-जीएसटी लगने के बाद टैक्स खर्च 2000 करोड़ से बढ़कर 2104 करोड़ किया गया

KANPUR: कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट भी जीएसटी की मार से नहीं बच सका है। जीएसटी लगने के बाद अब पहले की तुलना में 104 करोड़ अधिक टैक्स चुकाना पड़ेगा हैं। जीएसटी के अलावा मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए ली जाने वाली जमीन की कीमत और कंस्ट्रक्शन कास्ट भी अब पहले की तुलना में काफी अधिक हो चुकी है।

बढ़ गई प्रोजेक्ट कास्ट

कानपुर मेट्रो आईआईटी से फूलबाग होते हुए नौबस्ता और सीएसए से विजय नगर होते बर्रा-8 तक टोटल 32 किलोमीटर दौड़नी है। इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट अगस्त,2015 में बन गई थी। हालांकि स्टेट गवर्नमेंट से पास कराकर डीपीआर सेंट्रल गवर्नमेंट को भेजने में 5 महीने से अधिक समय लग गया था। उस समय वैट सहित अन्य टैक्स 2000 करोड़ लगने का डीपीआर में अनुमान लगाया गया था। हालांकि मेट्रो की डीपीआर पास नहीं हो सकी। इस बीच सेंट्रल गवर्नमेंट ने मेट्रो की नई पॉलिसी के अलावा जीएसटी भी लागू कर दिया। नई पॉलिसी के मुताबिक केडीए को कानपुर मेट्रो की डीपीआर रिवाइज करानी पड़ी। इसे स्टेट गवर्नमेंट से पास कराकर जनवरी में सेंट्रल गवर्नमेंट को भेज दी गई। रिवाइज डीपीआर के मुताबिक मेट्रो प्रोजेक्ट पर अब 9 परसेंट सीजीएसटी और 9 परसेंट ही एसजीएसटी चुकाना पड़ेगा। जो कि 2104 करोड़ हो रहा है। इस तरह जीएसटी लागू होने से टैक्स 104 करोड़ रूपए बढ़ गया है।

कॉरिडोर-- पहले टैक्स- अब टैक्स

फ‌र्स्ट-- 1419 करोड़ --1487 करोड़

सेकेंड -- 581 करोड -- 617 करोड़

टोटल टैक्स- 2000 करोड़-- 2104

पहले टोटल कॉस्ट --13721 करोड़

अब टोटल कास्ट-- 14630 करोड़

(टोटल कॉस्ट जमीन और टैक्स के साथ है)