- मणिकर्णिका घाट पर फॉरेनर्स के साथ आए दिन होती है गुंडागर्दी, फोटो खींचने पर सैलानियों संग करते हैं अभद्रता व मारपीट

- डेली दो-तीन विदेशी सैलानी बन रहे हैं इनका शिकार, फिर भी नहीं टूट रही है पुलिस प्रशासन की नींद

-बनारस आने से कतराने लगे हैं फॉरेनर्स, टूरिज्म व इंटरनेशनल लेवल पर बनारस की इमेज भी होती है खराब

i next reporter

VARANASI : बनारस को घाटों की खूबसूरती के लिए जाना जाता है। देश-विदेश से हजारों सैलानी रोज यहां से गंगा की खूबसूरती को निहारने आते हैं मगर कुछ गिरे हुए लोगों की गुंडागर्दी ने इन घाटों को बदनाम कर रखा है। ये फॉरेनर टूरिस्ट्स के साथ न सिर्फ मारपीट कर रहे हैं, बल्कि लूटपाट भी कर रहे हैं। कभी फोटो खींचने के नाम पर तो कभी दूसरी किसी बात पर। पुलिस-प्रशासन कान में तेल डालकर बैठा हुआ है। इससे व‌र्ल्ड लेवल पर बनारस का नाम बदनाम हो रहे है। आइये आपको बताते हैं किस तरह चल रहा है ये गंदा खेल? अंदर के पेज पर।

Case-1

ब्रिटिश दंपत्ति तिमाथी पॉल व पैट्रिशिया हैरीसन काशी भ्रमण पर आये हुए थे। दोनों मणिकर्णिका घाट पर घूमने पहुंचे। घाट पर जलती चिताओं को देख वे बनारस की धार्मिक मान्यताओं को अपने कैमरों में कैद करने लगे। इसी बीच एक युवक ने उन्हें घाट पर फोटो लेने से रोक दिया। तिमाथी ने रीजन पूछा तो युवक का जबाब था, यहां फोटो लेने पर बैन है। अगर फोटो लिया तो जेल होगी। ये कहते हुए युवक के अन्य साथी मौके पर पहुंच गए और विदेशी कपल संग हाथापाई कर उनसे चार हजार रुपये छीन लिए।

Case- 2

बीते दिनों साउथ से काशी यात्रा पर आये एन राव ने मणिकर्णिका घाट पर फोटो क्लिक की। फोटो क्लिक होते ही कुछ लोग उनके पास पहुंचे और फोटो क्लिक करने पर बैन बताते हुए फाइन भरने की बात करने लगे। इस पर राव ने विरोध किया तो दबंगों ने उनके साथ बदसलूकी कर दी। उस वक्त पीडि़त ने इसकी कम्प्लेन ब्रह्मनाल चौकी इंचार्ज से भी की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

ये वो सच्चाई है जिससे मर्णिकर्णिका घाट पर घूमने और काशी की परम्पराओं को कैमरे में कैद कर अपने साथ ले जाने वाले सैलानियों को डेली दो-चार होना पड़ रहा है। सैलानी आये दिन एरिया के नशेडि़यों की दबंगई का शिकार होते हैं। घाट पर जलती चिताओं और पौराणिक चीजों की फोटो लेने के नाम पर खुलेआम वसूली और गुंडागर्दी का खेल चल रहा है। इसकी वजह से बनारस का नाम न सिर्फ विश्वपटल पर बदनाम हो रहा है बल्कि प्रधानमंत्री और काशी के सांसद नरेन्द्र मोदी के बनारस को पर्यटन के क्षेत्र में ऊपर पहुंचाने के सपने को भी पलीता लग रहा है।

नो फोटो प्लीज

घाट पर फोटो लेने वालों को आये दिन कोई न कोई नशेड़ी परेशान कर उनसे पैसा हथियाने की फिराक में लगा रहता है। इसके लिये घाट की दीवारों पर 'नो फोटो' का मैसेज तक लिखवा दिया गया है। मणिकर्णिका से जलासेन की तरफ जाने पर घाट की दीवारें इस तरह के मैसेजेज से पटी हुई हैं। हालांकि, बीते दिनों डीएम की सख्ती के बाद ये मैसेजेज मिटाये गए थे लेकिन वसूली का खेल अब भी जारी है। इस वजह से इस घाट से होकर निकलने वाले देशी-विदेशी सैलानी अब खौफ खाने लगे हैं। ये माजरा सिर्फ इस घाट पर ही नहीं है बल्कि ललिता घाट से लेकर सिंधियाघाट के बीच बनारस के लगभग हर घाट पर सैलानियों संग गुंडागर्दी का ये खेल जारी है।

