- गुरु पूर्णिमा पर शिष्यों ने की गुरू की वंदना

- शहर के विभिन्न आश्रमों व मठों में वैदिक रीति से आयोजित हुए कार्यक्रम

ALLAHABAD: गुरु की महिमा पुरातन काल से ही हमारी संस्कृति में रची बसी है। यही कारण रहा है कि वैदिक काल से ही गुरु को भगवान को बारबर माना गया है। समय के साथ गुरु और शिष्य में बदलाव होते रहे हैं। लेकिन आज भी हजारों साल पुरानी परम्परायें जीवित है। इसका एग्जाम्प्ल आज भी गुरु पूर्णिमा पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में दिखाई देता है। शुक्रवार को गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर ऐसी ही परम्परा का निर्वाह लोगों ने किया। शिष्यों ने अपने गुरु के प्रति समर्पण का भाव प्रकट करते हुए उनकी आराधना की और आशीष प्राप्त किया।

वेदपाठी छात्रों ने बखानी गुरु की महिमा

गुरु पूर्णिमा के अवसर पर दारागंज स्थित नरसिंह मंदिर में भव्य आयोजन हुआ। मंदिर के वेदपाठी छात्रों ने वैदिक रीति से मंदिर के महंत सुदर्शनाचार्य जी महाराज के प्रति अपना समर्पण किया। कार्यक्रम की शुरुआत गुरु की पूजा से हुई। जहां शिष्यों ने शास्त्रानुसार गुरु की महिमा का बखान किया। इस दौरान शिष्यों को आशीर्वाद देते हुए सुदर्शनाचार्य ने बताया कि गुर पूर्णिमा मुख्य रूप से भगवान वेद व्यास का प्राकट्य का दिवस है। इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। भगवान वेद व्यास जी ने चारों भागों का सरलीकरण करके लोगों को आशीर्वाद स्वरूप दिया। उन्होंने मानव समाज को सद्मार्ग पर चलने की सीख दी। पौराणिक काल से ही शिष्य अपने आचार्य के प्रति कृतज्ञता प्रेषित करते आ रहे हैं। मुख्य आयोजन के बाद बड़ी संख्या में गृहस्थ लोगों ने भी उनका दर्शन किया और आशीर्वाद प्राप्त किया। विश्व हिन्दू परिषद के वैदिक विद्यालय में भी गुरु पूर्णिमा पर विशेष आयोजन किया गया। जहां परिषद के अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंहल समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

बाघम्बरी मठ में हुआ भव्य आयोजन

अल्लापुर के बाघम्बरी मठ में गुरू पूर्णिमा पर भव्य आयोजन किया गया। जहां मठ के शिष्यों ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष व मठ के मुख्य महंत नरेन्द्र गिरी जी महाराज को पुष्प अर्पित करने उनकी वंदना की। इस अवसर पर कई अन्य आयोजन हुए। जिसमें महामंडलेश्वर कैलाशानंद जी महाराज, प्रदेश सरकार के मंत्री शिवपाल सिंह यादव, बाघम्बरी गद्दी मठ के आनंद गिरी जी महाराज, जस्टिस रविन्द्र सिंह समेत अन्य लोग मौजूद रहे। इस अवसर पर मठ में पट्टाभिषेक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। संगम में त्रिवेणी बाध मार्ग स्थित श्री देवरहाबाबा आश्रम में भी प्रयाग पीठ मं भी गुरु पूर्णिमा का भव्य आयोजन किया गया। इस दौरान जगदगुरू श्री स्वामी सर्वेश्वर प्रसन्नाचार्य ब्रम्हचारी जी महाराज के विशाल चित्रपट व मूर्तियों पर वैदिक मंत्रों के साथ अभिषेक व पूजन हवन किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोगों ने मंत्र दीक्षा भी प्राप्त की। डॉ। रामेश्वर प्रसन्नाचार्य ने कार्यक्रम में गुरु की महिमा का बखान किया। श्री निम्बार्क आश्रम में भी गुरु पूर्णिमा पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां स्वामी राधामाधव दास जी की अध्यक्षता में गुरु पूर्णिमा महोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर भक्तों ने गुरू पादुका का पूजन व आरती की। इसके बाद आश्रम के पूर्व आचार्यो के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। जिसके बाद लोगों ने सामूहिक रूप से श्री सत्य नारायण व्रत कथा सुनी और आशीर्वाद प्राप्त किया।

क्रियायोग संस्थान में शिष्यों ने की गुरु वंदना

झूंसी स्थित क्रियायोग आश्रम एवं अनुसंधान में भी गुरु पूर्णिमा का आयोजन किया गया। आश्रम के शिष्यों ने क्रियायोग गुरु योगी सत्यम् की पूजा अर्चना करके उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान क्रियायोग के सभी गुरुओं की पूजा की गई और उनको पुष्प अर्पित किया गया। जिसके बाद झूंसी के रामलीला मैदान में भी भव्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जहां लोगों ने क्रियायोग गुरु योगी सत्यम् का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर क्रियायोग विशेषज्ञा ज्ञानमाता डॉ। राधा सत्यम समेत अन्य लोग मौजूद रहे। शहर के अन्य आश्रमों में भी इस अवसर पर विशेष आयोजन किए गए। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर तिरुपति देवस्थानम् के भक्तों की ओर से दारागंज गल्लामंडी स्थित रामदेशिक वैष्णवाश्रम में भगवान वेंकटेश्वर तिरुपति बाला जी का राज्याभिषेक मंदिर के मुख्य पुजारी वशिष्णचार्य जी महाराज ने किया। इसके बाद भगवान की भव्य आरती की गई और प्रसाद वितरण किया गया।

बही सुर धरा

आर्ट ऑफ लिविंग वोमेन्स क्लब की ओर से गुरु पूर्णिमा पर प्रयाग संगीत समिति में नृत्य एवं संगीत का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान कृति पाठक ने नृत्य की शानदार प्रस्तुति देकर अपने गुरु के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रस्तुत की। इसके साथ ही शोभित ने बांसुरी वादन, आलोक ने एकल गीत की प्रस्तुति दी। जबलपुर से आई कलाकार रीना ने अपने शानदार भजनों की प्रस्तुति देकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। श्री शनि परिवार सेवा समिति की ओर से गुरु पूर्णिमा पर शनि पीठ के पीठाधीश्वर श्री पराग जी महाराज ने अपने गुरु संत श्री दशरथ गिरी जी महाराज की पादुका का पूजन किया। श्री शिरडी साई स्प्रिच्युअल एंड चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से शिरडी धाम सांई मंदिर में गुरु पूर्णिमा महोत्सव की शुरुआत काकड़ आरती से हुई। जिसमें बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए।