-फाफामऊ में उतरा हरक्युलिस, घायलों को पहुंचाया हॉस्पिटल

-पचास साल बाद फाफामऊ हवाई पट्टी पर किया गया युद्धाभ्यास

-चालीस घायल सैनिकों को तत्काल पहुंचाया लखनऊ

ALLAHABAD: यह ऐतिहासिक पल था। पचास साल बाद वायुसेना का सुपर हरक्यूलिस विमान फाफामऊ एयर फील्ड पर उतरा और देखते ही देखते चालीस घायलों को लेकर लखनऊ अमौसी हवाई अड्डा रवाना हो गया। इस अनोखे पल को देखने के लिए एयर फोर्स के अधिकारी व जवानों सहित भारी संख्या में पब्लिक भी मौजूद थी। हरक्यूलिस के हैरतअंगेज कारनामे देख सब हैरान रह गए। सेना द्वारा गगन शक्ति युद्धाभ्यास का आयोजन शुक्रवार सुबह किया गया। इसमें घायलों को बचाने संबंधी आपदा राहत कार्यप्रणाली का बखूबी प्रदर्शन हुआ।

अधूरी हवाई पट्टी पर उतरा

बमरौली से तीस किमी दूरी पर स्थित फाफामऊ एयर फील्ड का दूसरे विश्वयुद्ध के बाद कभी इस्तेमाल नहीं हुआ। शुक्रवार को पचास साल बाद यहां युद्धाभ्यास के तहत वायुसेना के सी 130 सुपर हरक्यूलिस विमान को उतारा गया। बता दें कि इस बीच इस एयरफील्ड की न तो मरम्मत हुई और न ही कोई इस्तेमाल। फिर भी महज 4000 फीट लंबी हवाई पट्टी हरक्यूलिस विमान को सहजता से लैंड कराया गया।

तेजी से घटा घटनाक्रम

युद्धाभ्यास के दौरान दिखाया गया कि फाफामऊ के निकट एक कन्वॉय दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसकी सूचना बमरौली स्टेशन को मिली और तत्काल एक इमरजेंसी टीम फाफामऊ रवाना कर दी गई। इसी बीच राहत कार्य में महारत प्राप्त गोरखपुर वायुसेना स्टेशन की टीम की ओर से हताहतों को क्रिटिकल केयर में कोस्टेवलाइजिंग की सुविधा प्रदान की जाती है। राहत टीम को तत्काल सक्रिय करते हुए दल को एन 32 के जरिए दो घंटे के अंदर इलाहाबाद पहुंचा दिया गया। साथ ही घायलों को हवाई मार्ग से इलाहाबाद भेजने के लिए तैयार किया गया। पूरी रूपरेखा नागरिक प्रशासन और सीआरपीएफ फाफामऊ ने तैयार की थी।

कौतूहल का विषय बना हरक्यूलिस

सुबह ठीक नौ बजे हरक्यूलिस ने फाफामऊ एयरफील्ड पर लैंड किया। इस दौरान घायल 40 सैनिकों को प्लेन पर चढ़ाया गया। पूरे ऑपरेशन में महज आधे घंटे का समय लगा और इसके बाद प्लेन ने अमौसी हवाई अड्डे लखनऊ के लिए उड़ान भरी। ताकि घायलों को जल्द से जल्द राहत उपलब्ध कराई जा सके। इस अभ्यास का उद्देश्य सैन्य चिकित्सा कंटिजेंसी का अभ्यास करना था। बताया गया कि हवाई मार्ग से भारतीय वायुसेना सफल आपरेशन को कैसे अंजाम देती है। एयर वाइस मार्शल राजेश ई सर ने अभ्यास का निकट पर्यवेक्षण किया। मध्य वायु कमान के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी एयर कमोडोर एस मुखर्जी के मार्गदर्शन में संचालन किया गया। ग्रुप कैप्टन गणेश और विंग कमांडर रश्मि ने उनका सहयोग किया। ग्रुप कैप्टन व्यास और विंग कमांडर वेद प्रकाश के सहयोग से एयर कमोडोर एस श्रीवास्तव के नेतृत्व में कार्यक्रम को सफलतापूर्व अंजाम दिया गया। मौके पर विंग कमांडर जनसंपर्क अधिकारी रक्षा मंत्रालय अरविंद सिन्हा समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

क्या था युद्धाभ्यास में स्पेशल

-हरक्युलिस ऐसा विमान है जो अधूरी और कम इस्तेमाल हुई हवाई पट्टी पर आसानी से लैंडिंग और उड़ान भर सकता है।

-इस एयर फील्ड पर पचास साल बाद किसी विमान की पहली लैंडिंग थी।

-गोरखपुर को एयर ट्रांसपोर्ट के क्रिटिकल केयर में महारत प्राप्त है।

-हरक्यूलिस ने सुबह 7:30 बजे दिल्ली से इलाहाबाद के लिए उड़ान भरी थी।

-युद्धाभ्यास के दौरान नागरिक प्रशासन द्वारा राहत प्रदान करने के लिए ग्रीन कॉरीडोर मुहैया कराया गया।