटा पसीना

LUCKNOW:

राजधानी के 110 सेंटर्स में संडे को पीसीएस प्री एग्जाम का आयोजन किया गया। एग्जाम देकर निकले स्टूडेंट्स ने बताया कि इस बार गणित, रीजनिंग और जीएस में पूछे गए प्रश्नों ने काफी परेशान किया। मेरिट भी इन्हीं सब्जेक्ट्स के पूछे गए प्रश्नों पर डिसाइड होगी। इस बार का पेपर पिछले सालों की तुलना में काफी टफ था। फ‌र्स्ट शिफ्ट में आए प्रश्नों में स्टूडेंट जूझते रहे।

फ‌र्स्ट पेपर से डिसाइड होगी मेरिट

स्टूडेंट्स ने बताया कि सेकंड पेपर में निर्धारित 33 प्रतिशत पासिंग मा‌र्क्स तो सभी हासिल कर लेंगे, लेकिन मेरिट फ‌र्स्ट पेपर के बेस पर तैयार होगी। दो पालियों में दो-दो घंटे के एग्जाम में सभी प्रश्न ऑब्जेक्टिव थे। सेकंड पेपर में हिंदी, इंग्लिश, रीजनिंग के साथ ही गणित के क्वेश्चन शामिल थे। स्टूडेंट्स के अनुसार माइनस मार्किंग ना होने से इस बार एग्जाम में कैंडीडेट्स ने तुक्का भी खूब चलाया।

दो पालियों में एग्जाम

यूपी लोक सेवा आयोग की देखरेख में राजधानी में संडे को पीसीएस प्री एग्जाम कराया गया। इस एग्जाम में 52 हजार स्टूडेंट्स को शामिल होना था। इसके लिए शहर में 110 एग्जाम सेंटर बनाए गए थे। एग्जाम दो शिफ्टों में हुआ। पहली शिफ्ट में सुबह 9.30 बजे और दूसरी में दोपहर 2.30 बजे से 4.30 बजे तक एग्जाम कराया गया। शांतिपूर्ण एग्जाम के लिए सिक्योरिटी के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। 31 सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किए गए थे। इनके माध्यम से ही एग्जाम पेपर सेंटर तक पहुंचाए गए।

बातचीत

पिछले साल से टफ था पेपर

पीसीएस प्री एग्जाम देने दूर दराज के एरिया से भी काफी स्टूडेंट राजधानी आए थे। इन स्टूडेंट्स से जब पेपर के बारे में बात की गई तो सभी ने बताया कि इस बार पिछले साल की तुलना में पेपर कुछ टफ आया, जिससे अधिकतर लोगों को परेशानी हुई।

पिछले सालों की तुलना में इस बार पेपर परेशान करने वाला रहा। एग्जाम दे रहे सभी स्टूडेंट्स को इस बार काफी प्रॉब्लम हुई है। रीजनिंग और करेंट अफेयर से ही मेरिट तय होगी। जीएस में पिछले दो सालों के दौरान हुई घटनाओं से जुड़े प्रश्न अधिक पूछे गए।

अरुण कुमार, रायबरेली

पेपर कठिन तो जरूर था लेकिन इसमें जो भी पूछा गया वो सिलेबस से ही था। पहले पेपर के प्रश्नों को समझने में काफी परेशानी हुई। कई प्रश्न तो कन्फ्यूज करने वाले थे। एग्जाम की खास बात यह रही कि माइनस मार्किंग न होने से तुक्का भी खूब लगाया गया है।

शैलेन्द्र कुमार, फैजाबाद

मेरा पहला अटैम्प्ट था। सेकंड पेपर में इंग्लिश, रीजनिंग और गणित ने जरूर थोड़ा परेशान किया। इसके अलावा पहले प्रश्न पत्र में सभी क्वेश्चन आसान लगे। गणित और रीजनिंग के साथ जिन्होंने जीएस में अच्छा किया है, उनको निश्चित रूप से लाभ मिलेगा।

अनिल कुमार यादव, प्रतापगढ़

प्री एग्जाम पास करने में किसी को अधिक परेशानी नहीं होगी। पेपर पिछले सालों की तुलना में टफ जरूर था, लेकिन गणित हो या रीजनिंग, कहीं फंसने की गुंजाइश नहीं दिखी। पहले पेपर में जीएस के प्रश्नों में अधिकतर स्टूडेंट उलझे रहे।

पीयूष, फैजाबाद

पिछले तीन सालों के दौरान गवर्नमेंट स्कीमों से जुड़े प्रश्न भी एग्जाम में पूछे गए। सेकंड पेपर में रीजनिंग को छोड़कर गणित और इंग्लिश में ऐसा कुछ नहीं था जो परेशान करने वाला हो। कुछ मिलाकर दोनों शिफ्ट के प्रश्नपत्र मेरी नजर में आसान ही रहे।

बसंत कुमार, सीतापुर

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गवर्नमेंट स्कीमों पर क्वेश्चन

एग्जाम देकर निकले कैंडीडेट्स ने बताया कि पेपर में पिछले तीन साल में गवर्नमेंट के किए गए कामों से जुड़े क्वेश्चन पूछे गए। स्वच्छता एप, पीएम जनधन योजना, मुद्रा बैंक योजना के साथ ही डिजिटल जेंडर एटलस फॉर एडवांसिंग ग‌र्ल्स एजूकेशन से जुड़े प्रश्न इस बार एग्जाम में आए। फ‌र्स्ट शिफ्ट के पेपर में 150 प्रश्न थे और सेकंड शिफ्ट में कुल 100 क्वेश्चन स्टूडेंट्स से पूछे गए।