-इंजीनियरिंग कॉलेजों के टीचर्स का जांचा जाएगा रिकॉर्ड

- शिक्षकों के चयन में होगी मददगार ये जांच।

- एकेटीयू के सेमेस्टर एग्जाम में गड़बड़ी रोकने की कवायद

आई एक्सक्लूसिव

स्वाति भाटिया

Meerut- डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी के सेमेस्टर एग्जाम में गड़बड़ी रोकने के लिए कॉलेज टीचर्स के डेटा फिर जांचे जाएंगे। इसके लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने सभी संबद्ध कॉलेजों से टीचर्स का डेटा उपलब्ध करवाने को कहा है। यूनिवर्सिटी ने टीचर्स के आधार कार्ड और पैन कार्ड की डिटेल भी अनिवार्य कर दी है। अधिकारियों के मुताबिक लिखित परीक्षा और प्रेक्टिकल एग्जाम में ड्यूटी लगाने के लिए इस डेटा का उपयोग किया जाएगा।

नहीं होगी गड़बडि़यां

अधिकारियों के मुताबिक दोबारा से जांच करना डेटा डुप्लीकेसी रोकने के लिए कारगर साबित होगा। प्रेक्टिकल एग्जाम में शिक्षकों के चयन के लिए भी मददगार साबित होगा, क्योंकि आधार और पैन कार्ड यूनीक नंबर्स होते हैं। ऐसे में सॉफ्टवेयर से गड़बडि़यां नहीं होंगी।

हुए थे पिछले साल कोर्स बंद

पिछले साल यूनिवर्सिटी ने 200 से ज्यादा कॉलेजों में इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट के कोर्स बंद कर दिए थे। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कॉलेज टीचर्स के डेटा की जांच की थी, जिसमें एक शिक्षक कई कॉलेजों में नियुक्त होने के करीब एक हजार मामले सामने आए थे। यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार पवन गंगवार ने एक बार फिर कॉलेजों को पत्र लिखकर पोर्टल पर डेटा अपलोड करने को कहा है।

ऑनलाइन मिलेंगे प्रवेश पत्र

एकेटीयू के परीक्षा विभाग ने बनाया प्रपोजल परीक्षा समिति से मंजूरी के बाद दिसंबर से लागू होगी व्यवस्था मानकों के तहत ही जारी होंगे प्रवेश पत्र साल बचाने के लिए भरते थे।

उपस्थिति कम तो नहीं मिलेंगे प्रवेश पत्र

जुर्माना परीक्षा नियंत्रक जेपी पांडेय ने बताया कि यूनिवर्सिटी से प्रवेश पत्र मिलने का मतलब ये नहीं है कि सभी परीक्षा में बैठ जाएंगे। कॉलेजों से सभी स्टूडेंट्स की अटेंडेंस का ब्योरा मांगा गया है। इसमें जो भी अटेंडेंस के मानकों को पूरा करेंगे, उनके ही प्रवेश पत्र जारी किए जाएंगे, जिनकी अटेंडेंस कम होगी उनका प्रवेश पत्र वेबसाइट पर अपलोड ही नहीं किया जाएगा। ऐसे में वह स्वत: परीक्षा से बाहर हो जाएंगे। इससे परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता आएगी।

कॉलेज न करें वसूली

प्रवेश पत्र जारी करने में कॉलेज स्टूडेंट्स से जुर्माने के नाम पर वसूली करते हैं। कॉलेजों में काफी संख्या में स्टूडेंट्स ऐसे होते हैं, जिनकी अटेंडेंस कम होती है। ऐसे में कॉलेज यह सूचना यूनिवर्सिटी को देने बजाए स्टूडेंट्स पर जुर्माना लगा देते हैं, जबकि नियम के मुताबिक उन्हें परीक्षा से बाहर कर देना चाहिए। वहीं स्टूडेंट्स भी जुर्माने की राशि जमा कर देते हैं। ऐसे में स्टूडेंट्स से वसूली की जाती है।

---

परीक्षा में होने वाली गड़बडि़यों को रोकने के लिए विभिन्न तरह की तैयारियां चल रही हैं। कई बदलाव भी किए गए हैं। इसके अलावा शिक्षकों का रिकॉर्ड जांचा जाएगा।

प्रो। विनय पाठक, वीसी, एकेटीयू