कंट्रोवर्शियल बाबरी मस्जिद के ओल्डेस्ट लेटिगेंट मो. हाशिम अंसारी ने कहा है कि इस डिस्प्यूटेड धर्मस्थल पर चल रहे कोर्ट केस के लिए स्पेशल कोर्ट फॉर्म होने पर ही अब वह पैरवी करेंगे. अंसारी ने कहा कि वह चाहते हैं कि उनकी लाइफ में ही इस प्राब्ल्म का साल्युशन निकल आए और जल्दी मामला साल्व करने के लिए स्पेशल कोर्ट को इसे हैंडल करने लिए सौंप देना ही इकलौता सही तरीका है.

करीब 95 साल के हो चुके अंसारी ने का कहना है कि इस मसले पर पॉलिटिक्स करना बंद हो जाना चाहिए और एमिकेबली बनी रहनी चाहिए. उन्हें यहां के हिन्दू और मुसलमान दोनों से लगाव है और वे भी उन्हें चाहते हैं. हाशिम दोनों को ही सैटिस्फाई देखना चाहते हैं, हालाकि कुछ दिन पहले उन्होंने ये भी कहा था कि वे प्राइम मिनिस्टर मोदी से तभी बात करेंगे जब वे मस्जिद के डिमॉलिशन के लिए रिस्पांसिबल लोगों को पनिश करने के लिए स्पेशल सीबीआई कोर्ट को फार्म करने के लिए रेडी होंगे.

अंसारी से हाल ही में समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने भी इस इश्यू पर बात करने के लिए कहा था जब अंसारी ने इस केस की पैरवी ना करने और रामलला को फ्री करने की बात कह कर सबको सरप्राइज कर दिया था. हाशिम ने यह क्लीयर कर दिया था कि वह बाबरी मस्जिद के डिमॉलेशन की एनिवसर्री 6 दिसंबर को मुस्लिम ग्रुप्स की ओर से होने वाले Mourning Day में भी पार्ट नहीं लेंगे. बाबरी मस्जिद केस में मुद्दई हाशिम अंसारी ने आजम खान के ऊपर भी निशाना साधा था. उन्होंने कहा कि जब से यह विवाद चल रहा है तब से दोनो धर्मों के राजनेता इस विवाद पर अपनी रोटियां सेक रहे हैं.  उन्होंने कहा कि आजम खान ने ऐसा क्यों कहा कि जब मंदिर बन गया है तो मुकदमे की क्या जरूरत है. उन्होंने गुस्से में कह दिया था कि अब मुकदमे की पैरवी आजम खान ही करें.

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