क्वारटरली टैक्स रिटर्न जमा करने में आया भारी अंतर

एक लाख जमा करने वाले व्यापारी ने जमा किए 3.5 लाख रुपए

ALLAHABAD: जीएसटी लागू होने के बाद शहर के बड़े व्यापारियों के इनकम में अचानक बड़ा अंतर आ गया है। माना जा रहा है कि इनपुट क्रेडिट पाने के लिए व्यापारियों ने स्टॉक क्लीयर करके तीन गुना तक अधिक क्वाटर्ली टैक्स जमा किया है। इसका परिणाम ये रहा कि कारपोरेट सेक्टर और सीमेंट उद्योग से करीब 25 करोड़ से अधिक का घाटा लगने के बाद भी सेल टैक्स डिपार्टमेंट ने उतना ही राजस्व हासिल कर लिया है जो लास्ट इयर के फ‌र्स्ट क्वाटर में था।

सीमेंट उठान न होने से जबर्दस्त घाटा

हाईकोर्ट व सरकार के आदेश और सख्ती की वजह से गर्मी के मौसम में इस बार बालू खनन पूरी तरह से ठप रहा। बालू के अभाव में निर्माण कार्य पूरी तरह से ठप रहे। इससे सीमेंट उद्योग को जबर्दस्त घाटा लगा। सेल टैक्स डिपार्टमेंट इलाहाबाद को सीमेंट उठान से 25 करोड़ रुपये इस क्वार्टर में कम मिले। इलाहाबाद के व्यापारियों ने इस घाटे की भरपाई कर दी। उन्होंने स्टॉक क्लीयर करने के साथ जबर्दस्त सेल दिखाया। इससे सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट का मुनामा करीब डेढ़ गुना बढ़ गया।

व्यापारियों ने क्यों दिखाई सेल

होलसेलर ने 100 आइटम भेजे और रिटेलर ने 90 दिखाए तो 90 पर छूट मिलनी थी

पहले महीने 100 आइटम पर क्रेडिट क्लेम किया तो मिलेगा। डाटा मिसमैच हुआ तो सिस्टम से ऑटोमेटिक सूचना जाएगी

60 दिन में मिसमैच ठीक नहीं हुआ तो इनपुट टैक्स क्रेडिट वापस हो जाएगा

सामान टूट या खो गया तो भी इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलना था

पुराने शहर चौक के एक व्यापारी ने पिछले वित्तीय वर्ष का लास्ट क्वाटर्ली रिटर्न करीब एक लाख रुपया भरा था। इसके पहले भी रिटर्न करीब इतना ही आता था। जीएसटी लागू होने के बाद उन्होंने जुलाई में वैट का क्वाटर्ली रिटर्न साढ़े तीन लाख रुपया भरा। अभी तक जिस स्टॉक और सेल को छिपाते थे उस पर इनपुट क्रेडिट पाने के लिए उन्होंने पूरा का पूरा रिटर्न जमा किया।

कटरा के भी एक बड़े व्यापारी ने जीएसटी में इनपुट क्रेडिट का लाभ लेने के लिए पूरा स्टॉक न सिर्फ क्लीयर किया बल्कि वैट का क्वाटर्ली रिटर्न भी जमा किया। जो अब तक के क्वाटर्ली रिटर्न से काफी अधिक था।

कितना मिला राजस्व

जिला जुलाई 2016-17 जुलाई 2017-18

इलाहाबाद 129.20 करोड़ 123.93 करोड़

प्रतापगढ़ 52.4 करोड़ 70.3 करोड़

कौशाम्बी 17.0 करोड़ 21.0 करोड़

फतेहपुर 48.9 करोड़ 79.4 करोड़

टोटल 141.04 करोड़ 141.08 करोड़

(केवल इलाहाबाद का राजस्व पिछले वर्ष के जुलाई के रिटर्न की अपेक्षा करीब छह करोड़ कम रहा। लेकिन मंडल के टोटल से यह बराबर हो गया)

जीएसटी को लेकर व्यापारियों में कंफ्यूजन और डर था। वे स्टॉक क्लीयर करने में लग गए ताकि आईटीसी का लाभ ले सकें। सीमेंट उद्योग से घाटा लगने के बाद भी वैट का फ‌र्स्ट क्वाटर्ली रिटर्न बेहतर आया है। सीमेंट उद्योग से लगा घाटा कवर हो गया है।

विवेक सिंह

डिप्टी कमिश्नर कॅमर्शियल टैक्स