एकेटीयू के वीसी को हटाने की मांग हाईकोर्ट ने वीसी से मांगा जवाब

-चार सप्ताह में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश

LUCKNOW :

हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने डॉ। एपीजे अ4दुल कलाम टे1िनकल यूनिवर्सिटी (एकेटीयू) के कुलपति विनय कुमार पाठक को हटाने संबंधी याचिका पर उन्हें नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। कोर्ट ने इसके अगले दो सप्ताह में याची को भी प्रत्युत्तर दाखिल करने का निर्देश दिया है।

फर्जी अनु5ाव दर्शाने का आरोप

यह आदेश जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस आरएस चौहान की बेंच ने चंद्रशेखर की याचिका पर पारित किया। याची के अधिवक्ताओं आरसी स1सेना व सौरभ स1सेना के अनुसार याचिका में कहा गया है कि विनय कुमार पाठक ने उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी, हल्द्वानी में कुलपति पद हासिल करने के लिए वर्ष 2009 में दिए अपने बॉयोडाटा में खुद को 18 जनवरी, 2006 से प्रोफेसर होना बताया है, जबकि वह वर्ष 2006 में प्रोफेसर के पद पर एचबीटीयू कानपुर में नियुक्त हुए। यह फर्जी अनुभव दर्शाने का मामला है। इसी आधार पर वह वर्धमान ओपन यूनिवर्सिटी, कोटा, राजस्थान में वर्ष 2013 में कुलपति के पद पर नियुक्त किए गए। वर्ष 2015 में वह एकेटीयू के कुलपति पद पर नियुक्त हुए।

सीबीआई जांच की मांग

याचिका में उनके खिलाफ अधिकार-पृच्छा रिट जारी करने की प्रार्थना की गई है। याचिका में उनके एचबीटीयू में भी कार्यभार लेने का मामला भी उठाया गया है व उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई जांच कराने की मांग की गई है। वहीं कुलाधिपति व राज्य सरकार की ओर से पेश अधिवक्ताओं ने कहा कि इसी वर्ष एक जनहित याचिका दाखिल कर यही प्रार्थना की गई थी, जिसे कोर्ट ने आठ सितंबर को खारिज कर दिया था। वर्तमान याचिका भी उसी याचिका की पुनरावृत्ति है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद होगी।