- तंबाकू का रोजाना होता है 35 लाख का कारोबार

- जिले में तंबाकू की थोक की करीब 40 दुकानें

- गली-गली में बिकता है रिटेल में चबाने वाला तंबाकू

Meerut : वैसे तो तंबाकू के हर हर पैकेट पर लिखा होता है कि 'सेहत के लिए हानिकारक' है। इसके बाद लाखों रुपए की तंबाकू खाई और बेची जा रही है। जिले में थोक की दुकानों की संख्या तो है, लेकिन हर गली में रिटेल में बिकने वाली तंबाकू का तो कोई हिसाब नहीं है। ताज्जुब की बात तो ये हैं कि तंबाकू से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसके बाद भी तंबाकू खाने वाले लोगों की संख्या और बिक्री में कोई कमी नहीं आई है, बल्कि लगातार बढ़ रही है। आइए आज चबाने वाले तंबाकू सेवन की ही बात करते हैं।

फ्भ् लाख रुपए का कारोबार

जिले में चबाने वाले तंबाकू की बिक्री लगातार बढ़ती जा रही है। अगर बात डेली की करें तो चबाने वाले तंबाकू का डेली कारोबार करीब फ्भ् लाख रुपए है। थोक कारोबारी नितिन कुमार की मानें तो वैसे तो चबाने वाले तंबाकू के कारोबार का अनुमान लगाना तो मुश्किल है। फिर भी इसका कारोबार हर रोज फ्भ् लाख से कम नहीं होगा। अगर इसी हिसाब से महीने के कारोबार की बात करें तो क्0.भ् करोड़ रुपए बैठ रहा है। जबकि साल की बात करें तो क्ख्म् करोड़ रुपए का कारोबार है।

रिटेल का कोई हिसाब नहीं

अगर बात दुकानों की करें तो जिले में खैरनगर और लाला का बाजार में करीब ब्0 दुकानें हैं। खैरनगर बाजार में थोक की दुकान लगाने वाले अशोक बताते हैं कि थोक की दुकानें तो गिनती की हैं, जहां डेली लाखों रुपए का सामान रिटेल कारोबारी लेकर जाते हैं। रिटेल की दुकानों का कोई हिसाब नहीं है। हर गली में दुकान है। अब मेरे पास ही डेली दो दर्जन से अधिक रिटेल की कारोबारी आकर सामान लेकर जाते हैं।

कई तरह के तंबाकू

अब चबाने वाले तंबाकू में कई तरह की वैरायटी आ गई हैं। बांबे बाजार में रिटेल कारोबारी नवीन पाल की मानें तो अब तंबाकू भी कई तरह के आने लगे हैं। कई लोग मसाला और तंबाकू अलग-अलग लेते हैं। कई लोग खैनी के रूप में तंबाकू की डिमांड करते हैं। तो कई लोग ऐसे हैं, जो चूना तंबाकू मिक्स करके खाते हैं। इन सबमें मसाला और तंबाकू को अलग-अलग लेने वाले सबसे ज्यादा हैं। तीनों के कारोबार के बारे में बता पाना काफी मुश्किल है।

दस से ब् लोग करते हैं सेवन

अगर तंबाकू खाने वाले लोगों की बात करें तो हर दस में से ब् लोग चबाने वाले तंबाकू का सेवन कर रहे हैं। इस बात को पुख्ता करने के लिए मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ। टीवीएस आर्या की मानें तो पूरे जिले में फ्भ् से ब्0 फीसदी लोग चबाने वाले तंबाकू के एडिक्ट हैं। अगर बात शहर की करें तो यहां पर फ्0 फीसदी लोग ही चबाने वाले तंबाकू का सेवन करते हैं। वहीं ग्रामीण इलाकों में इनकी संख्या ब्0 से भ्0 फीसदी हो जाती है। वहीं यूथ की बात करें तो जिले फ्भ् फीसदी चबाने वाले तंबाकू का सेवन करते हैं।

फैक्ट एंड फिगर

- जिले में डेली चबाने वाले तंबाकू का कारोबार फ्भ् लाख।

- जिले में थोक की दुकानें करीब ब्0.

- फ्भ् से ब्0 फीसदी लोग चबाने वाले तंबाकू के एडिक्ट।

- शहर में फ्0 फीसदी लोग ही चबाने वाले तंबाकू के एडिक्ट।

- ग्रामीण इलाकों में ब्0 से भ्0 फीसदी लोग चबाने वाले तंबाकू के एडिक्ट।

- जिले में फ्भ् फीसदी यूथ चबाने वाले तंबाकू के एडिक्ट।