प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व राज्य सरकार से जवाब-तलब

<प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व राज्य सरकार से जवाब-तलब

ALLAHABAD: ALLAHABAD: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गंगा प्रदूषण मामले में राज्य सरकार, केंद्रीय व राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कानपुर, इलाहाबाद व वाराणसी के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट व गंदे नालों के प्रबंधन ऊपर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने तीन सप्ताह का समय देते हुए पूछा है कि सीवर से निकलने वाला पानी सीधे गंगा में जा रहा है या नहीं? इसकी जानकारी के साथ गंगा किनारे बसे अन्य शहरों की स्थिति की भी जानकारी उपलब्ध कराई जाए। कोर्ट ने कहा है कि कानपुर चर्म उद्योग हटाने के मुद्दे पर अगली तारीख पर सुनवाई होगी।

गंगा में जा रहा है गंदा पानी

गंगा प्रदूषण मामले की सुनवाई जस्टिस दिलीप गुप्ता तथा जस्टिस यशवंत वर्मा की खंडपीठ कर रही है। याचिका पर अधिवक्ता वीसी श्रीवास्तव ने कोर्ट के विभिन्न निर्देशों की अवहेलना करने का आरोप लगाया। न्यायमित्र अरुण गुप्ता ने कोर्ट को जनहित याचिका में उठाए गए मुख्य बिंदुओं का चार्ट बनाकर दिया और कहा कि सीवेज ट्रीटमेंट का सही संचालन न करने के कारण गंदा पानी गंगा में जा रहा है। साथ टेनरी का पानी भी गंगा को प्रदूषित कर रहा है। इन्होंने कानपुर से टेनरियों को अन्यत्र शिफ्ट किए जाने पर बल दिया। साथ ही औद्योगिक उत्सर्जन की गंगा में आने से रोका जाए। इनका कहना था कि नदियों का पानी नहरों में डालने से गिरते जलस्तर को बचाया जाए तथा बाढ़ एरिया से अतिक्रमण हटाए जाए। गुप्ता ने कूड़ा निस्तारण संयंत्र गंगा किनारे न लगाने की मांग की और कहा कि माघ मेले के दौरान गंगा में पर्याप्त जल प्रवाह कायम रखा जाए।