PATNA : टॉपर्स घोटाला मामले की जांच कर रही एसआईटी ने बिहार स्कूल इग्जामिनेशन बोर्ड के पूर्व सेक्रेटरी हरिहर नाथ झा को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी सोमवार की सुबह हुई। दोपहर बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। जहां से ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया गया। पूर्व सेक्रेटरी को एसआईटी ने शुक्रवार के दिन ही अपने कब्जे में लिया था। तब से उन्हें कोतवाली थाने में डिटेन कर रखा था। एसआईटी उनसे लगातार पूछताछ कर रही थी।

हरिहर के खिलाफ एसआईटी के पास घोटाले में शामिल होने के ठोस सबूत हैं। जिनमें कागजी सबूत काफी हैं। ऐसे में सबूतों के आधार पर एसआईटी ने अपनी पूछताछ की। उससे जुड़े सवाल पूछे। लेकिन एसआईटी के सवालों का जवाब बोर्ड के पूर्व सेक्रेटरी के पास नहीं था। तीन दिनों में खुद को वो बेकसूर साबित नहीं कर सके।

ये बना गिरफ्तारी का आधार

इंटरमीडिएट के एडमिट कार्ड और मा‌र्क्सशीट पर सेक्रेटरी के सिग्नेचर होते हैं। फर्जी टॉपर्स के एडमिट कार्ड और मा‌र्क्सशीट पर पूर्व सेक्रेटरी हरिहर नाथ झा के सिग्नेचर थे। सिग्नेचर असली थे या नकली, इसकी भी जांच की गई। कोलकता प्रोसेसिंग यूनिट में भी पड़ताल की गई। जिसमें एसआईटी ने पूर्व सेक्रेटरी के सिग्नेचर को असली पाया। इसके साथ ही कॉलेजों को बोर्ड की ओर से दिए जाने वाले एफलिएशन कमेटी में भी हरिहर नाथ झा शामिल थे। कमेटी ने ख्00 से अधिक कॉलेजों को फर्जी तरीके से एफलिएशन दिया था। दोनों ही मामलों के ठोस सबूत एसआईटी के हाथ में है।

बस कर दिया सिग्नेचर

गिरफ्तारी से पहले एसआईटी के अधिकारियों ने हरिहर नाथ झा से कई सवाल पूछे थे। जिसमें एक सवाल ये भी था कि अगर वो घोटाले में शामिल नहीं थे तो एडमिट कार्ड और मा‌र्क्स शीट पर उनके सिग्नेचर कैसे आए? इस सवाल का जवाब पूर्व सेक्रेटरी ने सिर्फ इतना ही दिया, बस कर दिया सिग्नेचर।

लालकेश्वर से थी सांठ-गांठ

एसआईटी सोर्स की मानें तो पूर्व चेयरमैन डॉ। लालकेश्वर प्रसाद और पूर्व सेक्रेटरी हरिहर नाथ झा के बीच सांठ-गांठ थी। बिना दोनों के मिलीभगत से इतना बड़ा टॉपर्स घोटाला हो ही नहीं सकता। जांच के दौरान हर प्वाइंट पर ठोस कागजी सबूत हाथ लगे हैं।