प्रथा मानव निर्मित

भाजपा सांसद हेमा मालिनी कल शिरडी के साईं मंदिर में दर्शन करने पहुंची थी। इस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र में शिरडी के पास स्थित शनि शिंगणापुर वाले मामले पर अपना बयान दिया। उनका कहना है कि शनि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक की प्रथा महज एक अफवाह है। कुछ पुरुष समुदाया को बढ़ावा देने वाले लोगों ने इस प्रथा को बना रखा है। जिससे साफ है कि यह प्रथा बस मानव निर्मित है। यह बात हमेशा से कही जाती है कि ईश्वर महिला और पुरुष में कोई अंतर नहीं मानते हैं। महिला और पुरुष दोनों को ही मंदिर में प्रवेश की परमीशन होनी चाहिए। लोगों को मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर बैन लगाने का कोई हक नहीं है। वह इसके खिलाफ हैं। आखिर दोनों ही वहां पर पूजा के लिए जाते हैं तो ऐसे नियमों का लागू करना कहां से ठीक है।

अपवित्र घोषित किया

बतातें चलें कि हाल ही में शनिवार को महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर में एक महिला ने शनिदेव को तेल दिया था। जिसके बाद बवाल मच गया। पुजारियों ने मूर्ति को ही अपवित्र घोषित कर दिया। उनका कहना था कि महिला ने शनिदेव को अशुद्ध कर दिया। कहा जा रहा था कि इस महिला ने 400 वर्षों पुरानी प्रथा को तोड़ दिया है। यहां मंदिर के भीतर लंबे समय से महिलाओं को पूजा करने की इजाजत नहीं है। हालांकि इस घटना के बाद मंदिर प्रशासन ने 6 सेवादारों को निलंबित कर मूर्ति का शुद्धिकरण किया गया। वहीं मंदिर ट्रस्ट ने महिलाओं के इस मंदिर में पूजा ना करने देने के पीछे मुंबई हाईकोर्ट का हवाला दिया। इस मामले की पूरे देश में निंदा हुई।

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