- मस्जिद में मारपीट और बवाल के मुख्य आरोपी को 24 घंटे भी शिकंजे में नही रख पाई पुलिस

- हल्की धाराओं मे दर्ज किया मुकदमा, मुख्य आरोपी है वकील

-संडे होने के बाद कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत

- तनावपूर्ण लेकिन शांति जनक रही इलाके में स्थिति, पुलिस प्रशासन दिन भर डाले रहा डेरा

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KANPUR : ग्वालटोली में इमाम के साथ मारपीट के बाद एक ही समुदाय के दो वर्गो में हुए संघर्ष के मुख्य आरोपी को पुलिस ख्ब् घंटे भी गिरफ्त में नहीं रख पाई। आरोपी वकील काले को संडे होने के बाद भी रिमांड मजिस्ट्रेट के यहां से अंतरिम जमानत मिल गई। पुलिस ने संवेदनशील मामले को हल्के में निपटाते हुए काले समेत पांच लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। लेकिन हल्की धाराएं उसे जेल नहीं भेज सकी और उसे अंतरिम जमानत मिल गई।

तो सिर्फ पांच लोगों ने किया इतना बड़ा बवाल!

छोटी मस्जिद में मारपीट के बाद जो बवाल ग्वालटोली में हुआ पुलिस की माने तो उसमें सिर्फ पांच लोग ही शामिल थे। वादी मोहम्मद तईयब की तहरीर पर पुलिस ने नौशाद अहमद उर्फ काले समेत उसके ब् रिश्तेदारों गुलशाद अहमद, हाजी गोलू, जमाल अहमद, एजाज अहमद के खिलाफ मारपीट, गाली गलौज, आगजनी, असलहे के साथ बलवा जैसी आधा दर्जन से ज्यादा धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की थी।

सेवन सीएलए और क्भ्फ् ए क्यों नहीं लगाया

कानूनी विशेषज्ञों की माने तो जिस तरह का बवाल ग्वालटोली में हुआ था उसमें पुलिस को आरोपियों के खिलाफ सेवन सीएलए और क्भ्फ् ए समेत अन्य संगीन धाराओं में कार्रवाई करनी चाहिए थी। क्भ्फ् ए का प्रयोग तक किया जाता है जब दो वर्गो में टकराव से सांप्रदायिक हिंसा होने की संभावना हो। साथ ही आरोपी के लाइसेंसी रिवाल्वर के निरस्तीकरण की भी कार्रवाई करनी चाहिए। लेकिन पुलिस ने ऐसा कुछ नहीं किया।

इलाके का दबंग है काले और उसका परिवार

वकील नौशाद उर्फ काले की ग्वालटोली इलाके में दबंग किस्म की पहचान है। उसके परिवार में भी ब्0 से ज्यादा सदस्य है। मकानों में कब्जे से लेकर इलाके में कई सियासी मामलों में उसका दखल रहता है। कचहरी में भी वकीलों के एक पक्ष का समर्थन उसे रहता है। सोमवार को जब वह रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने पेश हो रहा था। तो सैकड़ों की भीड़ बाहर इकट्ठा थी।

तनावपूर्ण शांति से पुलिस प्रशासन में बैचेनी

ग्वालटोली की छोटी मस्जिद में देर रात हुए भीषण बवाल के बाद संडे को इलाके में तनाव व्याप्त था। पीएसी समेत कई थानों का फोर्स पूरी ग्वालटोली बाजार में डेरा डाले था। डीएम,एसएसपी और एडीएम सुबह से ही थाने में दोनों पक्षों के लोगों में मनमुटाव खत्म करने की कोशिश करते दिखे। संडे को लगने वाली बाजार तो शांति पूर्वक लगी लेकिन तनाव को देखते हुए पुलिस और प्रशासन में बैचेनी साफ दिखी।