जून तक इस मामले में नहीं होगा फैसला

अमेरिका के गृह सुरक्षा विभाग (डीएचएस) ने इस हफ्ते कोर्ट में दिए बयान में कहा कि वह जून तक इस मामले में फैसला नहीं करेगा। इस फैसले से पडऩे वाले आर्थिक असर की समीक्षा के लिए समय की जरूरत है। डीएचएस ने इस मामले में फैसला करने के लिए पहले 28 फरवरी की तारीख तय की थी। गौरतलब है कि ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे एच-1बी वीजाधारकों की पत्नी या पति को साल 2015 से एच-4 वीजा के तहत काम करने की अनुमति मिली है।

ओबामा प्रशासन ने बनाया था यह नियम

पूर्व के ओबामा प्रशासन ने यह नियम बनाया था। लेकिन ट्रंप प्रशासन की इसे खत्म करने की योजना है। डीएचएस ने कोर्ट से कहा कि अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (यूएससीआइएस) ने इस नियम की पुनर्समीक्षा की और मसौदा प्रस्ताव में महत्वपूर्ण संशोधन की जरूरत बताई। संशोधन में आर्थिक विश्लेषण की जरूरत होगी जिसमें कई हफ्ते लगेंगे।

वीजाधारकों की पत्नी या पति को अस्थायी राहत

इसलिए प्रस्तावित नियम बनाने संबंधी नोटिस (एनपीआरएम) फरवरी में जारी नहीं हो सकता। इस मामले में फैसला चार महीना टलने से एच-1बी वीजाधारकों की पत्नी या पति को अस्थायी राहत मिली है। इसमें बड़ी संख्या में भारतीय पेशेवर हैं। बता दें कि एच-4 वीजा के समर्थन में ऑनलाइन अभियान चलाया गया है जिसमें अमेरिकी संसद से इसे रद होने से रोकने की अपील की गई है।

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