-डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में गड़बड़ी रोकने को प्रेरक पत्रों की होगी क्रॉस चेकिंग

-हॉस्पिटल में संबंधित क्षेत्र से बाहर की आशा बहू को नहंी जारी होगा प्रेरक पत्र

BAREILLY: फीमेल हॉस्पिटल में आशा बहुओं के प्रेरक पत्रों पर अब नजर रखी जाएगी। मोटिवेशनल सर्टिफिकेट में फर्जीवाड़े की शिकायतों के बाद फीमेल हॉस्पिटल में इसे लेकर पहले से ज्यादा सावधानी बरती जा रही है। क्म् अक्टूबर को हॉस्पिटल में एक आशा बहू के पास तीन संदिग्ध प्रेरक पत्र मिले। फीमेल हॉस्पिटल की सीएमएस डॉ। स्नेहलता सिंह ने क्म्अक्टूबर को एक आशा बहू के पास मिले प्रेरक पत्रों पर संदिग्ध सिग्नेचर व मुहर देखी। जिसके बाद इसे जांच के लिए सीएमओ ऑफिस भेज दिया गया। प्रेरक पत्रों में फर्जीवाड़े से आशा बहुओं के संस्थागत डिलिवरी कराने के नाम पर म्00 रुपए पर डिलिवरी पैसा लेने के आरोप लगे हैं।

जांच के बाद बनेंगे सिर्टफिकेट

गांव-कस्बों व दूर दराज के इलाकों में भी महिलाओं को सेफ डिलिवरी की सुविधा दिलाने के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं। इन्हीं में आशा बहुओं को भी जिम्मेदारी दी गई हैं कि वे महिलाओं को हॉस्पिटल तक लेकर आएं और संस्थागत डिलिवरी के लिए मोटिवेट करें। डिलिवरी के बाद आशा बहुओं को प्रेरक पत्र व म्00 रुपए दिए जाते हैं। दो हफ्ते पहले हॉस्पिटल में संदिग्ध केस मिलने के बाद सीएमएस ने इस बारे में सावधानी बरतनी शुरू कर दी है। सीएमएस ने हॉस्पिटल से बनने वाले प्रेरक पत्र जारी करने से पहले आशा बहुओं के संबंधित क्षेत्र से होने की पुष्टि करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही बनाए गए प्रेरक पत्रों की क्रॉस चेकिंग किए जाने को कहा है।

नहीं मिलेगा प्रेरक प˜ा और पैसा

पीएचसी व सीएचसी से रेफर हुए प्रेग्नेंसी केसेज लेकर आई आशा बहुओं का क्षेत्र अगर फीमेल हॉस्पिटल से संबंधित न रहा तो उन्हें प्रेरक पत्र व पैसे का लाभ नहीं दिया जाएगा। संस्थागत डिलिवरी कराने में मदद के बावजूद उन्हें इसका लाभ लेने को नहीं मिलेगा। सीएमएस ने बताया कि हॉस्पिटल में ईएमओ की पूरी जांच के बाद ही सर्टिफिकेट जारी किए जा रहे हैं। साथ ही सिर्फ डॉक्टर्स को ही प्रेरक पत्र बनाए जाने की जिम्मेदारी दी गई है। स्टाफ को इससे दूर रखा गया है। जिससे किसी गड़बड़ी या फर्जीवाड़े की संभावना न रहे।

प्रेरक पत्र बनाने की जिम्मेदारी डॉक्टर्स को ही दी गई है। स्टाफ को इस काम से दूर रखा गया है। आशा बहुओं की जांच के बाद ही ईएमओ को प्रेरक पत्र दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं। - डॉ। स्नेहलता सिंह, सीएमएस