-45 वर्ष की आयु के बाद बुनकरों को दी जाएगी पेंशन, कुटीर उद्योगों को और हाईटेक किया जाएगा

-कैबिनेट मंत्री सत्यदेव पचौरी ने एक कार्यक्रम में की घोषणा, कहा बुनकर हथकरघा की बुनियाद है

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KANPUR : उत्तर प्रदेश सरकार की कपड़ा नीति में हथकरघा को शामिल किया गया है। हैंडलूम द्वारा निर्मित भारत के कपड़ों की ख्याति पूरी दुनिया में है। यह और बेहतर हो सके इसके लिए बुनकरों को ट्रेनिंग दी जाएगी। हथकरघा बुनकर पेंशन योजना को 'मुख्यमंत्री हथकरघा बुनकर सम्मान योजना' के नाम से संचालित किया जाएगा। जिसमें पात्रता के लिए न्यूनतम आयु म्0 वर्ष से घटाकर ब्भ् वर्ष की जा रही है। इसमें वार्षिक आय की अनिवार्यता को भी खत्म किया जा रहा है। यह घोषणाएं शहर के रोहतगी हॉस्पिटल सभागार में आयोजित बुनकरों को संबोधित करते हुए खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी ने कही।

क्ख् बुनकरों को देंगे पुरस्कार

राज्यस्तरीय बुनकरों को हथकरघा पुरस्कार वर्ष ख्0क्म्-क्7 के सर्वश्रेष्ठ बुनकरों को सम्मानित किया गया। हैंडलूम दरी, बागपत को फ‌र्स्ट प्राइज, बनारस से साड़ी को सेकेंड और बेड कवर, गोरखपुर को थर्ड प्राइज दिया गया। कैबिनेट मंत्री सत्यदेव पचौरी ने कहा कि अब राज्य स्तर पर तीन बुनकरों को नहीं बल्कि क्ख् बुनकरों को पुरस्कार दिया जाएगा। फेब इंडिया की जगह हैंडलूम इंडिया को बढ़ावा दिया जाएगा। इस मौके पर कानपुर मंडल के कमिश्नर और हथकरघा के निदेशक पीके महान्ति ने कहा कि इसके विस्तार के लिए वेबपोर्टल और कॉल सेंटर की स्थापना भी की जाएगी।