शहर में पिछले पांच साल में 25 फीसदी बढ़े दिल के मरीज

मेनोपॉज से पहले 30-35 साल की महिलाओं के केसेज में हुआ इजाफा

BAREILLY:

तेज रफ्तार हो रही जिंदगी की भागमभाग में खुद का ख्याल न रख पाना हमेशा से ही सेहत पर भारी रहा है। इसी बेखयाली और बदले सामाजिक-प्राकृतिक परिवेश से दिल के रोगियों में भी साल दर साल इजाफा हो रहा। इसलिए दिल की दिक्कतों ने युवाओं को तो अपना निशाना बनाना शुरू किया ही, साथ ही अब यह आधी आबादी को भी तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है.हालांकि हार्ट अटैक पुरुषों की बीमारी मानी जाती रही है। लेकिन पिछले कुछ समय से महिलाओं में इसके केसेज में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है। वहीं दिल की बीमारी से युवा महिलाएं भी गंभीर खतरों की चपेट में हैं।

मेनोपॉज से पहले ही खतरा

कुछ साल पहले तक महिलाओं में मेनोपॉज की स्थिति के बाद ही दिल से जुड़ी बीमारियों की आशंका रहती थी.क्योंकि मेनोपॉज की स्थिति के बाद महिलाओं में एस्ट्रोजन हॉर्मोनल चेजेंस से हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता था। लेकिन पिछले कुछ समय में मेनोपॉज की स्थिति से पहले ही महिलाओं में दिल की बीमारी के केसेज देखने को मिल रहे हैं। शहर के वरिष्ठ कार्डियोलोजिस्ट डॉ। राजीव गोयल ने बताया कि हालांकि अभी इस तरह के केसेज की संख्या कम ही है। लेकिन आने वाले दिनों में महिलाओं में इस बीमारी का खतरा बढ़ा है।

फ्0-फ्भ् एजग्रुप भी निशाने पर

महिलाओं में मेनोपॉज की स्थिति ब्भ् से भ्0 साल के बाद ही आती है। लेकिन हेल्थ एक्सप‌र्ट्स के मुताबिक पिछले कुछ साल में इसमें चौंकाने वाले बदलाव देखने को मिले हैं। कई महिलाओं को ब्0 या इससे पहले ही मेनोपॉज की स्थिति से गुजरना पड़ रहा है। वहीं मेनोपॉज से पहले फ्0 से फ्भ् साल की हेल्दी लाइफ जी रही महिलाओं में भी हार्ट अटैक के केसेज मिलने लगे हैं। यह अटैक इतने गुपचुप तरीके से महिलाओं के दिलों पर वार करते हैं कि शुरू में बिना ईसीजी कराए इसका निदान करना मुश्किल है। स्वस्थ दिखने वाली महिलाओं के स्ट्रेस में रहने, खान पान में असंतुलन, एनवॉयरमेंटल चेंजस और केमिकल ऑल्ट्रेशन दिल की बीमारी की वजहें बन रही।

नो एक्सरसाइज भी वजह

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में कार्डियोलोजिस्ट डॉ। वीपी भारद्वाज ने महिलाओं में बढ़े हार्ट अटैक के लिए उनके लाइफ स्टका को जिम्मेदार माना है। बकौल डॉ। भारद्वाज भारतीय महिलाओं व ज्यादातर युवतियों में एक्सरसाइज न करने की आदत है। वहीं भारतीय परिवेश के खान पान में भी फैट की मात्रा ज्यादा होने से उनमें हाई कोलेस्ट्रोल होने और ब्लड प्रेशर बढ़ने की वजह बढ़ रही है। डॉ। भारद्वाज ने बताया कि कसरत के नाम पर सिर्फ टहलने की महिलाओं की आदत इस बीमारी से बचाव के लिए नाकाफी है।

ख्भ् फीसदी बढ़े केसेज

सिटी में दिल की बीमारी के मरीजों में पिछले ब् साल के दौरान ख्भ् फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। जिनमें महिला मरीजों की तादाद भी तेजी से बढ़ी है। हालांकि पिछले पांच सालों में ही सिर्फ महिला मरीजों में हार्ट डिजीज की तादाद भी ख्0 से ख्भ् फीसदी तक बढ़ गई है। इन बढ़े केसेज में भी घर संभालने के अलावा रोजगार या व्यवसाय की जिम्मेदारी उठा रही महिलाओं की तादाद ज्यादा है।

न रहे लापरवाह

हेल्थ एक्सप‌र्ट्स ने बताया कि करीब क्0 साल पहले तक शरीर में कोलेस्ट्रॉल का मेटाबोलिज्म फ्0 से ब्0 की उम्र में बदलता था। लेकिन मौजूदा समय में शरीर में कोलेस्ट्रोल का मेटाबोलिज्म कमजोर होने से ख्0-ख्भ् की उम्र में ही हाई कोलस्ट्रोल बढ़ने की शिकायत मिल रही। अगर समय पर ध्यान न दिया जाए तो दिल की धमनियों में ब्लॉकेज शुरू हो जाती है। दिल में सही मात्रा में खून पंप न होने से दबाव पड़ता है और हार्ट अटैक होता है। डॉक्टर्स ने बताया कि खाना खाने के बाद घबराहट होने, चलने फिरने में पसीना आने जैसे असामान्य लक्षण दिखने पर तुरंत हॉस्पिटल का रूख करें।

हार्ट अटैक के कारण

क्- मोटापा

ख्- डायबिटीज

फ्- स्मोकिंग-टेाबैको यूज

ब्- हाई कोलेस्ट्रोल

भ्- फैमिली हिस्ट्री

म्- स्ट्रेस

रोकथाम के उपाय

-बच्चों में बचपन से फास्ट फूड न खाने की आदत डाले

- फ्भ् साल के उपर की महिलाएं कोलेस्ट्रोल व बीपी चेक कराएं

- बच्चों की स्मोकिंग की आदत पर नजर रखें

- बचपन से ही एक्सरसाइज की आदत डलवाएं

- महिलाएं खासतौर से रेगुलर फिजिकल एक्टिविटीज पर ध्यान दें

- महिलाओं में मोटापे की शिकायत ज्यादा, वजन कंट्रोल करें

- पतली महिलाएं भी तनाव व अवसाद से दूर रहे

- मेनोपॉज के बाद रेगुलर बीपी चेक व कोलेस्ट्रोल की जांच कराएं

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परहेज इलाज से बेहतर है। महिलाएं रेगुलर एक्सरसाइज पर ध्यान दें। फ्0 की एज तक साल में कम से एक बार जरूर चेकअप कराएं। ब्0 साल या मेनोपॉज के बाद महिलाएं बीपी व कोलेस्ट्रोल की जांच को रूटीन चेकअप में शामिल करें। हार्ट अटैक के लक्षणों को नजरअंदाज न करें। - डॉ। राजीव गोयल, कॉर्डियोलोजिस्ट

महिलाएं टेंशन व स्ट्रेस फ्री लाइफ जीएं। भारतीय महिलाओं के खान पान में फैट बहुत ज्यादा और एक्सरसाइज न के बराबर है, इसे बदलें। मेनोपॉज के बाद कार्डियो न्यूरोसिस की कंप्लेन ज्यादा मिलती है। लेकिन हार्ट अटैक के खतरों पर भी जागरूक रहें। - डॉ। वीपी भारद्वाज, सीनियर कॉर्डियोलोजिस्ट,