क्या आप हेल्दी लाइफ स्टाइल के डू एंड डोंट को फॉलो करते हैं ? फ्राइड फूड, अनहेल्दी स्टफ अवॉइड करते हैं और रेग्युलर एक्सरसाइज भी करते हैं ? लेकिन फिर भी कुछ छोटी-छोटी चीजे मिस कर जाते हैं.
कुछ मिथ्स और फैक्रटस ना जानने की वजह से हम खाने के थ्रू कई तरह के कैमिकल्स भी बॉडी में ले लेते हैं.हम इस आर्टिकल में कुछ ऐसे ही फैक्ट्स डिसकस करेगें
Common table salt
Myth: कॉमन टेबल सॉल्ट रिफाइन और फ्री फ्लोइंग होने की वजह से अच्छा होता है. इसे टेस्ट के अकॉर्डिंग खाने में फ्रिक्वेंटली डाला जा सकता है.
Fact: टेबल सॉल्ट ब्लीच और लीच होने की वजह से उसमें सारे मिनिरल धुलकर बह जाते हैं. रिफाइन और आयोडीन वाले सॉल्ट को भी फ्लो फ्री बनाने के लिए उसमें सोडियम सिलिकेट, ब्लीच एलिमेंट और कैमिकल्स मिलाए जाते हैं. जोकि हेल्थ के लिए डेंजरेस हैं. डॉक्टर नंदिनी रस्तोगी का कहना है कि केमिकल्स बॉडी के लिए हॉर्मफुल हैं और सोडिम ज्यादा क्वॉटिटी में लेने से हार्ट पेशेंट को प्रॉब्लम हो सकती है. ब्लड प्रेशर भी बढ़ सकता है.
Solution: फ्री फ्लोइंग सॉल्ट की जगह रॉक सॉल्ट यूज करें. इसमें मिनिरल्स के अलावा कैल्शियम और मैग्नीशियम भी होता है.
Tea bags
Myth: टीबैग्स प्रॉपर पैकिंग होने की वजह से चाय बनाने का सेफ ऑप्शन है. रुटीन में इसका यूज करने से कोई प्रॉब्लम नहीं होगी.
Fact: टीबैग्स को बनाते समय उसमें एपिक्लोरोहाइड्रिन कैमिकल डाला जाता है. ये एक तरह का इन्सक्टेसाइट हैं जोकि प्लास्टिक बनाने में भी यूज होता है. बैग में टी को पैक करने से पहले उसे ब्लीच में डाला जाता है और उसकी एज को हीटसील करने के लिए भी कैमिकल का यूज होता है. जब आप अपने कप मे टी बैग को डालते हैं तो कैमिकल्स भी आपके रिफ्रेशिंग चाय में आ जाते हैं. ये केमिकल आपकी बॉडी में जाकर आपके इम्यून सिस्टम को वीक कर देते हैं.
Solution: टीबैग्स की जगह टी लीफ यूज करें. ग्रीन लीफ टी बेटर ऑप्शन है.
Food labels
Myth: फूड प्रोडक्ट खरीदते समय बस एक्सपायर डेट देखना काफी होता है. उसके लेबल में क्या इंफॉर्मेशन है उसे चेक करना जरूरी नहीं है.
Fact: फैक्ट तो ये है कि आपको एक्सपायर डेट के अलावा लेबल की इंफॉर्मेशन को भी चेक करना चाहिए. कई प्रोडक्ट में एक्सपायर डेट की जगह बेस्ट बिफोर लिखा होता है. ऐसे प्रोडक्ट को अवॉइड करें. ऑयल या ऐसी चीजे खरीदते समय उसमें मेंशन केमिकल्स जरूर वेक करें.
Solution: हम आपको कुछ चीजे बता रहे हैं अगर ये चीजे प्रोडक्ट में मेंशन है तो उसे न खरीदे.
1. जिन प्रोडक्ट में नाइट्रेट, नाइट्राइट, सल्फर डाई ऑक्साइड, सोडियम बेंजोएट हो.
2. प्रोसेस्ड फूड जिसमें GMOs कंटेन हो. W
3. जिस प्रोडक्ट में "ose" मेंशन हो उसे अवॉइड करें. इसका मतलब उसमें ग्लूकोज या ऐसा ही कुछ मिला हुआ है. ऐसी चीजे फ्लेवर तो देती हैं लेकिन हेल्थ के लिए डेंजरस होती हैं.
4. जिस प्रोडक्ट के इंग्रिडिएंट्स में नेचुरल फ्लेवरिंग या नेचुरल कलरिंग लिखा हो उसे भी अवॉइड करें. उसमें हार्मफुल केमिकल्स हो सकते हैं.
Oils
Myth: अच्छे ब्रांड का रिफाइंड ऑयल हेल्थ के लिए अच्छा होता है. उसे खरीदते समय कुछ देखने की जरूरत नहीं होती है.
Fact: ऑयल का भी प्रोसेसिंग प्रोसेस होता है. प्रोसेसिंग प्रोसेस के दौरान इसमें पानी, सॉल्ट और कई तरह के केमिकल्स मिलाए जाते हैं. ऑयल की प्रोसेसिंग और फिल्टरिंग के दौरान जो केमिकल्स उसमें डाले जाते हैं उससे विटामिन, एंजाइम्स और मिनिरल्स घुलकर निकल जाते हैं.
Solution: अनरिफाइंड सीसम एंड मस्टर्ड ऑयल यूज करिए.
Know microwave plastic
Myth: माइक्रोवेव में यूज करने के लिए प्लास्टिक कंटेनर या शीट आती है वो सेफ है. फ्रिज में जनरल यूज होने वाली प्लास्टिक बॉटल्स भी अच्छी प्लास्टिक की होने की वजह से सेफ हैं.
Fact:ये सोचना गलत है. प्लास्टिक की बनी चीजों में हार्मफुल केमिकल्स होते हैं. माइक्रोवेव में प्लास्टिक कंटेनर यूज करने से उसमें मौजूद प्वाइजनेस केमिकल खाने में आ जाते हैं. खाने को प्लास्टिक के कंटेनर में रखकर माइक्रोवेव में न कुक या गरम करें.
Solution: माइक्रोवेव में प्लास्टिक के कंटेनर की जगह मोटे ग्लास के माइक्रोवेव प्रूव कंटेनर का यूज करें. फ्रिज में पानी स्टोर करने के लिए प्लास्टिक के बजाय ग्लास के जग या बॉटल यूज करें.