- शहर के स्कूलों में आयोजित हुआ लाइफबॉय की प्रस्तुति आई नेक्स्ट हेल्थ मीटर

- डॉक्टर्स ने जाना सेहत का हाल, रिपोर्ट कार्ड में लिखी एडवाइज

ALLAHABAD: देर नहीं हुई है। काफी वक्त बाकी है। अभी से अपने लाडले की देखभाल शुरू कर दीजिए। ऐसा न हो कि आज की छोटी सी प्रॉब्लम आगे चलकर बड़ी दिक्कत बन जाए। जी हां, लाइफबॉय की प्रस्तुति आई नेक्स्ट हेल्थ मीटर में आए डॉक्टर्स की राय कुछ ऐसी ही थी। उनके मुताबिक बच्चे अपनी छोटी-छोटी समस्याएं कह नहीं पाते, जिससे पैरेंट्स अनजान बने रहते हैं। इसलिए जरूरी है कि उनका टाइमली हेल्थ चेकअप कराया जाए। जिससे उनके भविष्य को स्वस्थ और निरोग बनाया जा सके।

प्रॉपर ब्रशिंग की आदत तो डालिए

एक्टिविटी के दौरान शहर के आठ स्कूलों के हजारों बच्चों का हेल्थ चेकअप किया गया। इस दौरान डेंटिस्ट्स ने बताया कि बच्चों के दांतों में कीड़े लगने की प्रॉब्लम काफी ज्यादा देखने को मिली। चाकलेट, टाफी, बिस्किट, आइसक्रीम और स्टिकी फूड खाने से दांतों में गंदगी जमा थी। सावित्री डेंटल हॉस्पिटल एंड मैक्सिलोफेशियल सेंटर के डॉ। वैभव शुक्ला ने बताया कि कई बच्चों को प्रॉपर ब्रशिंग की एडवाइज दी गई। उन्हें प्रैक्टिकली बताया गया कि कैसे ब्रश किया जाता है। उन्हें बताया गया कि ब्रश नहीं करने से मुंह से बदबू आती है।

बढ़ रहा है फ्लोरोसिस का खतरा

गंगा-यमुना बेल्ट में रहने वाले बच्चों के दांतों में फ्लोरोसिस की समस्या पाई गई। डॉ। रीमा शुक्ला व डॉ। प्रशस्त मिश्रा ने बताया कि पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक होने से दांत गंदे और कमजोर हो जाते हैं। इससे बचने के लिए साफ पानी पीना चाहिए। कई बच्चों ने बताया कि स्कूल में एडमिशन होने के बाद भी उनकी अंगूठा चूसने और बोतल से दूध पीने की आदत बनी हुई है, जिससे उनके आगे के दांत टेढ़े-मेढ़े हो गए हैं। कुछ बच्चों के टिफिन में फास्ट फूड और स्टिकी फूड मिला। इसके लिए उनके रिपोर्ट में हेल्दी फूड के लिए लिखा गया।

साबुन से हाथ धोना तो बनता है

स्कूल गोइंग बच्चों में हाइजीन की समस्या देखने में आई। हाथों के नाखून बढे़ पाए जाने पर उन्हें प्रॉपर कटिंग की एडवाइज दी गई। चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के एचओडी डॉ। डीके सिंह ने बताया कि कई बच्चों को खाने से पहले और टायलेट के बाद साबुन से हाथ धोने की सलाह दी गई। कुछ बच्चों ने बताया उनके पेट में दर्द होता है। उन्हें पेट के कीड़े मारने की दवा लेने की एडवाइज दी गई। भारी संख्या में बच्चे अंडरवेट पाए गए। उम्र के लिहाज से उनका वजन कम था। कुछ बच्चों में खून की कमी मिलने पर उन्हें प्रॉपर डाइट के लिए रिपोर्ट में कार्ड में लिखा गया।

प्रोटीन, विटामिन व कार्बोहाइड्रेट दीजिए

हेल्थ मीटर के दौरान लगभग सभी स्कूलों में पाया गया कि बच्चे प्रॉपर डाइट लेने के बजाय फास्ट फूड लेने में ज्यादा इंट्रेस्टेड हैं। पूछताछ में उन्होंने बताया कि पैरेंट्स उनकी सभी डिमांड पूरी करने में जरा भी देर नहीं लगाते। इससे उनमें पोषक तत्वों जैसे विटामिन, प्रोटीन और कैल्शियम की कमी बढ़ती जा रही है। इससे उनका शारीरिक विकास रुक सकता है। डॉ। अनंता जायसवाल ने बताया कि कुछ बच्चों ने बताया कि रात में सोने से पहले उनके हाथ-पैरों में दर्द होता है। ऐसे बच्चों को हरी सब्जी, दूध, अंडे, दालें, सोयाबीन, सलाद खाने की सलाह दी गई।

