ब अगर ये वास्तव में मुन्ना शुक्ला हैं, तो सवाल उठता है कि क्या बिहार की जेलों में कैदियों की मनमर्जी चलती है? अगर नहीं, तो कोई ना कोई व्यक्ति मुन्ना शुक्ला की फेक आईडी बनाकर उसका मिसयूज कर रहा है. 

बिहार की जेलों में आए दिन कोई ना कोई खेल अब सही मायने में मामूली-सी बात हो गई है। जेल के अंदर डॉक्टर की हत्या हो या फिर कैदियों को आपस में भिड़ जाना बहुत छोटी बातें हो गई हैं। अब तो जेल की चारदिवारी में सलाखों के पीछे बंद दुर्दांत अपराधी हाईटेक होने लगे हैं। वे जेल में बैठते हैं, लेकिन अब फैंस और दोस्तों से बातें भी करते हैं। कैसे तो इसका सहज और सीधा सा जवाब है। सोशल नेटवर्किंग साइट्स।

कुछ नहीं छिपा है एडमिनिस्ट्रेशन से

बिहार की जेलों में क्या चल रहा है, ये एडमिनिस्ट्रेशन से छिपा हुआ नहीं है। आए दिन बिहार की जेलों में छापेमारी, कैदियों के बीच आपसी द्वंद्व या वर्चस्व की लड़ाई की खबरें अखबारों में जगह पाती हैं। वहीं, मुजफ्फरपुर की सेंट्रल जेल में कुछ और ही खेल चल रहा है। यहां से कम्प्यूटर, लैपटॉप या फिर आई फोन से ऑनलाइन होने का खेल चल रहा है। मुजफ्फरपुर की इसी सेंट्रल जेल में बंद हैं कृष्णैया मर्डर केस के आरोपी विजय शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला। कृष्णैया मर्डर केस के साथ ही श्री शुक्ला पर 17 दूसरे तरह के क्रिमिनल मामले भी चल रहे हैं।

वॉल पोस्ट से फ्रेंड्स के जवाब तक
मुजफ्फरपुर की इस सेंट्रल जेल में हाई सिक्योरिटी सेल में बंद मुन्ना शुक्ला इन दिनों सहजता से अपने फ्रेंडस, फैंज और चाहने वालों के लिए दिन के किसी ना किसी वक्त सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर ऑनलाइन हो जाते हैं। फिर वे इसी नेटवर्किंग साइट पर हैप्पी बर्थ डे की विशेज एक्सेप्ट करते हैं। अपने फ्रेंडस और फैंस को थैंक्स कहते हैं। मौका मिला, तो वॉल पोस्ट पर कुछ मैसेज भी लोगों को करते हैं. 

बनाइए फ्रेंड या बनिए फैन

मुन्ना शुक्ला के बारे में फेसबुक सोशल नेटवर्किंग साइट पर तमाम जानकारियां हैं। जो सच हैं। जैसे वे खुद के बारे में कहते हैं वे एक सोशल वर्कर हैं। उन्होंने दो मोबाइल नंबर भी फेस बुक पर दिए हैं। अपने स्टेटस को हाई-फाई मोबाइल्स (आईफोन)से अपडेट भी करते हैं। आइटम गर्ल राखी सावंत के बारे में भी लिखते हैं। मुन्ना शुक्ला की फेसबुक प्रोफाइल हाईटेक है। इनकी प्रोफाइल में वो सबकुछ है, जो किसी टेक्नो-फ्रेंडली व्यक्ति की प्रोफाइल में होती है। उनकी फ्रेंड्स लिस्ट भी लंबी है। हालांकि यह संख्या उनके वोटर्स से कहीं कम है। उनकी फ्रेंड लिस्ट में अभी टोटल 424 फ्रेंड्स भी हैं, जिनमें उनकी बेटी श्रुति शुक्ला के साथ ही देश के जाने-माने पॉलिटिशियन जगदीश टाइटलर भी हैं।

पर, एडमिनिस्ट्रेशन को है इंकार

वहीं, विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला के सोशल साइट पर ऑन लाइन होने से मुजफ्फरपुर जेल के ऑफिशियल्स इंकार करते हैं। करीब तीन से चार लोग जो इस जेल में पोस्टेड हैं, बताते हैं कि मुन्ना शुक्ला ऑन लाइन कैसे हो सकते हैं? उनके पास ना जो मोबाइल है और ना ही लैपटॉप या कम्प्यूटर। उन्हें हाई सिक्योरिटी सेल में रखा गया है। उन्हें सेल से सुबह छह बजे निकाला जाता है और शाम को छह बजे फिर बंद कर दिया जाता है। सेल में बंद होने के बाद अमूमन वे किताबें पढ़ते हैं या फिर आराम करते हैं।

श्रुति शुक्ला के नाम पर भी

विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला की बेटी हैं श्रुति शुक्ला। फेसबुक पर श्रुति शुक्ला की भी फेसबुक आईडी है। अब सवाल ये है कि क्या यह आईडी भी फर्जी है या ओरिजनल। दरअसल, मुन्ना शुक्ला की फैमिली मेंबर में श्रुति शुक्ला दिखती हैं। जाहिर है मुन्ना शुक्ला ने फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजा होगा और श्रुति ने उसे एक्सेप्ट किया होगा, तभी तो श्रुति उनके फैमिली मेंबर में दिख रही हैं। अब अगर मुन्ना शुक्ला की सोशल साइट पर आईडी सही है, तो श्रुति शुक्ला की भी सही हैं। अगर नहीं, तो मुन्ना शुक्ला और श्रुति दोनों की आईडी फेक हो सकती है। याद रहे कि मुन्ना शुक्ला की बेटी श्रुति ने फेसबुक पर अपनी आईडी में सिर्फ कुछ प्रोफाइल और पर्सनल  इंफॉरमेशन ही शेयर किए हैं।