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- परिवार नियोजन व मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए होगी काउंसलर की तैनाती
GORAKHPUR: बढ़ती जनसंख्या, परिवार नियोजन के साथ मातृ मृत्यु दर की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग जिले में महिला काउंसलर की तैनाती करने जा रहा है। काउंसलर प्रेग्नेंट लेडी को बताएंगी कि परिवार नियोजन और दूसरे बच्चे के जन्म के बीच में कितना डिफरेंस रखना चाहिए। काउंसलर की तैनाती उन हॉस्पिटल में होगी जिनमें एक महीने में 200 से अधिक डिलीवरी होती हैं।
अवेयर नहीं हैं अधिकतर महिलाएं
गांव की महिलाएं परिवार नियोजन को लेकर अवेयर नहीं हैं। ऐसे में कई महिलाएं दूसरे बच्चे के जन्म में एक साल तक का भी डिफरेंस नहीं रख पाती हैं। इससे बच्चे और मां दोनों की जान को खतरा हो सकता है।
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यह जानकारी देंगी काउंसलर
- महिलाएं अपना ध्यान कैसे रख सकती हैं।
- खाने में क्या-क्या खाएं, जिससे बच्चे को पौष्टिक आहार मिल सके।
- परिवार नियोजन के बारे में भी देंगी जानकारी।
- प्रेग्नेंसी से लेकर बच्चा जन्म होने तक के बारे में देंगी जानकारी।
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इसलिए जरूरी है काउंसलिंग
यह देखने में आया है कि प्रेग्नेंट लेडी शुरुआती दौर में अपने सेहत का ख्याल नहीं रखती हैं। इसके चलते तरह-तरह की बीमारियां होती है। डॉक्टर्स से परामर्श लेने के बाद भी वे चूक कर जाती हैं जिसका खामियां उन्हें भुगतना पड़ता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अमूमन इस समय प्रेग्नेंसी के पहले ही ज्यादातर महिलाओं में बच्चा नुकसान होने का केस आ रहा है जो कि उनकी जान के लिए काफी खतरनाक है। मृत्यु दर के आंकड़े को कम करने के लिए ही काउंसलिंग की व्यवस्था की जा रही है।
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जिला महिला अस्पताल में 21 जुलाई से अब तक
नार्मल डिलीवरी---353
सिजेरियन------60
भर्ती---------512
रेफर केस-------21
मौत---------00
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जिन हॉस्पिटल में हर माह 200 से अधिक डिलीवरी केसेज होते हैं, वहां काउंसलर की तैनाती की जानी है ताकि वे प्रेग्नेंट लेडीज को बताएं कि उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। इसका उद्देश्य परिवार नियोजन व मृत्यु दर को कम करना है।
- डॉ। एके गुप्ता, एसआईसी, जिला महिला अस्पताल