-बिना कोच ट्रेनिंग के नेशनल लेवल पर खेलने के लिए खुद को किया तैयार

-फाइनेंशियल प्रॉब्लम के चलते डीएम और विधायकों के लगा रहा चक्कर

BAREILLY

मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है। पंख से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है। इन जोश भरने वाली लाइनों को बरेली के हैंडीकैप्ड एथलीट परमानंद गौर ने साबित कर दिया। वे पाकिस्तान में 1 दिसंबर से 6 दिसंबर तक होने वाली हैंडीकेप्ड क्रिकेट टूर्नामेंट में सेलेक्ट हुई टीम में शामिल किए गए हैं। बरेली से एकमात्र दिव्यांग खिलाड़ी के तौर पर उन्हें क्रिकेट टीम में शामिल किया गया है। परमानंद को नेशनल कैंप में शामिल होने के लिए फीस भरने के रुपए नहीं है। जिसके लिए वह कई दिनों से डीएम और विधायकों के पास चक्कर लगा रहा है।

खुद को साबित करने का है जुनून

एसबी इंटर कॉलेज से वर्ष 2009 में इंटरमीडिएट पास करने के बाद परमानंद ने वर्ष 2010 में सीबीगंज स्थित आईटीआई कॉलेज में वेल्डर ट्रेड में डिप्लोमा लिया है। कुछ समय बाद ही वह अपने गांव में दोस्तों के साथ खेल-खेल में अपना हाथ आरा में देने के कारण हाथ खो बैठे। जिसके बाद उन्होंने अपनी हिम्मत को टूटने नहीं दिया। और दोस्तों के सहारे खेलना शुरू कर दिया। जिसके बाद उन्होंने अपनी लगन के कारण आज वह इस मुकाम पर पहुंचे हैं।

फीस भरने के लिए नहीं है रुपए

पाकिस्तान में होने वाली हैंडीकेप्ड क्रिकेट टूर्नामेंट में इंडिया की टीम में सिलेक्ट होने वाले परमानंद को नेशनल कैंप में शामिल होने के लिए फीस भरने के रुपए नहीं है। इसके लिए वह डीएम से लेकर विधायकों के पास चक्कर लगा रहा है। लेकिन अभी तक कोई हेल्प नहीं मिल सकी है। ऐसे में उसे डर है कि यदि समय पर फीस का इंतजाम नहीं हुआ तो शायद वह टूर्नामेंट में शामिल नहीं हो पाएगा।

इस्लामाबाद में होगा टूर्नामेंट

पाकिस्तान के इस्लामाबाद में होने वाली दिव्यांग क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए इंडिया की टीम में परमानंद को सिलेक्ट किया गया है। इसके लिए उन्हें 25 नवंबर को दिल्ली कैंप में बुलाया गया है। इस्लामाबाद में तीन ओडीआई और दो टी-20 मैच खेले जाएंगे। जिसमें परमानंद को अपना जौहर दिखाने का मौका मिलेगा। परमानंद ने बिना कोच के ही खुद को क्रिकेट के लिए एक बेहतर खिलाड़ी के तौर पर तैयार किया है। वह बॉलिंग करने के साथ ही बेहतरीन बैटिंग भी करता है। परमानंद का कहना है कि वे अपने देश को जीत दिलाने के लिए पूरी ताकत लगा देंगे।