-बहुप्रतीक्षित गोमती रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट और गौस मोहम्मद स्टेडियम का सीएम ने किया इनॉग्रेशन

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LUCKNOW: खूबसूरत लाइटिंग, ग्रीनरी, चमकदार साइकिल व जॉगिंग ट्रैक से युक्त पाल्यूशन फ्री जोन वाले गोमती रिवर फ्रंट का राजधानी वासी गुरुवार से आनंद उठा सकेंगे। बहुप्रतीक्षित इस प्रोजेक्ट और साथ में गौस मोहम्मद स्टेडियम का बुधवार को सीएम अखिलेश यादव ने इनॉग्रेशन कर दिया। रिवर फ्रंट में मोटर बोट की सवारी के साथ ही वाटर बस में सैर कर सकेंगे। लगभग 1800 करोड़ की लागत से बने रिवर फ्रंट की खूबसूरती लखनऊ में चार चांद लगा रही है।

रिवरफ्रंट जनता के लिए खुला

सरकार ने गोमती नदी के किनारों को चैनलाइज करके तटबंध का सौंदर्यीकरण कराया है। यह यूपी का पहला रिवर फ्रंट है जिसके किनारों पर डायफ्राम वाल बनी है। नदी का इको सिस्टम बना रहे और एक निश्चित मात्रा में पानी का स्तर कंट्रोल रखने के लिए इंटरनेशनल लेवल रबर डैम भी बन रहा है। पानी का लेवल बनाए रखने को शारदा नहर से पानी भी गोमती में प्रवाहित किया जाएगा। यहां आने वाले लोगों के लिए पार्किग की भी व्यवस्था की गई है। रिवरफ्रंट की सुंदरता के लिए हार्डिंग ब्रिज, गोमती बैराज और लोहिया पुल पर आरजीबी लाइटों का भी इस्तेमाल किया गया है।

प्रमुख सचिव सिंचाई सुरेश चंद्र के मुताबिक पहले गोमती में 21 किमी। में 40 नाले गिरते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। गोमती नदी साफ सुथरी रहे, इसके लिए दोनों ओर ड्रेन बनाया गया है जहां से इसे ले जाकर ट्रीटमेंट प्लांट में ले जाया जाएगा।

डेवलपमेंट का अप फ्रंट

रिवर फ्रंट में वाटर बस से यात्रा

-चलेंगी 40 सीटर वाटर बस, होगी 10 किमी। सैर

- 3 रेस्क्यू बोट

- इंटरनेशनल लेवल के म्यूजिकल फाउंटेन का मजा

- गोमती किनारे वॉकिंग, जॉगिंग और साइकिलिंग

- एक साथ 2 हजार लोग बैठ सकेंगे एम्फी थिएटर में

-डालीगंज पुल से लेकर लामार्ट के सामने स्टेडियम तक साढ़े सात किमी का वॉकिंग ट्रैक

-दूसरा वॉकिंग पाथ साढ़े पांच किमी का हनुमान सेतु से लामार्ट के सामने स्टेडियम

-फ्रांस से लाया गया इंटरनेशनल स्टैंडर्ड का म्युजिकल फाउंटेन

-जॉगिंग के लिए दोनों हिस्सों पर 2.2 किमी लंब ट्रैक

-रंग बिरंगी एलईडी लाइटिंग और हाईमास्ट लाइट्स

-साइकिलिंग के लिए 2.2 किमी का ट्रैक तैयार, बढ़कर होगा 6 किमी।

- बच्चों की मस्ती के लिए अलग से किड्स जोन

बच्चों के मनोरंजन का पूरा ध्यान

जॉगिंग और वॉक के लिए अलग ट्रैक तो वॉक के लिए भी अलग पाथवे बनाया जा रहा है। साथ ही मनोरंजन के लिए एम्फी थिएटर तो बच्चों की मस्ती के लिए किड्स जोन भी होगा। इन सुविधाओं के साथ अब गोमती का तट बदला हुआ नजर आ रहा है। इनमें से ज्यादातर काम पूरा हो चुका है तो कुछ अगले दो से तीन माह में पूरा हो जाएगा।

फ्रांस का म्यूजिकल फाउंटेन

सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव सुरेश चंद्रा ने बताया कि रिवर फ्रंट में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का म्यूजिकल फाउंटेन लगाया जाएगा। जिसे फ्रांस से मंगाया गया है। यह फाउंटेन फ्रांस से चलकर कानपुर पहुंच चुका है और गुरुवार तक पहुंच जाएगा।

ग्रीन स्टेडियम में होंगे मैच

गोमती नदी के किनारे गौस स्टेडियम बनकर तैयार हो चुका है। यहां पर जल्द ही मैचों का आयोजन किया जा सकेगा। स्टेडियम का नाम देश के मशहूर लॉन टेनिस खिलाड़ी गौस मोहम्मद के नाम पर है। गौस मोहम्मद विंबल्डन टेनिस प्रतियोगिता के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय थे। स्टेडियम में क्रिकेट और फुटबाल दोनों मैच खेले जा सकते हैं। बैठने के लिए कंक्रीट व हार्ड मैटिरियल का प्रयोग न करके घास और पौधे लगाए गए हैं। रख-रखाव के लिए स्टेडियम को खेल विभाग को हस्तांतरित किया जाएगा। सिंचाई विभाग के एक्सईएन रूप सिंह यादव ने बताया कि रिवर फ्रंट का 80 परसेंट काम पूरा कर लिया गया है। तीन महीने में बाकी काम भी पूरा कर लिया जाएगा।

गोमती रिवरफ्रंट जैसा रिवरफ्रंट कहीं नहीं है। यह एक आकर्षक स्थल है। इसमें जल परिवहन की व्यवस्था भी है, जिससे पुराना और नया लखनऊ आपस में जुड़ गए हैं। यह स्थल पत्थरों की तरह बेजान नहीं है, बल्कि हरा-भरा और जीवंत होगा। बदलते मौसम के साथ यहां पौधों पर अलग-अलग तरह के फूल आएंगे, जिससे यहां की रंगत बदलती रहेगी।

--अखिलेश यादव, सीएम

रिवरफ्रंट का विकास प्रदेश में विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है। पहले ऐसे निर्माण विदेशों में दिखाई देते थे। वृंदावन में यमुना और वाराणसी में वरुणा नदियों पर भी रिवरफ्रंट के विकास का काम चल रहा है।

--राहुल भटनागर, चीफ सेक्रेटरी

गोमती रिवर फ्रंट साबरमती के रिवर फ्रंट से बहुत बेहतर होगा। इसमें कंस्ट्रक्शन की बजाए हरियाली को तवज्जो दी गई है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर के इस डेवलपमेंट के साथ यह दुनिया के खूबसूरत रिवर फ्रंट में से होगा। इसके साथ ही वाराणसी में वरुणा नदी और मथुरा में भी रिवर फ्रंट डेवलपमेंट चल रहा है।

--आलोक रंजन, मुख्य सलाहकार, सीएम

सामान्यत: रिवरफ्रंट के विकास में 4 से 6 साल लग जाते हैं, लेकिन गोमती रिवरफ्रंट का विकास केवल 2 साल में किया गया है। परियोजना की लागत लगभग 1500 करोड़ रुपए है। यह पूरी तरह से ईको-फ्रेंडली है।

-सुरेश चन्द्रा, प्रमुख सचिव सिंचाई