सऊदी अरब सरकार की पाबंदी
इस बार हज को जाने वाले ग्रीन कैटेगरी के यात्रियों के लिए मक्का में खाना बनाने पर पाबंदी लगा दी गयी है। उन्हें या तो होटल से खरीद कर खाना होगा या फिर विभिन्न एजेंसियों के द्वारा बांटे जाने वाले खाने पर ही निर्भर रहना होगा। सऊदी अरब सरकार ने इस कैटेगरी की रिहाइश की व्यवस्था हरम शरीफ (काबा) के बिल्कुल करीब होने के कारण सुरक्षा की दृष्टि से यह फैसला लिया है। देश भर की सभी हज कमेटियों को इस फैसले से अवगत करा दिया गया है। दूसरी ओर अजीजिया कैटेगरी के सभी हज यात्रियों को इससे मुक्त रखा गया है।

 

खर्च के लिए मिलेंगे 36 हजार रुपए
इस बार हज पर जाने का कुल खर्च 2 लाख 20 हजार (ग्रीन कैटेगरी) और 1 लाख 85 हजार (अजीजिया कैटेगरी) रुपए लग रहा है। इंबार्केशन प्वाइंट पर सभी हज यात्रियों को सऊदी अरब में खर्च के लिए 2100 रियाल यानी 36134 रुपए मिलेंगे। अभी एक सऊदी रियाल की कीमत 17.21 रुपए है। ग्रीन कैटेगरी के हज यात्रियों को मक्का में 1000 मीटर की परिधि में ठहरने की जगह दी जाएगी। वहीं अजीजिया वालों को हरम शरीफ यानी काबा से थोड़ी दूरी पर ठहराया जाएगा। इससे उन्हें किसी वाहन से काबा तक पहुंचना होगा। उन्हें काबा से दूर रहने के कारण खाना अपने फ्लैट में ही बनाने की छूट मिलेगी।

 

9 अगस्त से फ्लाइट, हर दिन 300 लोग जाएंगे
रांची से इस बार 9 अगस्त से लेकर 18 अगस्त तक हर दिन एक फ्लाइट उड़ान भरेगी। सऊदी अरब की नास एयरवेज को यात्रियों को ले जाने का टेंडर मिला है। चूंकि इंडियन एयरलाइंस के पास देश भर के सभी 21 हवाई अड्डों से यात्रियों को ले जाने के लिए पर्याप्त फ्लाइट नहीं है, इसलिए टेंडर के जरिए कुछ और एयरलाइंस को भी यह काम दिया गया है। रांची से दस दिनों तक जो हवाई जहाज यात्रियों को लेकर जाएगी, उसकी कैपिसिटी 300 सीटों की है। इस बार झारखंड से 3306 लोगों ने हज यात्रा के लिए आवेदन किया है। राज्य का कोटा 3311 यात्रियों का है। रांची से एक साल के एच् बच्चे का भी हज यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन हुआ है, जो अपने माता-पिता के साथ हज पर जाएगा1

 

सिम कार्ड देने की रखी मांग
दिल्ली में हाल ही में हज कमेटी ऑफ इंडिया की एक बैठक हुई थी, जिसमें झारखंड से कमेटी के सदस्य सह प्रवक्ता खुर्शीद हसन रूमी भी शमिल हुए। उन्होंने झारखंड के यात्रियों की ओर से तीन मांगें रखीं, जिस पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने सहमति जतायी है। उन्होंने कमेटी को बताया कि पिछले साल हज यात्रियों को सिम कार्ड नहीं मिला था, इसलिए उन्हें अपने परिजनों से बात करने में बहुत परेशानी हुई थी। इसे देखते हुए इस बार इंबार्केशन प्वाइंट पर ही सिम कार्ड देने की मांग रखी गयी। इसके अलावा कुर्बानी के लिए अदाही कूपन भी पहले देने और पासपोर्ट तथा वीजा फ्लाइट से 15 दिन पहले उपलब्ध कराने की मांग रखी गयी।