- रिम्स छोड़कर अन्य अस्पतालों के डॉक्टर्स कर सकते हैं प्राइवेट प्रैक्टिस

- अगले साल से एमबीबीएस की 600 सीटों पर शुरू होगी पढ़ाई

- महज 500 रुपए के प्रीमियम पर अब हर परिवार का होगा हेल्थ इंश्योरेंस

RANCHI (10 Sep) : राज्य के सरकारी चिकित्सकों के निजी प्रैक्टिस पर रोक का अभी कोई प्रस्ताव तैयार नहीं हुआ है। फिलहाल रिम्स के ही डॉक्टरों पर यह नियम लागू है। वे प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं कर सकते। अन्य सरकारी डॉक्टरों के लिए इस संबंध में फिलहाल कोई नीति न तो बनी है और न ही ऐसा कोई प्रस्ताव आया है। रघुवर सरकार के हजार दिन पूरे होने के मौके पर स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने रविवार को मीडिया के समक्ष अपने विभाग की उपलब्धियां गिनायीं। उन्होंने डॉक्टरों की कमी से लेकर एम्बुलेंस तक की चर्चा की और राज्य में तीन नये मेडिकल कॉलेज की स्थापना को पूरे कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया।

दोगुनी होंगी एमबीबीएस की सीटें

श्री चंद्रवंशी ने बताया कि एमबीबीएस की सीटों को फ्00 से बढ़ाकर म्00 किया गया है। अगले साल यानी ख्0क्8-क्9 से बढ़ी हुई तीन सौ सीटों पर पढ़ाई शुरू होगी। दुमका, पलामू और हजारीबाग में केंद्र प्रायोजित योजना के तहत 88भ्.ख्भ् करोड़ रुपए की लागत से मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल खोले जाएंगे। तीन मेडिकल कॉलेजों के निर्माण का काम चल रहा है। सभी में भ्00 बेड के हॉस्पिटल भी होंगे।

क्भ् नवंबर से शुरू होगी स्वास्थ्य बीमा योजना

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत हर परिवार का स्वास्थ्य बीमा किया जा रहा है। इस योजना के तहत कुल जनसंख्या के 80 फीसदी लोगों को शामिल करने की तैयारी है। स्वास्थ्य बीमा में भ्00 रुपए प्रीमियम देकर एक साल में परिवार के नामित सदस्यों को दो लाख रुपए तक के इलाज का लाभ मिलेगा।

जल्द शुरू होगी क्08 नंबर पर एम्बुलेंस सेवा

उन्होंने कहा कि जल्द ही क्08 नंबर की एंबुलेंस सेवा को शुरू करने की योजना है। इसके अलावा रिम्स में कैंसर के लिए क्0 बेडेड वार्ड हो चुका है। इसके अलावा एमजीएम मेडिकल कॉलेज जमशेदपुर के परिसर में भ्00 बेड अस्पताल निर्माण के लिए ब्ख्9 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गयी है। धनबाद में पीएमसीएच में क्भ्0 करोड़ रुपए की लागत से सुपर स्पेशियालिटी ब्लॉक बनाया जा रहा है। इसके अलावा रिम्स में डेंटल कॉलेज की शुरूआत सत्र ख्0क्7-क्8 से करते हुए बीडीएस में भ्0 सीटों पर नामांकन किया गया है और रिम्स में पीजी सीटों की संख्या क्8फ् से बढ़कर क्9भ् की गयी है।

आबादी के अनुपात में होनी चाहिए दो हजार सीटें

इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि देश भर में एमबीबीएस की म्7000 सीटें हैं। दूसरी ओर, झारखंड की आबादी देश में तीन प्रतिशत है और उस अनुपात में यहां एमबीबीएस की ख्000 होनी चाहिए, लेकिन अभी मात्र फ्00 सीटें ही हैं और दुगुना होने के बावजूद यह मात्र म्00 सीटें ही होगी। उन्होंने बताया कि चिकित्सकों व विशेषज्ञों एवं स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पदों को भरने के लिए प्रक्रिया पूरी की जा रही है।