रोकने वाले बैठे हैं खामोश

घाट पर गुंडागर्दी का ये खेल खुलेआम और बेखौफ जारी है। डेली दो-चार सैलानी फोटो लेते वक्त इन दबंगों का शिकार बनते हैं। मणिकर्णिका घाट पर ही फेमस बिड़ला धर्मशाला में भी सैलानियों को ठगने और परेशान करने का खेल लंबे वक्त से चल रहा है। यहां लोकल गाइड सैलानियों को पहले घाट की टॉप व्यू से फोटो लेने के नाम पर धर्मशाला के टॉप फ्लोर पर लेकर जाते हैं फिर वहीं मौजूद कुछ दबंग टूरिस्ट्स को फोटो लेते वक्त पकड़कर कैमरा प्रतिबंधित होने की बात कहते हुए वसूली करते हैं। घाट से लेकर यहां की गलियों में यह खेल काफी लंबे वक्त से जारी है लेकिन सैलानियों संग हो रही इस गुंडागर्दी को रोकने में सभी विभाग फेल हैं। प्रशासन और पुलिस इस ओर कोई ध्यान ही नहीं दे रहे हैं जबकि सैलानियों को सुविधाएं मुहैया कराने वाला टूरिज्म विभाग भी चुप बैठा हुआ है।

अब नहीं आना चाहते गाइड

घाट पर आए दिन विदेशी सैलानियों संग हो रही वारदातों के कारण अब विदेशी टूरिस्ट्स बनारस आने से कतराने लगे हैं। इसका बड़ा रीजन है कि इनको यहां लेकर आने वाले गाइड खुद हाथ खींच रहे हैं। सेंट्रल लेवल पर गाइड का काम करने वाले ओम प्रकाश कुशवाहा का कहना है कि वह हर महीने विदेशी सैलानियों को भारत भ्रमण पर लेकर निकलते हैं। जब दिल्ली में उन्हें या उनके साथ के लोगों को किसी ग्रुप को लेकर बनारस जाने को कहा जाता है तो वह पीछे हट जाते हैं क्योंकि बीते दिनों कुछ गाइडों ने विदेशी सैलानियों संग हो रही गुंडागर्दी का विरोध किया था और दबंग उन पर ही टूट पड़े थे। इस वजह से गाइड अब ग्रुप लेकर यहां आने से कतराने लगे हैं।

घाट पर गुंडागर्दी का ये खेल बहुत दिनों से चल रहा है। आये दिन यहां विदेशी सैलानियों को मारा-पीटा जाता है। इनसे रुपये वसूले जाते हैं लेकिन पुलिस इनको रोकने में फेल है।

अरुण कुमार सिंह, क्षेत्रीय नागरिक

घाट पर कुछ लोग ऐसे हैं जो सैलानियों को फोटो खींचने से रोकते हैं और उनसे रुपये मांगते हैं। ऐसे लोग बनारस को बदनाम कर रहे हैं। इसलिए इनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

रवि मिश्रा, क्षेत्रीय नागरिक

सैलानियों का कैमरा देखते ही घाट पर लोग रुपये मांगने लगते हैं। पुलिस और नशेडि़यों की मिलीभगत से घाट पर आने वाले फॉरेनर्स को परेशानी झेलनी पड़ रही है। पुलिस से कम्प्लेन भी की गई है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती है।

स्वामी संजय, स्थानीय निवासी

घाट पर फोटो लेने के नाम पर सैलानियों संग हो रही अभद्रता निंदनीय है। इसके लिए टूरिज्म विभाग की ओर से मणिकर्णिका घाट पर दो शिफ्ट में दो टूरिस्ट पुलिस वालों को अब तैनात किया जायेगा। ताकि ऐसी घटना फिर से न हो।

रविन्द्र मिश्र, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी

सैलानियों संग घाट पर हो रही अभद्रता की घटनाएं गंभीर हैं। इसे प्रशासन गंभीरता से ले रहा है और ऐसा करने वाले आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

आरएम श्रीवास्तव, कमिश्नर

विदेशी सैलानियों संग मणिकर्णिका घाट पर होने वाली गुंडागर्दी शर्मिदा करने वाली है। ये मामला गंभीर है और इसको रोकने के लिए घाट पर प्रॉपर गश्त करने का सम्बन्धित थाने को ऑर्डर दे दिया गया है।

सुधाकर यादव, एसपी सिटी