1. परिवार बाद में देश पहले :
साल 2000 की बात है मनोहर पर्रिकर गोवा के मुख्यमंत्री बनने वाले ही थे। कि ठीक एक महीने पहले उनकी पत्नी की कैंसर के चलते मौत हो गई थी। ऐसे में पर्रिकर के सामने अपने दो बच्चों की जिम्मेदारी आ गई। पर्रिकर ने इस मुश्किल घड़ी का सामना किया और बच्चों को संभाला ही साथ ही निडर और ईमानदार मुख्यमंत्री के रूप में भी अपनी अलग पहचान बनाई।
2. पहले आईआईटी छात्र जो बने मुख्यमंत्री :
मनोहर पर्रिकर के नाम एक रिकॉर्ड भी दर्ज है। पर्रिकर पहले ऐसे आईआईटी छात्र हैं जो किसी राज्य के मुख्यमंत्री बने। राजनीति में आने से पहले मनोहर पर्रिकर इंजीनियर थे। यही नहीं पर्रिकर आधार कार्ड के जनक नंदन नीलेकणी के बैचमेट भी रहे। यह भी पढ़ें : वेनेजुएला ने अपनाया पीएम मोदी का आइडिया, कर दी नोटबंदी
3. एक आम आदमी :
मनोहर पर्रिकर को काफी साधारण व्यक्ितत्व वाला शख्स माना जाता है। रक्षा मंत्री होने के बावजूद वह इकोनॉमी क्लॉस में ही सफर करते हैं। यही नहीं गोवा के सीएम रहते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री आवास में रहने से मना कर दिया था और खुद के एक छोटे से घर में रहते थे।
4. स्कूटर से जाते थे विधानसभा :
गोवा के सीएम होने के बावजूद पर्रिकर मंहगी-मंहगी गाड़ियों को छोड़कर स्कूटर से विधानसभा जाया करते थे। इसके साथ ही पर्रिकर को अक्सर पब्िलक ट्रांसपोर्ट से आते-जाते देखा जा सकता है। यह भी पढ़ें : यह हैं चक्रवात वरदा से जुड़ी जरूरी बातें जो काम आएंगी
5. आज तक नहीं लगा कोई दाग :
मनोहर पर्रिकर देश के उन चुनिंदा नेताओं में से एक हैं जो बेदाग हैं। जी हां मनोहर पर्रिकर आज तक किसी भी घोटाले में नहीं फंसे। यही साफ-सुथरी छवि के चलते पीएम मोदी पर्रिकर को काफी पसंद करते हैं।
6. प्रजा के अच्छे राजा :
मनोहर पर्रिकर काफी दयालु स्वभाव के हैं। गोवा के सीएम रहते हुए उन्होंने अपने समर्थकों से अपील की थी। उनके बर्थडे पर जितना पैसा खर्च हो उसे चेन्नई रिलीफ फंड में भेज दिया जाए।
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