Traffic rule और safety norms कोई नहीं करता follow
सिटी में ट्रैफिक एक मेजर कंसर्न है। आए दिन सिटी में रोड एक्सीडेंट के इंसिडेंट्स सामने आते रहते हैं। ट्रैफिक पुलिस और सेफ क्लब के द्वारा स्कूल कॉलेज और अन्य स्थानों पर ट्रैफिक अवेयरनेस प्रोग्राम चलाया जाता है, बावजूद इसके रोड एक्सीडेंट में कमी नहीं आयी है। इसका मुख्य कारण है लोगों की लापरवाही। जल्दी के चक्कर में लोग अपनी लाइफ से खिलवाड़ कर रहे हैं।

‘दुर्घटना से देर भली’ स्लोगन से नहीं है किसी को सरोकार
डेस्टिनेशन तक पहुंचने में थोड़ी देर भले ही हो जाए लेकिन सेफ ड्राइविंग करेंगे। इसी बात को ध्यान में रखते हुए ट्रैफिक पुलिस ने पिछले कुछ दिनों में ‘दुर्घटना से देर भली’ स्लोगन का खूब प्रचार किया लेकिन लोगों में इन स्लोगन का कुछ खास असर देखने को नहीं मिल रहा है। लोग ट्रैफिक नॉम्र्स के साथ ही सेफ्टी को लेकर भी अवेयर नहीं हैं। सभी हड़बड़ी में है, रोड पर व्हीकल लेकर निकलते के साथ ही हर कोई जल्द से जल्द गंतव्य तक पहुंचना चाहता है।

Outer road पर speed breaker बनाने की मांग
सिटी से सटे आउटर एरिया में तो लोग काफी तेजी से ड्राइव करते हैं। इसका एक मुख्य कारण इन आउटर रोड्स पर स्पीड ब्रेकर
का नहीं होना है। खाली रोड देखी नहीं कि व्हीकल की स्पीड 80 क्रास हो जाती है। यह स्पीड ड्राइव एक्सीडेंट का कारण बनता है और
इसमें जान तक चली जाती है। सुंदरनगर थाना एरिया में हाता रोड पर अक्सर एक्सीडेंट की घटनाएं होती है। अब लोग इस रोड पर स्पीड ब्रेकर बनाने की मांग कर रहे हैं, ताकि कम से कम इसी बहाने लोग व्हीकल की स्पीड कम तो करेंगे।

Drunken driving के कारण भी होते हैं accidents
जहां तक सिटी की बात है तो एक दिन पहले ही जुबिली पार्क के पास साकची मार्केट में फल बेचने वाले दो युवक ट्रक की चपेट में आकर गंभीर रुप से घायल हो गए थे। इसमें जितनी गलती ट्रक ड्राइवर की थी, उससे कम बाइकर्स की कतई नहीं थी। दोनों शराब के नशे में बाइक ड्राइव कर रहे थे, जबकि ट्रैफिक रूल में यह शामिल है कि शराब पीकर ड्राइविंग नहीं करनी है। इसके बावजूद सिटी में ऐसा हो रहा है। इसका कारण यह है कि हर जगह जांच होती नहीं और ट्रैफिक पुलिस के पास ब्रीथ एनालाइजर भी नहीं है।

लोग सेफ्टी के लिए नहीं पुलिस से बचने के लिए पहनते हैं हेलमेट
ट्रैफिक डीएसपी राकेश मोहन सिन्हा ने बताया कि पुलिस द्वारा लगातार ट्रैफिक अवेयरनेस प्रोग्र्राम चलाया जा रहा है। इसके तहत ट्रिपल राइडिंग, हेलमेट पहनना व स्पीड ड्राइविंग को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। आज भी लोग केवल पुलिस से बचने के लिए ही हेलमेट पहनते हैं। उन्हें सेफ्टी से कोई लेना-देना नहीं होता है। पुलिस की चेकिंग होती दिख जाती है तो झट से वह हेलमेट पहन लेते हैं।

लोग सेफ्टी के लिए नहीं बल्कि पुलिस से बचने के लिए हेलमेट पहनते हैं। हमारा मकसद पेनल्टी नहीं सेफ्टी है। ट्रैफिक व सेफ्टी रुल्स के प्रति अवेयर न होने के कारण रोड एक्सीडेंट की घटनाएं भी हो रही है।
-राकेश मोहन सिन्हा, डीएसपी (ट्रैफिक)

Report by : jamshedpur@inext.co.in