साडा हक

- महिलाओं की आजादी का हनन है छेड़छाड़

- पीछा करना, हरेसमेंट करना है अपराध

Meerut- वर्क प्लेस पर सेक्शुअल उत्पीड़न का मामला हो या फिर कहीं और, ऐसे मामलों में क्या कहता है कानून, यह जानना जरूरी है। साथ ही नए ऐंटीरेप लॉ में क्या कानूनी प्रावधान किए गए हैं, इस बारे में विस्तार से जानना जरूरी है। महिलाएं अपने प्रति होने वाले अपराधों के खिलाफ आवाज उठा सकें व न्याय मांग सकें।

बनाई गई है गाइडलाइंस

1997 में सुप्रीम कोर्ट ने विशाखा जजमेंट के तहत गाइडलाइंस बनाई थी। इस मामले में महिला ने एक पीआईएल दाखिल की थी और वर्क प्लेस पर होने वाले सेक्शुअल हरेसमेंट को रोकने के लिए प्रावधान किए जाने की गुहार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में गाइडलाइंस बनाई थी। इसके तहत एंप्लायर की जिम्मेदारी है कि वह गुनहगार के खिलाफ कार्रवाई करें। सुप्रीम कोर्ट ने 12 गाइडलाइंस बनाई हैं जिनके तहत अनुशासनात्मक से लेकर क्रिमिनल कार्रवाई किए जाने की बात कही गई है।

क्या आता है दायरे में

एंप्लायर या अन्य जिम्मेदार अधिकारी की ड्यूटी है कि वह सेक्शुअल हरेसमेंट को रोके। सेक्शुअल हरेसमेंट के दायरे में शारीरिक छेड़छाड़, शारीरिक टच करना, सेक्सुअल फेवर की डिमांड या आग्रह करना, महिला सहकर्मी को पॉर्न दिखाना, अन्य तरह से आपत्तिजनक व्यवहार करना या फिर इशारा करना आता है। इन मामलों के अलावा अगर कोई ऐसा ऐक्ट जो आईपीसी के तहत ऑफेंस है तो एंप्लायर की ड्यूटी है कि वह इस मामले में कार्रवाई करते हुए संबंधित अथॉरिटी को शिकायत करें।

ये है अवश्यक जानकारी

- अगर कोई ऐसी हरकत जो आईपीसी के तहत अपराध है, तो उस मामले में शिकायत के बाद केस दर्ज किया जाता है।

-अगर कोई शख्स किसी महिला के प्राइवेट पार्ट या फिर अन्य तरीके से पेनिट्रेशन करता है तो वह रेप होगा।

- बलात्कार के वैसे मामले जिसमें पीडि़ता की मौत हो जाए या कोमा में चली जाए, तो फांसी की सजा का प्रावधान किया गया।

- रेप में कम से कम 7 साल और ज्यादा से ज्यादा उम्रकैद की सजा का प्रावधान किया गया है।

-नए कानून के तहत छेड़छाड़ के मामलों को नए सिरे से आईपीसी की धारा-354 को कई सब सेक्शन में रखा गया है।

-354 ए के तहत प्रावधान है कि सेक्सुअल नेचर का कॉन्टेक्ट करना आदि छेड़छाड़ के दायरे में आएगा। इसमें दोषी पाए जाने पर अधिकतम 3 साल तक कैद की सजा का प्रावधान है।

-अगर कोई शख्स किसी महिला पर सेक्सुअल कॉमेंट करता है तो एक साल तक कैद की सजा का प्रावधान है।

-354 बी के तहत अगर कोई शख्स महिला की इज्जत के साथ खेलता है तो 3 साल से लेकर 7 साल तक कैद की सजा का प्रावधान है।

- 354 सी के तहत प्रावधान है कि अगर कोई शख्स किसी महिला के प्राइवेट तस्वीर लेता है तो ऐसे मामले में एक साल से 3 साल तक की सजा का प्रावधान है।

-354 डी के तहत प्रावधान है कि अगर कोई शख्स किसी महिला का जबरन पीछा करता है या कांटेक्ट करने की कोशिश करता है तो ऐसे मामले में दोषी पाए जाने पर 3 साल तक कैद की सजा का प्रावधान है।

-जो भी मामले संज्ञेय अपराध यानी जिन मामलों में 3 साल से ज्यादा सजा का प्रावधान है।

क्या कहती है एक्स्पर्ट

महिलाओं के खिलाफ होने वाली छेड़खानी व अन्य अपराधों के विरोध में आवाज उठानी चाहिए।

दिव्या, वकील

अगर किसी महिला के साथ कोई अपराध होता है तो उसके खिलाफ आवाज उठाई जा सकती है। कानूनी मदद ली जा सकती है।

उर्वशी, वकील