टीवी और कम्प्यूटर पर लगाइए ब्रेक

अगर आपका बच्चा देर रात तक टीवी देखता है या कम्प्यूटर फ्रेंडली है तो थोड़ा ध्यान देने की जरूरत है। इससे उसका आई विजन इफेक्ट हो सकता है। आई स्पेशलिस्ट्स द्वारा विजन चेकअप के दौरान पाया गया कि कई बच्चे दूर रखी चीजों को देख पाने में असमर्थ हैं। उन्हें धुंधला दिखाई देता है। ऐसे बच्चों को प्रॉपर इलाज के लिए मनोहर दास क्षेत्रीय नेत्र चिकित्सालय रिफर किया गया। डॉ। चंद्र प्रकाश ने बताया कि कम उम्र में ऐसे बच्चों को पॉवर का चश्मा लगवा दिया जाए तो उनकी आंखों की रोशनी बचाई जा सकती है। बच्चों ने शिकायत की कि पीछे बैठने से उन्हें ब्लैक बोर्ड पर लिखी चीजें साफ नजर नहीं आतीं।

सर, मुझे रात में दिखाई नहीं देता

कुछ बच्चों ने बताया कि उन्हें रात में साफ दिखाई नहीं देता। रतौंधी के शुरुआती लक्षणों को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें विटामिन ए लेने की हिदायत दी। डॉ। एके अखौरी ने बताया कि ऐसे बच्चों पर ध्यान देने की जरूरत है। उनके रिपोर्ट कार्ड पर इसके लिए पैरेंट्स को डायरेक्शंस दिए गए हैं। कई बच्चों ने शिकायत की कि उनकी आंखों में खुजली और जलन होती है। इनमें एलर्जी कंजक्टवाइटिस की प्रॉब्लम पाई गई। पांच से दस फीसदी बच्चों में भैंगापन के लक्षण नजर आए। सर्दी शुरू होते ही बच्चों के आंखों की पलकों में रूसी जमा होने की शिकायत भी मिली।

हेल्थ मीटर का स्कोर कार्ड

दांतों में कीडे़- ख्भ् से फ्0 फीसदी

फ्लोरोसिस की समस्या- ख्0 फीसदी

टेढे-मेढ़े दांत- ब्0 फीसदी

अंडर वेट होने की समस्या- क्0 से क्भ् फीसदी

एनीमिक- क्भ् से ख्0 फीसदी

हाइजीन की प्रॉब्लम- ब्0 से भ्0 फीसदी

पेट में कीड़े- भ् से क्0 फीसदी

कैल्शियम की कमी- क्0 से क्भ् फीसदी

लो आई विजन- ख्0 से ख्भ् फीसदी

एलर्जी कंजक्टवाइटिस- ख्0 से ख्भ् फीसदी

विटामिन ए की कमी- भ् से क्0 फीसदी

आज चार स्कूलों में होगी एक्टिविटी

आई नेक्स्ट हेल्थ मीटर के दूसरे दिन शहर के चार स्कूलों में बच्चों का बेसिक हेल्थ चेकअप किया जाएगा। इनमें एमपीवीएम गंगागुरुकुलम, प्रयागराज पब्लिक स्कूल, द मदर्स प्राइड स्कूल व ब्लू बेल स्कूल शामिल हैं। इन चारों स्कूलों में एमएलएन मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग, सरोजिनी नायडू चिल्ड्रेन हॉस्पिटल, सावित्री डेंटल हॉस्पिटल एंड मैक्सिलोफेशियल सेंटर, मनोहर दास क्षेत्रीय नेत्र चिकित्सालय के डॉक्टर्स बच्चों का चेकअप करेंगे। इसके पहले मंगलवार को शहर के आठ स्कूलों में हेल्थ मीटर एक्टिविटी का आयोजन किया गया, जिनमें कई हॉस्पिटल्स के डॉक्टर्स ने शिरकत की। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। एसपी सिंह ने किड्स वंडरलैंड स्कूल पहुंचकर बच्चों की आंखों को चेकअप किया।

इन स्कूलों में हुई एक्टिविटी

- डीपी पब्लिक स्कूल

- एमवी इंटर कॉलेज

- जीनियस पब्लिक स्कूल

- बाल मित्र स्कूल

- बाल मित्र आईसीएससी विंग

- ग्रीन लांस प्रिपरेटरी स्कूल

- एसपी कांवेंट इंटर कॉलेज

- किड्स वंडर लैंड

ये डॉक्टर्स रहे शामिल

सावित्री डेंटल हॉस्पिटल एंड मैक्सिलोफेशियल सेंटर-

डॉ। वैभव शुक्ला,डॉ। रीमा शुक्ला,डॉ। भरत टंडन,डॉ। प्रशस्त मिश्रा,डॉ। शुचि सिंह,डॉ। मधु,डॉ। आतिफ करीम,डॉ। हुमा,डॉ। अनुराग पांडेय,डॉ। अभिषेक,डॉ। अनुपम,डॉ। मनीष, डॉ। श्रुति

सरोजिनी नायडू चिल्ड्रेन हॉस्पिटल-

डॉ। प्रियंका गुप्ता,डॉ। अनंता जायसवाल,डॉ। बीपी सिंह,डॉ। एके त्रिपाठी,डॉ। रवींद्र

एमएलएन मेडिकल कॉलेज मेडिसिन विभाग

डॉ। अवधेश कुमार वर्मा,डॉ। राम मोहन पटेल,डॉ। आशुतोष तिवारी

मनोहर दास क्षेत्रीय नेत्र चिकित्सालय

डा। चंद्र प्रकाश,डॉ। अरुण सिंह,डॉ। एके अखौरी,डॉ। पीडी गुप्ता,डॉ। प्रदीप,डॉ। अमित

डॉ। शमी कपूर,डॉ। वीके चौधरी