- पांच रीजन हरिद्वार, रुड़की, हल्द्वानी व रुद्रपुर में दून 70 परसेंट एनरोलमेंट के साथ सबसे पीछे

-राज्य में 13 दिसंबर 2016 से शुरू हुआ था जीएसटी के लिए एनरोलमेंट

- अब स्पेशल कैंपेन लगाकर वाणिज्य कर विभाग कर रहा टारगेट अचीव करने का प्रयास

DEHRADUN: जीएसटी (गूड्स एंड सर्विस टैक्सस) के लिए वाणिज्य कर विभाग ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। एक बार फिर व्यापारियों के एनरोलमेंट के लिए स्पेशल कैंपेन चलाई जा रही है, लेकिन जीएसटी के लिए राज्य में बनाए गए पांच जोनों में से राजधानी दून फिर भी सबसे नीचे है। यहां महज 70 परसेंट व्यापारियों ने ही अपना एनरोलमेंट अब तक कराया है। हालांकि, शत-प्रतिशत एनरोलमेंट के लिए वाणिज्य कर विभाग जुटा हुआ है।

व्यापारियों की संख्या बढ़ी

एक जुलाई से देशभर में जीएसटी लागू हो रहा है। उत्तराखंड जीएसटी बिल पास करने वाले राज्यों में शामिल हो चुका है, लेकिन जीएसटी के लिए तक राज्य के 23 परसेंट व्यापारियों का एनरोलमेंट नहीं हो पाया है। इसकी सबसे बड़ी वजह राज्य के सुदूरवर्ती पहाड़ी जिलों में जीएसटी के दायरे में रजिस्टर्ड किए गए छोटे ठेकेदारों को बताया जा रहा है। वाणिज्य कर विभाग के अधिकारी इनके एनरोलमेंट के लिए इन तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन एड्रेस न मिल पाने के कारण वे इन तक नहीं पहुंच पा रहे। फिलहाल विभाग ने कुछ दिनों पहले तक राज्य के 78 परसेंट व्यापारियों के एनरोलमेंट करने का दावा किया था, लेकिन जीएसटी के दायरे में कुछ और व्यापारियों के बढ़ जाने के बाद अब यह अनुपात थोड़ा नीचे आ गया है। वर्तमान समय में 78 परसेंट के स्थान पर अब पंजीकृत हुए व्यापारियों का अनुपात 76.47 परसेंट ही पहुंच पाया है।

दो दिन में 1057 एनरोलमेंट

13 दिसंबर 2016 से वाणिज्य कर विभाग लगातार व्यापारियों के एनरोलमेंट पर जुटा हुआ है। जीएटी एनरोलमेंट के लिए गढ़वाल मंडल में देहरादून, हरिद्वार, रुड़की व कुमाऊं में हल्द्वानी व रुद्रपुर कुल पांच रीजन बनाए गए हैं। इन सभी रीजन में दून अब तक केवल 70 फीसदी एनरोलमेंट के साथ सबसे नीचे है। वाणिज्य कर विभाग इसकी वजह चकराता, त्यूनी जैसे सुदूरवर्ती पहाड़ी क्षेत्रों को बता रहा है। हालांकि, विभाग का कहना है कि अगले 20 दिनों में शत-प्रतिशत टारगेट अचीव कर लिया जाएगा, इसके लिए स्पेशल कैंपेन चलाई जा रही है। इसी कैंपेन के तहत 5 व 6 जून को 1057 व्यापारियों ने अपना एनरोलमेंट कराया

किस रीजन में कितने एनरोलमेंट

देहरादून--70

रुड़की--78

हल्द्वानी--80

हरिद्वार--82

(आंकड़े प्रतिशत में हैं, जिसमें रुद्रपुर रीजन शामिल नहीं है.)

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जीएसटी प्रैक्टिश्नर्स करेंगे मदद

वाणिज्य कर विभाग के एडिश्नल कमीश्नर पीयूष कुमार के अनुसार जीएसटी लागू होने व व्यापारियों के एनरोलमेंट के बाद व्यापारियों के रिटर्न दाखिल करने में जिन शिक्षित बेरोजगारों को लगाया जाएगा उन्हें जीएसटी प्रैक्टिश्नर नाम दिया गया है। इनमें बी-कॉम, एम-कॉम व लॉ के स्टूडेंट्स शामिल होंगे। बताया कि केंद्र से लेकर राज्य स्तर पर एक रिटन दाखिल करने के लिए कुछ शुल्क दिए जाने पर भी विचार चल रहा है। ट्रेनिंग लेने के बाद जीएसटी प्रैक्टिश्नर्स को हर साल अपना लॉगिन रिन्यू करवाना जरूरी होगा।

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व्यापारी को मिलेगा स्पेशल नंबर

वाणिज्य कर विभाग के एडिश्नल कमीश्नर पीयूष कुमार के अनुसार जीएसटी में सालाना क्0 लाख से अधिक का कारोबार करने वाले व्यापारी को रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है, जिसके लिए व्यापारी का पेन नंबर भी होना जरूरी है। इसके बाद ही व्यापारी को क्भ् डिजिट का नंबर जारी होगा।